________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हस्तूष्णींपाणीप्रतप्यवक्ष्यमाणैःसप्तभिमत्रै प्रतिमंत्रणमुखंविमार्जनं // ॐ तनूपा अंग्नेसितन्वम्मेपाहि // 1 // ॐआयुर्दाऽअंग्नेऽस्यायुर्मेदेहि // 2 // ॐ बोंदाऽ नेसुिवचौमेदेहि // 3 // ॐ अग्नेयन्मैतन्वाऽउनन्तन्मऽआप्रण // 4 // ॐ मेधांमे / देवःसविताऽआदधातु // 5 // ॐ मेधामेदेवीसरस्वतीआदधातु // 6 // ॐ मेधाम / श्विनौदेवावाधत्तांपुष्करस्रजौ // 7 // इत्येतेमुखमार्जनमंत्राः॥ अत्रशिष्टाचारमा / ताकेचनपदार्थालिख्यते // ॐ अङ्गानिचम आप्यायंतां॥ इतिमंत्रणशिरःप्रभृति / पादांतसर्वांगालंभनं // ततोदक्षिणहस्ताग्रेण // ॐ वाकमऽआप्यायतां॥ इतिमुखा / लंभनं // ॐ प्राणश्चमऽआप्यायतां // इतिनासिकयोरालंभनं // ॐ चक्षुश्चमऽआ वाक्यभेदात्प्रतिवाक्यंपाण्यो प्रतपनंमुखमार्जनंचेतिगदाधरःललाटादिचुबुकांतस्पृशेदितिहरिहरः॥ RRC-Roor For Private and Personal Use Only