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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir झंपना ५२३] [पर ५२३-10 गहरा लेपन पु. महास-वि० समाप्त वि० ख़त्म २७-स०० मैला करना, खराब मासी-पु. लहाजमें काम करने वाला करना; बिगाड़ना स०कि. नौकर पु० ५२।-पु. यादी स्त्री० मा-Y० धर्म रक्षक पु० खलीफा भरपा-म०० गलती स्वाना सक्रि० सयाम- स्वप्न पु० ख्वाब भर-१०० पककर गिरपड़ना ममास-५० टहलुमा पु. हुजूरिया; अ० कि. (फल, फूल आदि) आदत ५२सट-वि० कोमल वि० नरम मास-स्त्री. दासी स्त्री० नौकरानी मत-स्त्री० माल के पीछे होनेवाला वीस-पु. राक्षस पु० इबलिध खर्च पु० मशि (सि)या:-वि. खिसियाना वि० मराम-वि० दूषित वि० गन्दा भरीती-पुराज्य-पत्र पु० खरीता मसम- पति पु० रुवाविन्द परीक्ष-स०६. क्रय-विक्रय पु. मस२।-पु. लकौर स्त्री. (लिखित खरीद फरोहत सामग्री को रद्द करना) ५२५-स्त्री० बरसाती फसल स्त्री॰ खरीफ मस-म०४० सरकना अ.क्रि. मरु-वि० सच्चा वि०; खरा खिसकना भरेष्टु-10 तुरतकी व्याई हुई गाय | मसूस-३५० आवश्यक पु० जरूरी या भैंस का दध पु० सेsj०-१०० दूर करना स० कि. ५३२री-स्त्री० गलेमें खरखरको आवाज खिसकाना स्त्री. ३-०० शोभित होना अक. भरे।-स्त्री० पशुओंको मालिश करने फबना ____ का औजार पु० मणमा- खलबली स्त्री. मा()-पि० दुष्ट वि. बदकार तहलवा मस-स्त्री० संसार पु० श्राबम भा-म०. भटकना भ० क्रि० मसता- थैला पु. बस्ता रुकावट होना मन(e)-स्त्री. बाधा स्त्री० खलल: मणु-10 खत्ती स्त्री० स्खलिहान नुकसान मम-वि० रिक्त वि० खाली मायु-स० खरलमें पीसना स० कि. भर. ०fe झटकना (धूल) For Private and Personal Use Only
SR No.020601
Book TitleRashtrabhasha Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSahityaratna
PublisherVora and Company Publishers Limited
Publication Year1950
Total Pages221
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size10 MB
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