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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra नाई ] ना-१० नासिका स्त्री० नाक; स्वर्ग, आबरू www.kobatirth.org नाम्प्स - वि० अस्वीकार वि० नामंजूर ना - न० छिद्र पु० सूराख; जकात की चौकी नाक्षत्र - वि० नक्षत्र सम्बन्धी वि० नाजुहा- पु० मल्लाह पु० नाखुदा नापुरा - वि० अप्रसन्न वि० नाराज नाम - ० सर्प पु० साँप हाथी नागडया - स्त्री० नागकी पुत्री स्त्री० सुन्दर स्त्री० नागपाश -५० साँप की तरह लिपटा बंधन पु० नामसे - पुं० पाताल पु० नाभर - वि० सभ्य वि० शरीफ, चतुर, ब्राह्मण जातिका एक वर्ग नागरिक - वि० नगर निवासी वि० शहरी नाग - वि० नग्न वि० नंगा; बेशर्म नागेश-पुं० शेषनाग पु० नागेंद्र - युं० शेषनाग पु० ; ऐरावत नाथ-५० नृत्य पु० ;जलसा नायवुः - अ०ड० 50 नृत्य करना अ० क्रि० । नाचना • 10. नाथार - वि० निरुपाय वि० लाचार नाघुटी - २० निरुपाय अ० मजबूरन ना०४२-५० म्यायालयका एक कर्मचारी पु० नाजर नाउ - वि०सुकुमार वि० नाजुक Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नानडु नाभि पु० गवने पु० नाजिम नाटडन० दृश्य काव्य पु० नाटयेट ० हाम्यविनोद पु० हंसी-ठट्ठा नाटिका- स्त्रो० छोटा नाटक पु० नाटय न० नृत्य घोर अभिनय पु० नाहाप्यारी- स्त्री० नाठाबारी स्त्री० मुक्ति. मार्ग पु० नाउ - स्त्री० नाड़ी स्त्री० रग; लगाम नाडी-स्त्री० नाड़ी स्त्री० रग ; डोरी નાણું —ન -१० नाणा पु० सिक्का नाणावटी - ५०० सोने चांदी का व्यापारी पु० सरक नात स्त्री० न्यात स्त्री० बिरादरी नातवश - पु० जातिभोज पु० नातरु - न० दुसरी शादी; श्रेक को छोड़ कर नातीसु - न० सजातीय पु० नाते - पु० - संबंध पु० रिश्ता नाथ- पु० स्वामी पु० मालिक नाथपुर - २०४० नकेल डालना अ० क्रि० नाह-० ध्वनि स्त्री० आवाज़ नाहान - वि० नासमझ नाहार - वि० दिवाला निकाला हुआ चि० कंगाल For Private and Personal Use Only नादुरस्त - वि० अस्वस्थ वि० बीमार नान डु - वि० लघु पु० छोटा
SR No.020601
Book TitleRashtrabhasha Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSahityaratna
PublisherVora and Company Publishers Limited
Publication Year1950
Total Pages221
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size10 MB
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