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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ७७ छ] ॥ छी-स्त्री० गन्दी वस्तु स्त्री० खराब चीज छुडी-खी० रेलगाड़ी स्त्री छीट-स्त्री. घृणा स्त्री० नफरत छुटरो-यु'• मुक्ति स्त्री. आजादी छी-10 दोष पु० तोहमत छुपाच-स०० छिपाना स०३० छी-स०० छानना सकि० छुपायु-40 छिपाना अकि: छी-स्त्री० छैनी स्त्रीय धुरी-स्त्री० कुरा पु० खजर 9ीन स०० छीन लेना स०कि. ७५-स्त्री० एक किस्म की मछलीका -10 निकल भागना पु. घर पु० -स्त्री. मुक्ति स्त्री० आजादी; परवानगी छीपी-स्त्री० हिसकाव पु० छूट-पि० फुटकर वि० छी५२-स्त्री. शिला स्त्री० चट्टान छूटमारी-स्त्री० निकलनेकी खिड़की स्त्रीछी-म०६० अोझल होना अ०कि २४।-पु.• मुक्ति स्त्री० छुटकार! लिपना ५२७।८-स्त्री० मुक्ति स्त्री० छुटकार: छायो-पु. कपड़े छापने वाला पु. । छूट। पुं० मुक्ति स्त्री० छुटकारा छीपा टाछे-पु. विवाह के बाद गठजोड़ा छा-न० बटलोईका ढक्कन पु० देगची खोलना पु०; फारगती .. का ढक्कन छूटी-श्री. मुक्ति स्त्री• छुटकारा छीख-स०० छीलन' स० क्रि०७४-वि० बन्धनहीन वि० खुला; फुटकर तराशना वायु-वि. अलग अलग विजंदा छी-५० छी कनेको आवाफ अ. ५-10 110 छिपाना अ.क्रि. छी-स्त्री. छींक श्री. भत२-10 जादू पु. छथी-स्त्री० धौंकने की तम्बा स्त्री० -न० चित्ता पु•, शरीर पर पड़ा सुघनी हुआ दान छी ४-५०० छींकना अ०क्रि० छूही-पु. केरीका अचार पु० छी'२-० जहरी हिरण पु० ४ -म० सर्वथा अ०बिलकुल; अंत; हर छी री-श्री जहरी हिरणकी मादा स्त्री० छे-स०० रद्द करना स०कि. छीट-स्त्री० छपा हुआ कपड़ा पु० ॥४-१० सर्वथा अ० बिलकुल छारा-स्त्री. सकड़ी गली स्त्री तंग कूचा छे।-५० रद्द करनेकी खींची हुई धु-१० इंजिनकी भाषाज . लकीर खी० For Private and Personal Use Only
SR No.020601
Book TitleRashtrabhasha Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSahityaratna
PublisherVora and Company Publishers Limited
Publication Year1950
Total Pages221
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size10 MB
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