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________________ की ही ही ही दिवही हो । नहीं ही ही ही ही ही हीही हा विनयाभ्यहाँ किनार ॐही अबिकाभ्यो नही दिनया नमः नम. 'किन्नाभ्योहा अजिता नमः Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सस्वतीया ॐही जयाभ्यो धिभ्यो।ॐहै। परमाथि अवधिभ्यो ॐहा सर्वावधि नम ॐाँ देशाधिभ्या नमः नमः नमः पा यो नमः । ॐ हैं उपाध्यायेभ्यो नम हूँ , अचडीभ्याॐहीसरस्वती आचार्य ही नित्याभ्यास जहाँ श्रुतावधिभ्यो। ॐ का दण रम्ल्यू हाँ बुद्ध माध्दपाप्म्यो सदेच्यो नमः । यजन मल्ख्य मली शनायेमा नम हे सर्वसाधुम्यान प्रटदवाभ्याही काम यो सही सषिधिमा । लक्ष्मीम्यो नमः योYी www.kobatirth.org भ्यो नमः ऋषिमंडल-यंत्र सन्देन्या होज्योति। नामसासुपूज्येभ्यो नमः अमिनट्न सुमति मुगाई का मक अननधर्मशान्ति पुर A उमलल For Private and Personal Use Only पाभ्यासाअनतबलादिका ॐहैं सम्यरर्शन नमः नमः हीन्यन्तरे आife ज मेयोही नपार्दपार बाणान्याहासानदायगी होहोहोही यो सोनमः | नम परब्रेभ्यो 抗流派瓶加水师办 E प्रामेभ्यो नमः ॐ हः सम्पकचार सम्म 卐 ही अक्षणमहास मो नमः सभ्यन्झानेभ्यो नम नमः नमः । नमः प्राध्या ॐ हींग्सर्विस मामलनीना minews नमियो दिपामेभ्योही क्षेत्रवि SUSSAntyenef Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra NAमायाभ्योYॐही जहाँहीहीहीही ही हीही हीही ही ही ही ही E कलाया गदीभ्याही क मायाविनीभ्यो। ॐहीमाती ज ही ही ॐ हाही ही ही हाँ हाँ हीही
SR No.020611
Book TitleRushimandal Stotra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandanmal Nagori
PublisherSadgun Prasarak Mitra Mandal
Publication Year1940
Total Pages111
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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