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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir योगिया ७३ [ M याया-पु. गळे की गाँठे स्त्री० ब०व० ७७५-24030 क्रोध करना अ०कि. याणा-स्त्री. औरतों की चोली श्री. गुस्सा होना ७७२-वि० छिछला वि० छिछोर अंगिया ७७१२-१० ऊधमी वि• शरारती; न. यांय-10 ठट्ठा पु० मसकरी; नखरा छ दर यो-स०. चटकना स० कि० ।-स्त्री. सुघड़ता स्त्री० चतुराई याटु-१० हाट पु० बाजार पटी-स्त्री. छज्जे के ऊपरका छोटा यौहमवन-1-५० सारा विश्व पु. छप्पर पु० तमाम दुनिया ७४-न• गवाक्ष पु०झरोखा ७४-स.निकल भागना स० कि. [0] चंपत होना ७४-१० चकित अ० दंग; पु० मिजाज आरव'-स०० दुत्कारना स.कि. ७४७४-० ठाठ पु० शान फटकारना ७४-स्त्री. कागजोंका बस्ता पु.. -नजाल पु०; दाँवपेच ७:31-पु. गाडा पु. छकड़ा 21-श्री. शोभा स्त्री० बढ़ाई रीत, ७५४-श्री. दस्यु-वृत्ति स्त्री० लूट- छटाहार-वि० शोभित वि०; फबता हुआ खसोट टारी-पु. दुर्गन्ध स्त्री० बदबू ७-०६० छकना अक्रि०; बहक छटेस-वि. धूर्त वि• चैट __ जानी ७- लम्बी छड़ स्त्री० भाले का डंडा १८-स्त्री. के उपवासोका एक जैन : ७४४-स०. छिड़कना स० कि. व्रत पु. ७-स०४८ फटककर छिलके अलग यु-न० छ बैलों का छकड़ा पु० करना स० कि० ७७४-स्त्री. थप्पर पु० तमाचा; भूल ७-० कुंकुमका छापा पु०; एक गहना ७१-० अज पु० बकरा -10 तुष पु० छिलका ७१स-पु. बकरा; पु० भूरा कपदायुि -10 बैलगानीमें जानेवाला पु., ७१२-स्त्री. शिखर पु० चोटी मुसाफिर छयो:-५० सरे आम अ. -स्त्री. छड़ी स्त्री. बेंत; राजदंड; ७यो२-५० प्रसिद्ध चोर पु. कलंगी For Private and Personal Use Only
SR No.020601
Book TitleRashtrabhasha Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSahityaratna
PublisherVora and Company Publishers Limited
Publication Year1950
Total Pages221
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size10 MB
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