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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 316 J छो०-५०० वियोग पु० जुदाई छोण - स्त्री० ० लहर स्त्री० तरंग www.kobatirth.org स०० कसकर पकड़ना स जगन-पु० यज्ञ पु• कमी १० पड़ती जमीन स्त्री० [on] नई - वि० वृद्ध पु० बुदा; अशक्त ४५ स्त्री० वृद्धावस्था स्त्री० बुढ़ापा ०४ - स्त्री० [ठ पु० जिद्द orbs - स्त्री० पकड़ स्त्री०; शिकंजा ० भात स्त्री० चुंगी स्त्री० जक़ात यु-वि० हठी वि० ज़िद्दी ४५-५० गुल्ली डंडे के खेलका दाँव नी- वि० जिद्दी वि० हठी भ-पुं० घाव पु० जख्म भी-वि- घायल वि० जख़्मी भगवन - ० परमेश्वर पु० खुदा बगपत्रीशी - स्त्री० जनश्रुति स्त्री० अफवाह भगत - न० सृष्टि स्त्री० दुनिया भगतजननी-स्त्री० जगदम्बा दुर्गा स्त्री० भडित वि० जड़ा हुआ वि० ७८ कर पु० कट-वि० हठी पु० जिद्दी; अनाड़ी ०क्रि० क्या (गया) - स्त्री० स्थान पु० जगह; ठाना; भगो-म० जगह जगह अ० ठहर ठहर कर; सब जगह धन-10 अंधा स्त्री० जाँघ ordid-alo azata »z-fafq al. नबियावेश-५० मुग़ल - कालका जजिया Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir [ तन कटा - स्त्री • बालों का झुंड पु०; बढ़पीपल की भूलती हुई शाखा भटि-स्त्री० जटा स्त्री०; समूह लटिस - स्त्री० • उलझा हुआ पु० भटिलता - स्त्री० गुत्थी स्त्री० उलझन ४४२-२० पेट पु० ०४ - वि० निर्जीव वि० मुर्दा; नाकका गहना अरत-वि० मूर्ख वि० बेअक्ल O ४भू - 1० मुख्य जड़ स्त्री०४३२ - वि० जड़ना वि० orsg - पं० जबने के योग्य वि० org - ० जबड़ा पु० पातोड- वि० जबाड़ा तोड़ वि०, सचोट જડવું -સક્રિ जड़ना स० क्रि० सु - वि० मूर्ख वि० बे अक़्ल भडियो - ५० जड़िया पु० पच्चीगार कडीमुट्टी - स्त्री० जड़ी बूटी स्त्री० ४- पु०न० पुरुष पु० आदमी क्युतर - न० जानकारी स्त्री० - स०० जन्म देना स०क्रि० पैदा करना vgu-ell. da at• fare; ater; ० सिल्क; गहना खुसी - स्त्री० नकद रकम स्त्री० तन-न० संभाल स्त्री० निगरानी; For Private and Personal Use Only
SR No.020601
Book TitleRashtrabhasha Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSahityaratna
PublisherVora and Company Publishers Limited
Publication Year1950
Total Pages221
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size10 MB
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