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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir गीर्वाणभारती - सन 1906 में बडोदा से शास्त्री भगतलाल गिरिजाशंकर के सम्पादकत्व में संस्कृत और गुजराती में इस द्विभाषी पत्रिका का प्रकाशन प्रारंभ हुआ। गीर्वाणभाषासमुदय - ले.आर. श्रीनिवास राधवन्। गीर्वाणशठगोपसहस्रम् - मूल तमिल भक्ति काव्यों के संग्रह का अनुवाद। अनुवादक- मेडपल्ली वेङ्कटरमणाचार्य। गीर्वाणसुधा - संस्थापक एवं संपादक- श्रीराम भिकाजी वेलणकर। मुंबई के देववाणीमंदिरम् नामक संस्था का यह मुखपत्र सन 1979 से शुरु हुआ। इस मासिक पत्रिका में विद्वानों के लेख, कविता, नाट्यांश के अतिरिक्त सारे देशभर के संस्कृत विषयक वृत्तों का संक्षेपतः प्रकाशन होता है। वार्षिक मूल्य 20/- 1 प्राप्तिस्थान देववाणी मंदिरम्, इंदिरा निवास, अ.गो.मार्ग; मुंबई-4। गीर्वाण्युपासकाः वैदेशिकाः - ले.डॉ. कान्तिकिशोर भरतिया। कानपुर के डी.ए.व्हि. कॉलेज में संस्कृत प्राध्यापक। इस पुस्तक में विदेशी संस्कृतोपासकों का संक्षिप्त परिचय दिया गया है। संस्कृतनाट्यसौष्ठवम् इत्यादि अन्य पुस्तकें भी डॉ. भरतिया ने लिखी हैं। संस्कृत एवं संस्कृति विषयक अन्य लेखन हिन्दी में किया है। गुंजारव - अहमदनगर (महाराष्ट्र) से श्री. व. त्र्यं. झांबरे के संपादकत्व में इस मासिक पत्रिका का प्रकाशन हो रहा है। गुटिकाधिकार - ले. धन्वन्तरि। गुणदीधितिविवृत्ति - ले.जयराम न्यायपंचानन । गुणरत्नाकर - ले.नरसिंह । विषय- अलंकारों के उदाहरण तथा तंजौरनरेश सरफोजी भोसले का गुणवर्णन । गुणरहस्यम् - ले. रामभद्र सार्वभौम । गुणविवृत्तिविवेक - ले. गुणानन्द विद्यागीश। गुणशिरोमणिप्रकाश - ले. रामकृष्ण भट्टाचार्य चक्रवर्ती । पिता- रघुनाथ शिरोमणि। गुणसंग्रह - ले. गोवर्धन (सम्भवतः उणादिवृत्ति के लेखक) गुप्तपाशुपतम् - ले. विश्वनाथ सत्यनारायण। ई. 20 वीं शती। विषय- अर्जुनद्वारा पाशुपत अस्त्र-प्राप्ति की कथा। गुप्तसाधनतंत्रम् - उमा-महेश्वर संवादरूप। 12 पटल। विषयतांत्रिक कुलाचार और कौलों की साधना, पंचांगोपासना, आत्मसिद्धि के उपाय, मासिक जप विवरण, दक्षिणा के प्रकार, मंत्रोद्धार आदि। गुमानीशतकम् - ले-गुमणिक। प्रथम श्लोक में भारत कथा का दृष्टान्त देकर दूसरे में उसका नैतिक रहस्य, तात्पर्यरूप निवेदन किया है। यही क्रम पूरे काव्य में है। इसका मराठी . अनुवाद नागपूर के म.म. केशवराव ताम्हन ने किया है। गुरुकल्याणम् - ले-वेदमूर्ति श्रीरामशास्त्री। नेल्लोर (आन्ध्र) निवासी ई. 19-20 वीं शती। गुरुकुलपत्रिका - सन् 1960 में गुरुकुल कांगडी हरिद्वार से इस पत्रिका का प्रकाशन प्रारंभ हुआ। सम्पादक- धर्मवेद विद्यामार्तण्ड और प्रकाशक- सत्यव्रत विद्यामार्तण्ड हैं। इसमें दार्शनिक, ऐतिहासिक, वैज्ञानिक और सामाजिक निबन्ध प्रकाशित होते हैं। गुरुगीता - यह स्कन्दपुराणान्तर्गत तथा रुद्रयामलांतर्गत भी है। इसमें सद्गुरु की महिमा वर्णन की है। गुरुगोविन्दसिंहचरितम् - ले-डॉ. सत्यव्रत शास्त्री। दिल्ली विश्वविद्यालय के संस्कृत विभागाध्यक्ष। सिक्ख सम्प्रदाय के दशम गुरु श्रीगोविंदसिंह की जन्म-त्रिशताब्दी निमित्त लिखे गए प्रस्तुत पद्यात्मक चरित्रग्रंथ को 1968 का साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त हुआ। गुरुचरित्रम् (द्विसाहस्री) - ले-वासुदेवानन्द सरस्वती। मूल मराठी ग्रन्थ का परिवर्धित संस्कृत रूपान्तर। गुरुतत्त्वविचार - ले-गंगाधरशास्त्री मंगरुलकर, नागपुर । गुरुतन्त्रम् - श्लोक-264 । विषय-गुरु का ध्यान, पूजा, माहात्म्य आदि। गुरुदक्षिणा (रूपक) - ले-श्रीनिवास रंगाचार्य। श. 20 वीं। "अमृतवाणी' पत्रिका में सन् 1946 में प्रकाशित । अंकसंख्या-तीन। विषय-रघुवंशान्तर्गत कौत्स की कथा। गुरुपंचांगम् - गुरुयामलान्तर्गत, हरगौरी-संवादरूप। विषय-(1) श्रीगुरुपटल (2) गुरुनित्यपूजापद्धति (3) गुरुकवच, (4) गुरुमंत्रगर्भ सहस्रनाम और (5) गुरुस्तोत्र । गुरुपरम्पराप्रभाव - ले-विजयराघवाचार्य। तिरुपति देवस्थान के लेखाधिकारी। गुरुपालीश्वर-पूजाविधि - श्लोकसंख्या-775। विषयश्रीगुरुपालीश्वर नामक महाप्रभु की पूजाविधि। गुरुपूजा - ले-ब्रह्मजिनदास जैनाचार्य । ई. 15-16 वीं शती। गुरुमाहात्म्यशतकम् - ले.डॉ. कैलाशनाथ द्विवेदी। सुबोध प्रकाशन, कानपुर द्वारा प्रकाशित। गुरु-सप्तति - ले-म.म. गणपति शास्त्री, (वेदान्तकेसरी)। गुरुवर्धापनम् - ले-श्री.भि. वेलणकर। लेखक ने अपने गुरु भारतरत्न म.म.पां.वा. काणे का वर्णन प्रस्तुत खंडकाव्य में किया है। गुरूवायुरेशशतकम् - ले-त्रावणकोर नरेश केरल वर्मा । विषय-गुरुवायुर क्षेत्र के देवता का स्तवन । गुरुवायुर केरल का एक प्रसिद्ध तीर्थक्षेत्र है। गुरुवाल्मीकि-भावप्रकाशिका - ले-हरिपंडित लक्ष्मीनारायणामात्य। गुरुसहस्रनामस्तोत्रम् - संमोहन तंत्रान्तर्गत हर-पार्वती संवादरूप । श्लोक-1161 संस्कृत वाङ्मय कोश - ग्रंथ खण्ड/97 For Private and Personal Use Only
SR No.020650
Book TitleSanskrit Vangamay Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreedhar Bhaskar Varneakr
PublisherBharatiya Bhasha Parishad
Publication Year1988
Total Pages638
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size30 MB
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