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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir इस ] ८७ [४२ इस-१० ठोस वि.; अक्कड़ यारी-स्त्री. हंसी मस्करी स्त्री०मजाक जियो- फल का कठोर बीज पु० । Y-वि. वामन वि. ठिंगना सर-धु० प्रभाव पु० रौब -वि. अच्छा; योग्य; साधारण हेर-स०० खूप हिलाना स०कि. 20-स्त्री० ठीकरी स्त्री० रघु-स०० छलना सक्रि०ठगना ३-10 मिट्टी के बर्तन का टुकड़ा पु० 1-स्त्री. शीत स्त्री० सर्दी हीr-1०० शीतल होना म०क्रि० -स्त्री. शीतलता स्त्री० ठंड; शान्ति ठंडा होना -वि. शीतल वि० सर्द Baneg-वि० नाटा, वि• ठिंगना २-पु. ठाकुर पु. ६४ा-म०० शीतसे अकड़ जाना 813-1 राजपूत, दारोगे आदि लोग पु० स० कि. ठिठुरना २-पु. ठाकुर पु० इम-स्त्री० पतंग को ठिमको लगाना ४॥भा -५० शोभा स्त्री. ठाटबाट महा-पु. जोरसे ठिमकी लगाना 818.0-ली. परयो स्त्री. श-स्त्री. अकर्मण्य पु. बेकार, दुर्बल 83यु-वि० जो जिर्ण हो गया हो वि० -२० कटे हुए हाथवाला वि०; ठठ -10 अस्थिपंजर पु. हड्डियों का श-स्त्री० डौंग स्त्रीशेखी ढांचा सो-५० मुका पु०. घूसा !-तबेला पु० ४-श्री. ताल स्त्री. ठेका छलांग म- न० स्थान पु० जगह बर्तन डी-स्त्री. हसी स्त्री० मस्करी २-०१० श्रोस स्त्री. शबनम 0-40 जगह जगहपर ठंडी हवा 18331- '० छलांग, स्त्री० फाँद २-स०० ठंडा करना स. क्रि० -स०• कूद जाना स० क्रि Tag:-स०० रिक्त करना स० कि० फांद जाना खाली करना अ-10 स्थल पु० मुकाम तु-वि. रिक्त वि० खाली ४४-म० अन्ततक अ० आखीर तक ३-१० गंभौर वि० गहरा; दानिश; ४५-४०४० लगाना स० क्रि० चतुर sia-स्त्री. डींग स्त्री. शेखी ४२-म. उचित स्थानपर अ० असली sing-स..पना स०कि.; खाँपनी जगह For Private and Personal Use Only
SR No.020601
Book TitleRashtrabhasha Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSahityaratna
PublisherVora and Company Publishers Limited
Publication Year1950
Total Pages221
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size10 MB
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