________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kcbatrth.org Acharya Shri Kailassagersuri Gyanmandit POPONDERGROCERORB0BOORS // 1 // इतिमंत्रेणाभिषिंचति // पुनःयेप्स्वंतरग्रयः // 1 // इतिमंत्रणपंचमोदकुं / भादुदकमादाय॥ॐतस्माऽअरंग०॥१॥इतिमंत्रेणाभि०॥ पुनःयेप्स्वंतरग्नयइत्यनेन / मंत्रेणषष्ठसप्तमाष्टमोदकुंभेभ्यःप्रत्येकमुदकमादायतृष्णीवारत्रयमभिषिंचतिस्ना नकर्तात्मानं // ततउर्दुत्तममितिमंत्रेणमेखलांशिरोमार्गेणनिःसार्यभूमौनिधाय // तथैवाजिनंचोत्तार्य // दंडत्यागंकृत्वा तमुदगग्रंभूमौनिधाय // अन्यदासस्तू / / ष्णींपरिधायादित्यमुपतिष्ठतेब्रह्मचारी॥ ॐ उद्यन्भ्राजभृष्णुरिंद्रोमरुद्भिरस्तात्प्रात विभिरस्तादशसनिरसिदशसनिमाकुर्वाविदन्मागमयोद्यन्भ्राजभृष्णुरिंद्रोमरुद्भि रस्ताद्दिवायावभिरस्ताच्छतसनिरसिशतसनिमाकुविदन्मागमयोद्यन्भ्राजभृष्णु | रिंद्रोमरुद्भिरस्तात्सायंयावभिरस्तात्सहस्रसनिरसिसहस्रसनिमाकुळविदन्मागमय // 1 // इत्यादित्योपस्थानमंत्रः // तवोदधिप्राशनंतिलप्राशनंवातूष्णीं // जटालो / For Private and Personal Use Only