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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org ( १६६ ) Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अभ्यास (४) एक रेखा को इतना बढाओ कि बढी हुई समेत कुल रेखा बौर बढे हुए हिस्से की घरातल बराबर हो उस रेखा पर के वर्ग के टूने के साध्य - प्रमेयापपाद्य अं सा ० सू० अगर कोई सीधी रेखा किसी दो हिस्सों में बांटी जाय तो कुल रेखा पर का बर्ग बराबर होगा दोनों हिस्सों पर के बर्गों और उस धरातल के दूने के योग के जो उन हिस्सों से बनता है वि०सू० फर्ज़' करो कि अब सीधी रेखा किसी दो हिस्सों में सबिन्दुपर बांटी गयी है तो अव ह स व ज परका बर्ग बराबर होगा अस और वस पर केद फ य बर्गों और अ स और व स के दूने धरातल के योग के ० अ ब पर प्र द य व वर्गक्षेत्र बनाओ ( १ सा० ४६ ) - और वद को मिलाकर स बिन्दु से स ज फ रेखा अदया व य की समानान्तर और व द से ज बिन्दुपर और द य से फ बिन्दुपर मिलती हुई खींचो ( १ सा०३१ ) और ज से ह ज क रेखा अव या द य की समानान्तर और अद से ह बिन्दु पर और व य से क बिन्दु पर मिलती हुई खींचो ( १ सा०३१ ) उप . अब चूंकि सफ समानान्तर है अद की और बद उन पर गिरता है इसलिये व जस बहि: कोनबराबर है अपने सामने के वद अ अंतः कोन के ( १ सा०२९ ) लेकिन बद अ कोन बराबर है द व अ कोन के ( १ सा०५ ) क्योंकि व अ और अद बर्गक्षेत्र की भुजा होने के सबब आ For Private and Personal Use Only क पस में बराबर हैं इसलिये सजव कोन बराबर है स वज कोन के ( १ ख ० २ )
SR No.020605
Book TitleRekhaganit
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaram Babu
PublisherAtmaram Babu
Publication Year1900
Total Pages220
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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