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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org ( १८२ ) बि० सू० - फर्ज करो कि अब सीधी रेखा किसी दो हिस्सों में स बिन्दु पर बांटोगयी है तो अब और बस के धरातल का चौगुना और अस पर का वर्ग मिलकर बराबर होंगे उस रेखा पर के बर्ग के जो अव और सब से बनती है सब के Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir च्प्रद पर प्र यफ द वर्ग बनाओ दय मिलाओ इसलिये जक बराबर है कन के इसीतरह रखर बराबर है रच के अ म 21 त For Private and Personal Use Only स व द बाक ख र न 421 ० प्रव को द तक इतना बढ़ाया कि ब द बराबर हो १ सा० ३ १- सा० ४६ च य ह ल फ व ओर सबिन्दुओं से व ल और सह रेखा अय या दफ की समानान्तर और दय से क चोर व पर और यफ से ल औरह पर मिलती हुई खींचो (२ सा० ३९ ) क और ख से मजकन और त खरच रेखा च्प्रद या बफ की समानान्तर खींचो ( १ स० ३१ ) उप० -- अब चूंकि सब बराबर है बद की और सब बराबर है जक की और बद बराबर है कन के चूंकि सद बराबर है बद के और ज क बराबर है कन के इसलिये सक उसकोन चतुर्भुज बराबर है व न समकोन चतुर्भुज के और जर बराबर है रन के ( १ सा० ३३ ) लेकिन स क बराबर है र न के ( १ सा० ४३ ) इसलिये व न सक. जर ओर रन चारों समकोन चतुर्भुज
SR No.020605
Book TitleRekhaganit
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaram Babu
PublisherAtmaram Babu
Publication Year1900
Total Pages220
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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