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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १८७ दरी १२९] [१६ १२९-स्त्री० रुचि स्त्री. पपन्दगीस -24080 बसना अ० कि० रहना परत-स०१० पहिचानना अ० कि. सियत-स्त्री० उत्तराधिकार पु० वसी. जानना यत २२ता।-५० भविष्य का हाल । सानो-पु. बड़ों की मदद या पह वहान-10 वरदान पु. चान का लाभ २२६-श्री. सूचना स्त्री० खबर सु-न०० धन पु० दौलत १२-२०४० वरण करना सक्रि० । वस्तु-स्त्री. जिन्स स्त्री० चीज पसन्द करना वस्त्र-न. कपडा पु. २२१५-श्री. आतुरता स्त्री० उतावल ७२-स्त्री० सहायता स्त्री० मदद १२४१-श्री. भाप स्त्री० पहीट-पु. बंदोबस्त, व्यवस्था परिष्ट-वि• सर्वश्रेष्ठ पु० पहुंभ- सन्देह पु. वहम १-० न्यात भोज पु० दावते विरा- १९२-९ फटन पु० चीरा पवार-पु. व्यवहार पु. लेनदेन; पए-पु० रंग पु०; प्रकार वडा३-१० चालू पु०मौजूदा व धु-स०० वर्णन करना स०कि. पहार-स.७ि० खरीदना; उधार लेना बयान करना - बैट पु० श्रांटा पत-स्त्री. रीतभात स्त्री० q -१• सम्बन्ध, रिश्ता पत मान-वि० श्रमी का, हाल का Amम-24013. मेटना तु--० गोलाकार पु० १५-०४० मेजना पक्षण-न० वृत्ति स्त्री० 4जियो-धु० वात-चक्र पु• बगुला पसोपात-पु. कल्पान्त पु० 4-08. हाथ से निकलना अ० १६३१-० वृक्ष की छाल या असका क्रि० चला जाना; भ्रष्ट होना वस्त्र बी० वन-10 नमस्कार पु० सलाम १६सम-वि० प्रिय पु० प्यारा; पति भातरम-२०५० मातृभूमि को १-वि० अधीन पु० ताबे में प्रणाम है श० प्र० वसति--त्री निवास पु० रहना '- कुल पुल सम-वि. कठिन पु• मुश्किल 4,पाया-स्त्री० वाणी स्त्री० बोल क्सक्सी-पु. सन्देह पु. बहम पा-वि० जानकार मुं० वाकिफ For Private and Personal Use Only
SR No.020601
Book TitleRashtrabhasha Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSahityaratna
PublisherVora and Company Publishers Limited
Publication Year1950
Total Pages221
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size10 MB
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