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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 1182 www.kobatirth.org invain, to no purpose, • गलतरीति से, मिथ्यारूप से, with flace way. मुधादरी, मुधादरी, स्त्री० मिध्यादर, उन्मार्ग चारित, falsely way. मुनि, मुणि, पुं० [मन्+इन्- उच्च मनुते जानाति य] ऋषि, सन्त, श्रमण, साधु, यति भूयान्मौनिमनौ भवति विभवादस्मान्मुनि स्यात्तदात्मानं सम्प्रति साधयेत्स्वयमितः समर्थः सदा। दुर्भावं प्रयतेत मिति रौद्र तथा यति: नाम्येनैव नशेमुवीश पुनरप्येषाऽस्ति मे सम्मतिः । inspired ascetic thinker, • योगी, वर्णी, तपस्वी, निःस्पृही, one who practices yoga, निर्गन्ध, varni tapsvi, nsprhi, one who all time think, • मन्यतेमनुते वा मुनिः । (जैन०ल० 927) one who all time work. मुनिचयां मुणिचरिया, स्त्री० भ्रामरीवृत्ति, sages act. मुनिजन, मुणिजणो, पुं० साधु समूह, sages mass. मुनित्व, मुणित्त, वि० साधुत्व, साधुपना, sageful. मुनिदर्शनं, मुणिदसणं, नपुं० साधुश्रद्धा, श्रमण दर्शन, यति का देखना, respected of sage, seeing of sramana. मुनिधर्म:, मुणिधम्मो, पुं० साधुधर्म, महाव्रतादि पालन " का धर्म, religion of getting great act, custom of sage. मुनिधाम:, मुणिधामो, पुं० साधुओं का एकान्त स्थान, • उपाश्रय, उपासना स्थल, religious place, upasraya upasna place. मुनिनन्दः, मुणिणंदो, पुं० मुनियों का आनंद, श्रमण स्वभाव, happiness of chief sages. मुनिनाथ, मुणिणाहो, पुं० आचार्य, मुनि, समूह का प्रमुख, यतीश्वर, मुनीश्वर, sages group of principal, sages. मुनिनायकः, मुणिणायगो, पुं० आचार्य, यतिपति, गणि, यतीश्वर, chief of sage. मुदिपदं मुणिपदं, नपुं० साधुपद, श्रमणाचरण, sage position. मुनिपादः, मुणिपादो, पुं० साधु के चरण, feet of sage. मुनिपुंगवः, मुणिपुंगवो, पुं० प्रमुख मुनि श्रेष्ठ मुनि, Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संस्कृत - प्राकृत - हिन्दी एवं अंग्रेजी शब्द कोश महाव्रत की अनुपालना में कुशल, sages chief, best of the sages. मुनिबांधव, मुणिबंधव, वि० महाव्रत रूप मित्र, समता, friend of great customs. मुनिभाव, मुणिभावो, पुं० साधु भाव sageness मुनिमनोरञ्जनाशीति, मुणिमणोरेतणासीउ, स्त्री० आचार्य ज्ञानसागर की रचना, जिसमें 80 श्लोकों में मुनियों के गुणों का गुणगान किया गया है, a text, who wrote of gyansagar's मुनिमनोरञ्जनं तावदिदमञ्जनम्। मोहिजन चक्षुषोर्दुःखभरमञ्जनम् ।। श्री जिनेन्द्ररूपाश्रयतु सखञ्जनम् । भावनाधीनभवत्या प्रतीतं जनम्।। (मुनि० कृ० 34) मुनिराद, मुणिराड, पुं० मुनिराज a king of sage. योगिधूप, आचार्य, acharya. मुनिराज, मुणिराजो, देखो ऊपर। , मुनिवर, मुणिवरो, पुं० मुनिपुंगव श्रेष्ठ मुनि, a great king of sages, best of the sages. मुनिश्चय, मुणिचरिया, स्त्री० साधुचर्या, श्रमणचर्या, gone of sages. मुनिसुव्रतः, मुणिसुव्वओ, स्त्री० मुनिसुव्रतनाथ तीर्थंकर, जैनधर्म के बीसवें तीर्थंकर, a tirthankar, Munisuvrata. मुनीन्द्रः, मुणिदो, पुं० आचार्य, मुनिर, मुनिराज, a chief of sages, Aacharya. मुनीशः, मुणीसो, पुं० मुनिवर, आचार्य, यतिवर, best of the sages, मुनीश ! सच्चारुचरको रचन्द्रमस्तमो ऽन्तरुच्छेत्तु मुताद्धर्यामन्। भवाम्बुधौ पोत इवोत्तम ! प्रभो। निवेदनं मे नतिपूर्वकं च भो। Acharya, yatigreat. मुमुक्षवर्ग:, मुमुक्ख वग्गो, पुं० परमार्थ इच्छुक, मुक्ति के चाहने वाला, desire for liberation, desiring salvation. मुमुक्षा, मुमुक्खा, स्त्री० [ मोक्तुमिच्छा मुच् + सन् + अ टाप्] मोक्ष की अभिलाषा, desire for liberation. मुमुक्षु, मुमुक्खु, वि० [मुच् + सन् + उ], मोक्ष पाने का इच्छुक, अध्यात्म मार्ग का अभिलाषी, परमार्थ For Private and Personal Use Only
SR No.020646
Book TitleSanskrit Prakrit Hindi Evam English Shabdakosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2011
Total Pages622
LanguageSanskrit, Hindi, Prakrit, English
ClassificationDictionary
File Size18 MB
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