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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नस] १४. [ ५मा नेस-वि. कमनसीब, लोमी नावान-पु. नवयुवक पु० नौजवान नसा-पु. छोटी वस्ती, नगला बातम-वि० नूतन, नया नस्ती-पु. मोदी पु. न्यात-श्री. जाति स्त्री० बिरादरी -स्त्री. सैकड़ी गली स्त्री० कूचा ; न्यामत-स्त्री० सम्पत्ति स्त्री० धन-दौलत हुक्का-नली न्याय-पु. निबटारा पु• इन्साफ नेपुरय-10 दक्षता स्त्री. होशियारी न्यायमाहिर-10 न्यायालय पु० अदालत नेत्य-वि. पश्चिम और दक्षिणके न्यायाधीश-पु. जज पु. बीचका कोना न्यायासन-10 जजकी कुर्शी नव-न० प्रसाद पु० न्याया-वि० न्याय करनेवाला नेस्य-10 निष्फलता न्यार-वि. अलग; अजायब, जुदा नसाग-वि० प्राकृतिक, कुदरती न्यास-१० धनी, दौलतमन्द; निहाल नो-वि० खूबसूरत, स्त्री० अनी न्यास-पु० रखना, त्याग १२-० सेवक पु० खिदमतगार न्यून-वि० थोड़ा, कम नोभत्र-मुं. एक जैन-मंत्र नामु-वि० अलग, जुदा ५३३-स्त्री० पकड़ना, नोट-श्री. करेसी हुंडी ५३१-पु. एक खेल : ५३१-स. राधना, पकाना नाटिस-स्त्री. पूर्वसूचना स्त्री० चेतावनी ५४वान-10 मिष्ठान्न पु०.मिठाई नातर-स्त्री. आमंत्रित जन समूह पु० : ५वासी-पु. बेंत स्त्री० मेहमान लोग ५४-१० पक्का, मजबूत नात-स० निमंत्रण देना, बुलाना ५५-वि० पका हुश्री नाया३-वि. निराधार, बेबुनियाद Ntv-स्त्री. चालबाजी स्त्री० लुच्चाई नायत-स्त्री० नगारा पु. नौषत पक्ष-५० पक्षपात पु• तरफदारी, माग नातु-10 नवरात्रिका दिन पु० पक्षपात-पुं० पक्षाघात पु. लकवा नोधपोथी-स्त्री. डायरी पक्षपात-पु. तरफदारी नो-स्त्री. नौका स्त्री. किश्ती पापक्षी-स्त्री. मेदभाव हो जाना नीअगमन-10 जल-विहार पक्षिर-पु. गरुड पु० नापति-पु० जहाजका कप्तान । ५मशु-म० भाति तरह नौसैन्य-10 जलसेना स्त्री. दरियाई ५ -वि० पखवासा पु०; पाक्षिक স্মৰাৰ लश्कर For Private and Personal Use Only
SR No.020601
Book TitleRashtrabhasha Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSahityaratna
PublisherVora and Company Publishers Limited
Publication Year1950
Total Pages221
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size10 MB
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