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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - - ऋषि मंडल कि इसका ध्यान एकाग्रता पूर्वक करे तो धरणदेव प्रसन्न होते हैं। (५) वेसमणोववाई सूत्र-इस में यह प्रतिपादित किया है की ईसका ध्यान करने से वैश्रमणदेव प्रसन्न होते है। (६) वेलंधरोववाई सूत्र-मे वेलंधरदेवको प्रसन्न करनेका बयान किया है। (७) दिविदोववाई सूत्र में यह बताया है कि आराधना ___करने से देवेन्द्रदेव प्रसन्न होता है। (८) उहाणसूये—इसमें अजीब प्रकारका वर्णन है और देव को प्रसन्न करनेकी तरकीब बताई है। (२) समुझणसुये-इसमें यह बात बताई है कि आराधक पुरुष सौम्यदृष्टि रखकर आराधना करने से गांवके लोक मुखी हो जाते हैं। (१०) नागपरिया वलियाओ-इस सूत्रमें यह बताया गया है कि आराधन करने से नागकुमारदेव प्रसन्न होते हैं। (११) आशिविषसूत्र-सांप विचार आदिका बयान किया गया है। (१२) दिहि विषभाष—इसमें दृष्टिविष सांपोंका सविस्तर वर्णन किया गया है। For Private and Personal Use Only
SR No.020611
Book TitleRushimandal Stotra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandanmal Nagori
PublisherSadgun Prasarak Mitra Mandal
Publication Year1940
Total Pages111
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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