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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दूधिया ] ૧૨૨ [शनि दूधया-[१० दूधवर्ण पु०; कोमल दांत | -स्त्री. देवरानी स्त्री० ६५४-वि० दुरहा वि०पट वि० शस२-१० घरके भीतर का देवस्थान हूषणु-१० दुर्बल वि० कमजोर पु०; जैन-देव-मंदिर मणे:-पु. एक जाति विशेषका आदमी १२-१० देवी देवताका मंदिर पु० ११-० देवता पु. २गामी-५० दूर जानेवाला वि. हवास-४० कपासकी एक जात स्त्री २६॥ ४ -10 दूरबीन स्त्री० गिरा-स्त्री. आकाशवाणी स्त्री० दृश्य-वि० देखने लायक देवधर-१० देव मंदिर पु० ४१५मान-वि० दीख पड़नेवाला वि. पिता-40 अलौकिक वि. देवी दशनीय देवनागरी-वि. देवनागरी लिपि स्त्री० दृष्ट-वि० देखा हुआ वि. स्त्री० दृष्टि देवस्थान-न. मंदिर पु. वही-स्त्री. द्वारपालकी चौकी स्त्री ४id-10 उदाहरण पु० मसलन चबुतरा साधुपुरुषकी कत्र दृष्टांत३५-वि. उदाहरणस्वरूप वि. १२-५० पतिका छोटा भाई पु. दृष्टि-स्त्री० दृष्टि स्त्री० नजर; ध्यान देवण-10 मंदिर पु. हष्ट-पु. अांखकी कमजोरी स्त्री० वा-स०. दिलाना सक्रि. दृष्टिपात-० नजर पड़ना, पु० देखना वार-वि० देनदार वि. कर्जदार माणसा२-वि० दर्शक वि० देखनहारा हवाधिन-पु. परमेश्वर पु. खुदा हवालय-न. देवमंदिर पु० मत-१०देखतेही वाणियु-१० दिवालिया वि० नादार हेमरेम-स्त्री० सार-संभाल स्त्री. हवाणु-न० दिवाला पु. नादारी स्त्री०. हेम-स०६० देखना स०कि. देवांगना-खी. देवी स्त्री०; अपसरस भाव-वि० सुन्दर वि० खूबसूरत वा-स्त्री. देवपली स्त्री०; माता हेरा-पु. तांबेका एक बरतन पु० हे'-स. कर्ज, देना पु० दृष्य-न० ऋण पु० कर्ज, देन हेवेश-पु. परमात्मा पु० खुदा दृपहार-पि० ऋणी वि० कर्जदर देश-स्त्री. देश प्रेम पु. ३२-५० स्वरूप पु. दीदार देशद्रोह- राष्ट्र-द्रोह पु. हीप्यमान-वि० दीप्तिधान चमकीला शनि-पु. देशनिकाला पु० जला१२-४० विलम्ब स्त्री० ढोल पु० . वतन For Private and Personal Use Only
SR No.020601
Book TitleRashtrabhasha Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSahityaratna
PublisherVora and Company Publishers Limited
Publication Year1950
Total Pages221
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size10 MB
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