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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir वि.] [या त्रिएट-वि. तीन शिखरवाला वि० यनायन-१० नाचने की आवाज़ अ. far-पु. तीन कोनोवाला पु. ५५४-स्त्री. थप्पा पु. तमाचा त्रिी -स्त्री० तिपाई स्त्री० | २५-स्त्री. थप्पड़ पु. तमाचा त्रिपुटी-स्त्री. तीनका समूह पु. यी-स्त्री० गड्डी स्त्री० त्रिपु3-1० तीन टेढ़े तिलक पु. ३५-४० दौरने की आवाज अ० त्रिी -१० तिरंगा वि. ५२-५० आच्छादन पु० ढक्कन विशशि-श्री. दी हुई तीन संख्याओंसे य२५२-१० कॉपने का अभिनय अ. चौथी संख्यया मालुम करना | ५२q-स०६० अनाज न बिगड़े इसके विविध-वि. तीन प्रकारसे वि० लिए ज्वार-बाजरीके पूलों त्रिशूल-10 त्रिशूल से ढंकना वरी-वि० मिश्रित दाल स्त्री० य-म.. होना अ०क्रि०; बनन। नेव-स्त्री० करकसर 40-10 स्थल पु. जगह यु-१० तिहरा वि. 4-० स्नंभ पु. क्या-स्त्री. चर्म पु० चमड़ी या- थकान बी. (१-श्री. शीव्रता स्त्री० जल्दी या-म०० थकना अ०क्रि०; हारन? [2] या२-० थानेदार पु० या-म०. थकना अ० कि० था-२० थाना पु. 23-न० पेसका धड़ पु० यान-न० कपड़े का थान पु०; स्तन; जगइ ५७४-स्त्री. थरथरी स्त्री कपकपी या५-स्त्री. थप्पड़ पु० तमाचा 22-पु. कम्पन पु० या५४-श्री. थप्पड़ पु० चमाचा . यभा-१० समीप अ० नजदीक या५-स्त्री. पूंजी स्त्री० दौलत यी-स्त्री. एक पर एक चीज रखकर थापन-न० स्थापना स्त्री० बनाई हुई पप्पी स्त्री० या५'-५०० थपेड़ना स०कि. याय-10 बाज़ में अ० याण- थाल पु० २५-०० आतंकित करना याणी-स्त्री. थाली स्त्री०; प्रामोफोनका स०कि. धमकाना रिकार्ड यय२-१०० कॉपना अक्रि. यागावातु-४० ग्रामोफोन यो।-पु० नर्तक पु० नट या-न० ऐसी जगह जहाजमाव होता है १४.१५ For Private and Personal Use Only
SR No.020601
Book TitleRashtrabhasha Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSahityaratna
PublisherVora and Company Publishers Limited
Publication Year1950
Total Pages221
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size10 MB
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