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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir वदलता 6] १६३ [ s इते -स्त्री. विजय स्त्री० फ़तह ५ -१० अमुक वि० फलां ५६६-म० पोचा वि० सड़ियल शक्षित-वि. उपजा हुआ वि० पैदा हियु-१० पैसा पु० ना-वि० विनष्ट पु० बरबाद शु-वि०० सुन्दर पु० खूबसूरत; ५२४-५० अन्तर पु० फर्क पु० बसंत ऋतु ४२४-०० फड़कना, कोपना -वि० शुद्ध वि० स्वालिस चौड़ा ५२०४-श्री. कर्तव्य पु० फज़: स-स्त्री० नस स्त्री रग, पराजय ३२०४-10 सन्तान पु० औलाद स -Alto छूट भागना, ना. ३२ताराम-पु० पर्यटक पु० सैलानी हिम्मत होना १२तु-वि० चौतरफ अाया हुआ वि० सर-स्त्री. ऋतु स्त्री० मौसम, फसल इस-2018. सना ३२रिय'-१० कागज पु. ५०५-१० अच्छी जमीन १२मान-न० आज्ञापत्र पु० हुक्मनामा ५ -वि० फलदायक पु. १२भावयु-स०० आज्ञा देना, हुक्म णियु-१० मुहल्ला पु० देना ३णा-स्त्री. फली स्त्री• लकड़ी ३२मो-पु. नमूना पु. -स.f० फेंकना १२स-स्त्री. तख्ती टायु-10 डाकूगीरी ५२-पि. योग्य पु० काबिल ३४-० जाल पु० फंदा; दुर्व्यसन रागत-स्त्री. फरसत -स्त्री. राख स्त्री० खाक ३२॥-स्त्री० कीमती फौलाद पु० -४० अभाव पु० तंगी ५२-२० फलाहार १४-५० मुट्ठी भर खाना रिया-स्त्री. प्रार्थना स्त्री अर्ज, दावा शयर-स्त्री. लकड़ी की चिटकनी स्त्री. रेम-धु०सी० धोखा पु. दगा अवरोध ३२स-पि. अनुभवी पु० तजुर्वकार; शरस-वि० फिजूल बचा हुआ, पटा हुआ; मिजाजी -स्त्री० फटन स्त्री० चौरा, गर्व ५-वि• परिणाम पु० नतीजा; लाभ -. प्रवेशद्वार पु० दरवाशा ३६४-० आकाश; आसमान, स्वर्ग टयूट-स्त्री० फूट पड़ना, अनवन -स्त्री. छलांग स्त्री. ॥-स्त्री० दराड़ स्त्री० ची। For Private and Personal Use Only
SR No.020601
Book TitleRashtrabhasha Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSahityaratna
PublisherVora and Company Publishers Limited
Publication Year1950
Total Pages221
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size10 MB
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