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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ૧૭૧ मेवा ] [म मेर-वि० मूर्ख पु० बे अक्ल ध्यान-1० वर्णन पु० बयान मेवा-वि० कृतघ्न पु० नमक हराम -10 परमात्मा तु० परवरदिगार महा-पि. असीम पु० बेहद्द । [ ] महद-वि. अशिष्ट पु० बेहूदा मत-14. भरत पु. सहाश-१० बेसुध मस्ति-स्त्री. भजन-भाव पु० भक्ति मेने भेन-५० बहुत कठिनाई से अ० अक्ष-पु. भोजन पु० खुराक, शिकार भो-स्त्री. गन्ध स्त्री० बू, अभिमान म.43-वि० मोटा पु० नीडर . मो-स्त्री. चुम्बन पु० लग-1. भाग्य पु० नसीब माध,माधु-वि० मूर्ख सात-पु. भक्त मोची-स्त्री० गला पु० गर्दन समत-वि. श्रीमंत पु. दौलतमंद, मोरा-स० जूठा करना स०कि. __ भगवान मोटी-स्त्री. मांस का छोटा टुकड़ा स -स०० भगाना मोड-वि० नंगासर भगिनी-स्त्री. बहिन स्त्री० मोशी-स्त्री. प्रथम बिक्री स्त्री० सभी२५-वि० महाकठिन वि० खूब भातानु-10 घेड़ स्त्री० कलंक मोष-वि० ठोठ पु० सुस्त मुश्किल माहु-वि० जीर्ण-शीर्ण पु. फटा-मन-५० टूटा हुआ पु०; हारा हुआ पुराना भरन-10 भक्तिगीत स्त्री० भक्ति मोध-पु. ज्ञान पु• समझ -ol. भटकना अ०क्रि० मारे माधि-स्त्री. सम्पूर्ण ज्ञान पु० मारे फिरना मोधित-वि. ज्ञान-प्राप्त पु० मट -स०६० पीटना सक्रि० मोय- बहिष्कार भ-३० शक्तिशाली पु० ताक़तमन्द मोम- वचन पु. व्यंग्य, गेंद -स्त्री० भय पु० खौफ़ मोरयास-स्त्री. अवबन स्त्री० दुश्मगी ।-. झाल स्त्री० बातचीत HIR3-म० शीघ्र पु० फौरन मोसी-स्त्री. भाषा स्त्री० जवान, व्यंग्य वी२-० शूरवीर पु० बहादुर मोसा-पु. चुम्बन पु. HI-म० शीव्र पु० फौरन मो३-०४० डुबाना स० कि० -२५० शीघ्र पु० एकदम For Private and Personal Use Only
SR No.020601
Book TitleRashtrabhasha Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSahityaratna
PublisherVora and Company Publishers Limited
Publication Year1950
Total Pages221
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size10 MB
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