SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 1143
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 1134 ) बोलने वाला 6. विक्षब्ध, बाधित 7. ऋटि करने वाला, तवाशायी परिवृत्तभाग्यया मया न दृष्टस्तनयः स्तनबड़ी भूल करने वाला 8. गिरा हुआ, उदगीर्ण 9. टपकने वयः .. मा० 1016, - यः शिशु, दुधमुंहा बच्चा वाला, चू कर नीचे गिरने वाला 10. हस्तक्षेप किया | --. रघु० 14 / 78, शि० 12140 / गया, रोका हुआ 11. व्याकुल 12. बीता हुआ, तम् स्तनयित्नुः [स्तन्+इत्नु ] 1. गरजना, गड़गड़ाना, बादलों 1. लड़खड़ाना, डगमगाना, गिरना 2. सन्मार्ग से विच- का कड़कड़ाना 2. बादल उत्तर० 37, 5 / 8 लन 3. त्रुटि, भूल, गलती, गोत्रस्खलित - कु० 418 3. बिजली 4. रोग, बीमारी 5. मृत्यु 6. एक प्रकार 4. दोष, पाप, अतिक्रमण 5. धोखा, विश्वासघात का घास / 6. झाँसा, कुटचाल / सम० --सुभगम् ( अव्य० ) | स्तनित (भू० क० कृ०) [ स्तन् कर्तरि क्त ] 1. ध्वनित, आकर्षक रीति से चले चलना-मेघ०२८ / शब्दायमान, कोलाहलमय- मेघ० 28 2. गरजने रखुइ (तुदा० पर० स्खुडति) ढकना। वाला, दहाड़ने वाला, तम् 1. बिजली की कड़कड़ास्तक (भ्वा० पर० स्तकति) 1. मुकाबला करना 2. टक्कर हट, बादलों की गरज तोयोत्सर्गस्तनितमखरो मास्म लेना, प्रतिरोध करना, पीछे ढकेलना। भूविक्लवास्ताः मेघ० 37 2. गरज, शोर 3. ताली स्तन (भ्वा० पर०, चुरा० उभ० स्तनति, स्तनयति-ते, बजाने की आवाज़। स्तनित) 1. आवाज़ करना, शब्द करना, गुंजना, | स्तन्यम् [ स्तने भवं यत् ] मां का दूध, क्षीर-पिब स्तन्यं प्रतिध्वनि करना 2. कराहना, कठिनाई से सांस लेना, पोत भामि० श६० / सम० त्यागः मां का दूध ऊँचा सांस लेना 3. गरजना, दहाड़ना तस्तनुर्जज्व- छुड़ाना, स्तन्यमोचन स्तन्यत्यागात्प्रभृति सुमुखी लुर्मम्लुर्जलललुठिरे क्षताः भट्टि० 14130, नि, दन्तपाञ्चालिकेव मा० 105, स्तन्यत्यागं यावत्पुत्र1. शब्द करना 2. आह भरना 3. विलाप करना, योरवेक्षस्व * उत्तर० 7 / वि ,दहाड़ना। स्तबकः [स्तु+बुन् या स्था+अवक, पृषो० बवयोरभेदः ] स्तनः [ स्तन् --- अच् ] 1. स्त्री की छाती-स्तनौ मांस- गुच्छा, झुण्ड कुसुमस्तबकस्येव द्वे गती स्तो मनस्वि ग्रन्थी कनककलशावित्युपमितौ-भर्त० 3320, (दरि- नाम्- भर्तृ० 21104, रघु० 13332, मेघ० 75, द्राणां मनोरथाः) हृदयेष्वेव लीयन्ते विधवास्त्रीस्त- | कु० 3139 / नाविव पंच० 2 / 91 2. छाती, किसी भी मादा की | स्तब्ध (भू० क० कृ०) [ स्तम्भ कर्मणि कर्तरि वा क्त ] औड़ी या चुचुक-अर्धपीतस्तनं मातुरामर्द क्लिष्टकेशरम् 1. रोका हुआ, घेराबन्दी किया हुआ, अवरुद्ध 2. लकवे श० 7.14 / सम० अंशकम् स्तन ढकने का कपड़ा, से ग्रस्त, संज्ञाहीन, सुन्न, जड़ीकृत 3. गतिहीन, स्था---अग्रः चूची, --अङ्गरागः स्त्री के स्तनों पर लगाया वर, अचल 4. स्थिर, दृढ़, कड़ा, घोर, कठोर 5. ढीठ, जाने वाला रंग, अन्तरम् 1. हृदय 2. दोनों स्तनों के अडिग, कठोरहदय, निष्ठर 6. उजड़, मोटा। सम. बीच का स्थान--(न) मणाल सूत्रं रचितं स्तनान्तरे कर्ण (वि.) जिसके कान खड़े हों, रोमन् (पुं०) श० 617, रघु० 10 // 62 3. स्तन का एक चिह्न सूअर, वराह,-लोचन (वि.) जिसकी पलकें न (जो भावी वैधव्य का सूचक कहा जाता है),-आभोगः झपकती हों (जैसे देवता)। 1. स्तनों की पूर्णता या फैलाव 2. चुचियों की गोलाई | स्तब्धता,-स्वम् [स्तब्ध+तल+टाप, त्व वा | अनम्यता, 3. वह पुरुष जिसके स्त्रियों जैसे बड़े स्तन हों,-तटः, दृढ़ता, कड़ाई 2. जाड्य, असंवेद्यता। --टम् चूचियों का ढलान, प,-पा, पायक, स्तब्धिः (स्त्री०) [ स्तम्भ+क्तिन् ] 1. स्थिरता, कड़ा--पायिन् स्तन पान करने वाला, दुधमुंहा,--पानम् पन, सख्ती, अनम्यता 2. दृढ़ता, अचलता 3. जाडच, स्तनपान करना, भरः 1. स्तनों की स्थूलता,-पादा- असंवेद्यत, जड़ता 4. धृष्टता / ग्रस्थितया मुहुः स्तनभरेणानीतया नम्रताम् - रत्न स्तभ दे० 'स्तम्भ'। 11 2. स्त्री जैसे स्तनों वाला पुरुष, * भवः एक | स्तभः (पं०) बकरा, मेढा / प्रकार का रतिबन्ध,--मुखम्, - वृतम्,-शिखा चूचुक, | स्तभ (नप) - स्तम्भन / चची। स्तम् (म्वा० पर० स्तमति) घबरा जाना, व्याकुल होना। स्तननम् [ स्तन्+ल्युट ] 1. ध्वनन, आवाज, कोलाहल स्तम्बः [स्था+अम्बच् किच्च, पृषो०] 1. घास का पुंज 2. दहाड़ना, गरजना, (बादलों का) गड़गड़ाना -- रघु०५।१५ 2. अनाज के पौधों की पुली जैसा 3. कराहना 4. कठिनाई से साँस लेना। कि 'स्तम्बकरिता' में 3. झुंड, पुंज, गुच्छा.... उत्तर स्तनन्धय (वि.) [स्तनं घयति-धे+खश्, मुम् च] 2 / 29, रघु० 15319 4. झाड़ी, झुरमुट 5. गुल्म, स्तन्यपान करने वाला -यदि बुध्यते हरिशिशः स्तन- प्रकांड रहित झाड़ी 6. हाथी बांधने का खंटा 7. खंभा न्धयो भविता करेणपरिशेषिता मही भामि० 1153, | 8. जड़ता, असंवेद्यता (इन दो अर्थों में 'स्तम्भ') For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy