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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हनैयु ] धनेयु - १० कच्ची रोकड़ स्त्री० पट - वि० पुष्कल वि० काफ़ी દુપટાવવું -સક્રિ 50 गुप्त रखना स०क्रि० ૧૧૫ ६भाई-० रौब पु० दबदबा EHIH-Y'o da go zgzal भियेक्ष - वि० दमेका रोगी वि० घ्या - स्त्री • कृपा स्त्री० मेहर छिपाना ६इष्याववुः स०वि० मुर्दागावना स०क्रि० ध्यानिधि - ५०० दयासागर- ईश्वर, रहमान · [ हरप्यार दफ़नाना इतर-१० कार्यालय पु० दफ़्तर इन-न० मुर्दा गाड़ना रहम नाव - स०४० गाड़ना ०क्रि० ध्याभय - वि० कृपालु वि० मेहरबान ध्याई - वि० दयाद्रवित वि० स० दफ़नाना मडाव - स०० डराना स०क्रि० घ्याणु वि० कृपालु वि० मेहरबान ६२ - ५० भाव पु० कीमत; न० छेद; दरवाजा ध्याभाव - ५० कृपाभाव पु० रहम नज़र ध्याभ - वि० दयास्पद वि० काबिले धमकाना ६-५० रौब पु० दबदबा हमवु - अ० हार जाना अ० कि० | हरप्पास्त स्त्री० मर्जी स्त्री० दरख्वास्त Mi शिकस्त खाना हम - अ० ० नगारा बजाना अ० क्रि०; चमकना हमरी - स्त्री० पैसेका चौथा हिस्सा भडे। स्त्री० जीव पु० दम દરકાર–સ્રી ० आवश्यकता स्त्री • जरूरत ० प्रस्ताव प्पन० भार पु० वञ्चन ६२गा- स्त्री० पीर की क़ब्र स्त्री० दरगाह ६भ–५० श्वास्र पु• खाँस; दमेका रोग; ६२५:४२ - वि० क्षमा किया हुआ वि०; शक्ति; धमकी दरगुज़र ६२७-५०० दर्जी पु० ६२० - पुं० पद पु० रुतबा ६२६ - २० पीड़ा स्त्री० दर्द हम भाट - पु० रौब पु० दबदबा - त्रि० माँदा वि० बीमार हरागीनी-पुं० धन- जेवर पु० रहावे - ५० अधिकार पु० इक्क़ हमहाटी - स्त्री० धमकी स्त्री० ६भन-१० अत्याचार पु० जुल्मः काबू ६२मान, हरयान-युं० द्वारपाल पु० दरमैं करना बान ६५२६ - २५० निरन्तर लगातार इमलर - ५० शीघ्रता से अ० तेज़ी से ६२०५२-५०० राजा, दरबार पु०; राज सभा For Private and Personal Use Only
SR No.020601
Book TitleRashtrabhasha Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSahityaratna
PublisherVora and Company Publishers Limited
Publication Year1950
Total Pages221
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size10 MB
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