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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra जयन्तिका ४३२ जयन्तिका -हरिद्रा जयन्ती ४२७, ४२८,४३३ जयन्ती - बलामोटा जयन्ती - हरिद्रा जयपालम् - उपविषम् जयपाल : --- रेचक : जया ४२८,४३६ जया - अग्निमन्थः जया—कपिकच्छुः जया - दूर्वा जया -- धूसरी जयापुष्पम् ४२९ जया - बलामोटा जयावहा -- दन्ती जयावहानीलिनी जया - शमी जया - हरीतकी जयावा - अरणी जरटी—गमटिका जरडी-गमटिका जरणडुमः ३६४ जरणम् — हिङ्गु जरणः ४२२ जरण: ४२९ :- जीरकम् जरण:-- जरणा ४३२ जरणा ---कृष्णः जरती - वृद्धा जरन् – वृद्धनामानि जरायु: - अभिजार: जरायु:-नाम्यादीनि जरालक्ष्म-पलितम् जर्जर : - वृद्धनामानि जर्तिल: ४२२ जर्तिल:- तिल: जलकपोतकः - जलपारावतः जलकपोतकः - पारावतः www.kobatirth.org वर्णानुक्रमणिका । जलकाकः ४०४ जलकाकः काकः | जलकाम: - वेतसः | जलकामुका - कुटुम्बिनी जलकुकुटक: ४०५ | जलजन्तुः -- मत्स्यः | जलजम्बू: ४३९ | जलजम् ४३० | जलजम्--कमलम् जलजम् जलमुस्तम् जलजम्-लवणारम् -शङ्खः जलज : -- शालि: जलज: जलज: -- हिज्जल: जलजा--क्लीतनकम् जलजीविनी —-जलूका जलद: १७७ जलद :- पानीयम् जलद:- मुस्ता जलदः - शङ्खः जलदागमः ४१७ | जलदागमः -- वर्षाः | जलधरः -- तिनिस: | जलनी-मञ्जिष्ठा | जलनीली - जलमुस्तम् जलपक्षिमांसम् ३९२ | जलपक्षी-ठिकः | जलपाद: - हंसः जलपारावतः ४०४ जलपारावतः पारावतः जलपिप्पली १४७ जलपिप्पली ४३७,४३७ | जलपिप्पली - महाराष्ट्री | जलप्राणी - मत्स्यः | जलबिन्दुजा - यावनाली जलभूः - जलपिप्पली | जलमधूकः - जलदः जलमीन: मत्स्यः For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ५१ जलमुस्तम् १६ जलवल्ली - राङ्गाटक: | जलवासम् — उशीरम् जलवासः-~~-~-विष्णुकन्दः जलवासा -- गुण्डासिनी जलविक्रमा-सलकी जलवेतसः ४३०, ४३७,४३९ जलवेतसः -- वानीर: जलवेतसः -- वेतसः जलवेतसः - व्याधिघातः जलव्याल:- -मत्स्यः | जलशायी ४०६ जलशायी—कुकुटः जलशायी -- जलकुक्कुटकः जलशायी—— टिट्टिभी | जलसर्प : जलशायी जलसर्प:- सर्पः | जलसंभवः -- वानीरः | जलसाघतिवासकः (?) –ठिकः जलसारी --- ठिकः जलस्था दूर्वा | जलस्थितः --- कुकुटः | जलस्थित : --- जलकुक्कुटकः जलम् - पानीयम् जलम् — पेयम् जलम् —वालकम् जलाख्यक : -- जलदः जला दण्डी - ब्रह्मदण्डी जलामोदम् — उशीरम् | जलालुः – पानीयालुः जलालकम् — पद्ममूलम् | जलावहः- मुस्ता | जलाशया-गुण्डाला जलाश्रयम्-लाभजकम् | जलाश्रय: - ईहामृग: जलाश्रयः – गुण्डः जलाश्रया - गर्मोटिका जलाश्रया गुण्डाला जलाश्रया - धर्मान्तिः
SR No.020593
Book TitleRajnighantu Ssahito Dhanvantariya Nighantu
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHarinarayan Aapte
PublisherAnandashram Mudranalay
Publication Year
Total Pages619
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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