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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir आलं.) योगिनामप्यगम्यः आदि 2. अकल्पनीय,।। अबोध्य-याः संपवस्ता मनसोऽप्यगम्या:-शि० । ३१५९। 'गभ्य' के अन्तर्गत भी देखिए। सम०रूप (वि०) अकल्पनीय तथा अनतिकांत रूप या स्वभाव वाला--- रूपां पदवी प्रपित्सुना-कि. १२९ । अगम्या (स्त्री०) वह स्त्री जिसके पास मैथुन के लिए जाना उचित नही, एक नीची जाति-गमनं चैव जातिभ्रंशकराणि वा इत्यादि । सम-गमनं अनुचित मैथुन, व्यभिचार-गामिन् (वि.) अनुचित मैथुन करने वाला, व्यभिचारी। अगरु (न०) [न गिरति; ग+उ, न० त०] अगर-एक प्रकार का चंदन । अगस्तिः, अगस्त्यः [बिन्ध्याख्यम् अगम् अस्यति; अस्+ क्तिच-शक.][अगं विन्ध्याचलं स्त्यायति स्तम्नातिस्त्यै+क, वा अग: कुंभः तत्र स्त्यानः संहतः इत्यगस्त्यः] 1. 'कुम्भज' एक प्रसिद्ध ऋषि का नाम 2. एक नक्षत्र | का नाम। अमात्यः=अगस्ति, दे० ऊपर। अगाष (वि.) [न० ब०] अथाह, बहुत गहरा, अतल-अगाध सलिलारसमुद्रात् -हि. १५२, (आलं.) गंभीर, सविवेक, बहुत गहरा-सत्त्व-रघु० ६।२१-यस्य शानं दयासिधोरगाधस्यानधा गुणाः-अमर०; अथाह, बबोध्य; -प:- गहरा छेद या दरार; सम० जल: गहरा तालाब, गहरी झील । समारं [अगं न गच्छन्तम् ऋच्छति प्राप्नोति-अग्-ऋ+ मण्] घर; शून्यानि चाप्यगाराणि-मनु० ९।२६५; दाहिन् घरफूक आदमी। ममिरः [न गीर्यते दुःखेना बा० क-न० त०] स्वर्ग । सम०-ओकस् (वि.) स्वर्ग में रहने वाला (जैसे देवता)। अगुण (वि.) [न.ब.] 1. निर्गुण (परमात्मा के संबंध में); 2. जिसमें अच्छे गुण न हों गुणहीन–अगुणो ऽयमशोक:-मालवि०३;-मः दोष, अवगुण । मगुरु (वि०) न० त०] 1 जो भारी न हो, हल्का, 2. | (मंद में) लघु 3. जिसका कोई शिक्षक न हो;---ह: (नपुं० भी) अगर की सुगन्धित लकड़ी और पेड़।। १०] बिना घर बार का घुमक्कड़, 1. कोप', चिता' आदि, 2. आग का देवता 3. तीन प्रकार की यज्ञीय अग्नि-गार्हपत्य, आहवनीय और दक्षिण 4. जठराग्नि, पाचनशक्ति 5. पित्त 6. सोना 7. तीन की संख्या द्वन्द्व समास में जब कि प्रथम पद में देवताओं के नाम या विशिष्ट शब्द हों तो 'अग्नि' के स्थान पर 'अग्ना' हो जाता है जैसे विष्ण, मस्ती; 'अग्नि' के स्थान पर 'अग्नी' भी हो जाता है जैसे ----पर्जन्यौ, वरुणौ, षोमौ। सम०-अ (आ) गारं-:,-आलयः-गृहं अग्नि का मन्दिर-- रघु ५।२५/-अस्त्रं आग बरसाने वाला अस्त्र, रॉकेट, इसी प्रकार बाण:-आधानं अग्नि की प्रतिष्ठा करना, इसी प्रकार आहितिः,-आधेयः वह ब्राह्मण जो अग्नि को प्रतिष्ठित रखता है, दे० आहिताग्नि,-उत्पातः अग्निसंबंधी उत्पात, उल्का या धूमकेतु आदि;उपस्थानं अग्नि की पूजा, अग्निपूजा का सूक्त या मंत्र---- कणः,-स्तोकः चिनगारी;--कर्मन् (नपुं०) 1. अग्नि क्रिया 2. अग्नि में आहुति, अग्नि की पूजा, इसी प्रकार कार्य; -नितिताग्निकार्य:--का० १६;---कारिका 1 पवित्र अग्नि को प्रतिष्ठित करने का साधन, 'अग्नीध्र' नामक ऋचा, 2. अग्नि कार्य;--काष्ठं अगरु;-कुक्कुट: अग्नि-शलाका; कुंड अग्नि को स्थापित रखने के लिए स्थान, अग्नि पात्र;-कुमारः-तनयः-सुतः कार्तिकेय जो अग्नि से उत्पन्न हुए कहे जाते है, दे० कातिकेय;-केतुः धूओं-कोण:-विक दक्षिण-पूर्वो कोना जिसका देवता अग्नि है;-क्रिया अन्त्येष्टिक्रिया, और्वदैहिक संस्कार 2. दाह क्रिया-क्रीड़ा आतिशबाजी, रोशनी; गर्भ (वि०) आभ्यन्तर में आग रखते हुए, भी शमीमिवश. ४।३. (-भः) सूर्यकान्त मणि जिसे सूर्य की किरणों के स्पर्श से आग उगलने वाला माना जाता है; तु०-श० २१७ (-र्भा) 1. शमीवृक्ष 2. पृथ्वी;चित् (पुं०) अग्नि को प्रज्वलित रखने वाला-यतिभिः सार्धमनग्निमग्निचित्-रघु ०८।२५-चय:-चयनं -चित्या अग्नि को प्रतिष्ठित रखना, अग्न्याधान;-ज (वि.) अग्नि से उत्पन्न होने वाला;-जः जातः 1. कार्तिकेय 2. विष्णु;-जं-जातंसोना,, इसी प्रकार जन्मन्-जिह्वा आग की लपट, अग्नि, की सात जिह्वाओं (कराली धूमिनी श्वेता लोहिता नीललोहिता। सुवर्णा पद्मरागा च जिह्वाः सप्त विभावसोः ।। में से एक; --तपस् (वि.) बढ़ता आहु आग के समान चमकने या चलने वाला;--अयं त्रेता (स्त्री०) तीन अग्नियां (अग्नि के अन्तर्गत देखिए); --- (वि.) 1 पौष्टिक, क्षुधावर्द्धक 2 दाहक; -दातु (पुं०) मनुष्य का दाहकर्म करने वाला; -दीपन (वि.) क्षुधावर्द्धक, पौष्टिक; -दीप्तिः, --विः बढ़ी हुई पाचन शक्ति, अच्छी भूख ;-वेवा वि०) [नमें अच्छे गुण न दोष, अवगुण का, 2. भगोचर (वि.) [नास्ति गोचरो यस्य-न० ब०] जो इन्द्रियों द्वारा प्रत्यक्ष न हो, अस्पष्ट ;-वाचामगोचरां हर्षावस्थामस्पृशत्-दश० १६९;-रं 1. अतीन्द्रिय, 2. अदृश्य, अज्ञेय 3. ब्रह्म। अग्नायी (स्त्री०) [अग्नि + ऐडहीष 1 अग्नि की पत्नी, अग्निदेवी' स्वाहा 2 बेतायुग। मग्निःसिंगति ऊवं गच्छति-अग+नि नलोपश्च] आग For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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