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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स ] [ અધ્યાપક अही-पु. पितामह पु० दादा अधि॥१-० सम्राट पु. बादशाह महोणु-वि. तोदल वि० अधिरुढ-वि० भारूढ़ पु० तैनात सह-उचित अ० वाजिब ANIस२-० त्यौहार पु. समुत-वि. विचित्र वि० अजीब सविता-४० संस्थापक पु. अ५-५० आज अ० अधिष्ठित-वि० संस्थापित पु० मुकर्रर सान. श्रादा पु. अदरक अधीत-वि. ज्ञाता पु० जानकार भाद्र-पु. पहाइ पु० कोह अधान-[५० अधिकृत वि० ताबे में अदितीय-वि. अनन्य पु० बेजोड़ अधार-वि० व्याकुल स्त्री. बेताब सायातु-१० विना मालिकका वि. अधा२०५-स्त्री० अधीरता स्त्री॰ बेचैनी अपन (11)-१ि० निर्धन पु० गरीब अधाश-पु० सम्राट् पु० बादशाह अब-य-वि० अभागा पु० कमनशीद मधुना-म० अभी अ. अधम-वि० नीच पु. कमीना मधु-वि० कूबड़ेकी तरह बैठा अपभु-वि० अर्द्धमृतक पु० अधमरा हुआ वि० अ५२-५० होठ पु० मधुर-पिअपूर्ण वि० अधूरा स.२-२५० निराधार भ. बेसहारे अधेड-वि० प्रौढ़ पु० अधेड़ सरायु-वि० अतृप्त पु० प्यासा अधेटो-पु. अधेला पु. अप२८-१० मध्य अ• बीच अधो-म० नीचे अ. अधम- अनीति नी• बदी मधोनी- पाताललोक पु० सपा-वि० निरंकुश पु० बेकाबू अघोटी-स्त्री. ऊखका गर्म रस्म पु० सायं-स्त्री. अन्धाधुन्ध पु. २-२४० सहारेके विना अ. अधार-वि० निराश्रय पु. बेसहारा मध्यक्ष-पुं० प्रमुख पु० सिरताज़ अधि-वि० बहुत वि० जियादा । अध्ययन-न० विद्याभ्यास पु० अधि॥२-५० सत्ता स्त्री० हुकूमत तालीम लेना अधि५-पुं० राजा पु०; सूबा अध्यात्म-वि० आत्मा-परमात्मा मविपति-पु. सम्पादक पु० अखबार संबंधी वि. नवीस; राजा. अध्या५४-पु. गुरू पु० उस्ताद भाधमांस-पु. केसरका रोग पु० अध्यापन-10 पढ़ाना पु. तालीम देना अधियु:- १० मूर्ख वि. अक्ल अध्यापिका-स्त्री० शिक्षिका, उस्तादि न For Private and Personal Use Only
SR No.020601
Book TitleRashtrabhasha Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSahityaratna
PublisherVora and Company Publishers Limited
Publication Year1950
Total Pages221
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size10 MB
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