SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 180
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भा२] ૧૭૫ [ म२६ भन२-१ि० पूर्वोक्त पु० जिक्र किया मधु-वि००० शहद पु० मीठा हुश्रा । मधु४२-पु. भवरा पु० भारभूत-वि० दृढ़ पु० मजबूत मधुर-१ि० मीठा पु. भररे-4. बदले में अ० मध्य-१० बीच पु. मरास-स्त्री० यात्रा स्त्री० मुसाफिटी भन-न० हृदय पु० दिल, अिच्छा भासी-५० मजला भनभातु-वि. मनोकूल पु० दिलपसन्द भल-स्त्री. आनन्द पु० मौज मनपा-पुजीवन पु० जिन्दगी भन्न-स्त्री. हंसी ठट्ठा पु० मस्करी मनवार-स्त्री० सैनिक नौका भास्या३-14. भागीदारी भनसूमो-पु. विचार पु० इरादा भगिह-स्त्री. जो छूट न सके असी गांठ मनस्वी-१ि० तरंगी भा-स्त्री. दोष पु० खामी मना-स्त्री. मनाही स्त्री० रोक मणि-पु. एक रत्न-मणि पु० भनुष्य-०न. नर पु. श्रादमी भत-स्त्री• बुद्धि स्त्री० अक्ल; अभिप्राय भरत-40 मुफ्त अ० बिना कीमत भतरप-स्त्री० अर्थ पु० । ममत-वि. अतिशय वि० खूब मतसमियु-वि० स्वार्थी पु० खुदगर्ज भमत-पुं० दुराग्रह पु० जिद्द भता-स्त्री० पूँजी स्त्री० दौलत ममताणु-वि० मोही पु० दोस्त मिजाज भति-सी० बुद्धि स्त्री० अक्ल . मयूर-पु. मोर पु० भतु-न० सही करना भ२०१६-स्त्री. मर्यादा स्त्री. अदब मत-वि० मतवाला पु० मस्त सभ्यता भत्स२-पु. डाह स्त्री. जलन भ२०-स्त्री० इच्छा स्त्री० खुशी भय-१० मुख्य स्थान पु० मंजिले भ२७यात-१० अिच्छा पर आधार हो मकसद भयन-न० माथापच्ची स्त्री० सरपच्ची मह- भ२०।-पु. गोताखोर पु० घमंड पु. भ२७-स०३० मरोड़ना महन- कामदेव पु. महा२-० पु० सहारा; भरोसा भ२९-१० मृत्यु स्त्री० मौत भाह-स्त्री. मद्य पु० शराब भरघुशीम-वि० मर्त्य पु० महोन्मत्त-वि० मद होश पु. शराबमें | भरतमा-पु. दरउजा पागल | भ२६-५० पुरुष पु० मई -.. असा memadurint. For Private and Personal Use Only
SR No.020601
Book TitleRashtrabhasha Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSahityaratna
PublisherVora and Company Publishers Limited
Publication Year1950
Total Pages221
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy