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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हिमग्नि ( ५१५ ) हुपटो डिमडिम-(न0) एक वाद्य । ऊंचा और हृष्ट-पुष्ट । दीर्घकाय । २. डिंगळ-(ना०)१. राजस्थान की मध्ययुगीन बड़े कुटुम्ब वाला। साहित्यिक काव्य भाषा। २. चारण भाटों डीलाळो-(वि०) १. दृढ़ और मोटे शरीर का तथा उनकी शैली का काम्य। ३.अपभ्रंश वाला । पुष्ट शरीर वाला । २. व्यक्तित्व रूप की राजस्थानी की एक काव्य शैली। वलाा। ४. ऊँचे स्वर से सुनाया जाने वाला प्रेरक डीलोडील-(न०)१. समस्त अंग । २. अंगोकाव्य । जीवन काव्य । [डींगी(-ऊंची, पांग । (अव्य०) १. स्वयं । खुद । २. दीर्घ) + गल ( - बात, आवाज) । ५. आपखुद । खुदोखुद । ३. डील के अनु डींगल । वीरवाणी। (वि०) वीर । सार । ५. शरीर में बराबर । डिगळियो-(वि०) १. डिंगल काव्य की डींग-(ना०)१. लंबी-चौड़ी बात । २. गप्प । रचना करने वाला। २. डिंगल काव्य को शेखी । ३. आत्म प्रशंसा। समझने वाला। (न0) १. डिंगल कवि। डींगरो-(न०) गाय, भैंस आदि पशूत्रों के २. भाट-चारण । ३. वीर पुरुष । गले में बांधा जाने वाला एक मोटा और डिभ-(न०) १. बच्चा। २. युद्ध। लंबा डंडा जिससे वे भाग न सकें।। डीकरी-(ना०) १. पुत्री । बेटी । २. डोंगाळो-(वि०) १. जो तुलना में ऊचा हो। लड़की । कन्या। मुकाबले में डींगा। २. डोंगो। ऊचा । लंबा। डीकरो-(न०) १. पुत्र । बेटा । २. लड़का।। डोंगी-(वि०) १. ऊंची। २. लंबो। ३. डीधी-दे० डींगी १, २, ३. लंबी-ऊंची। ४. डींग हांकने वाला। डीघो-दे० डीगो। गप्पी । डीठ-न०) १. दृष्टि । नजर । २. देखने डींगो-(वि०) १. जो कद में ऊंचा हो तथा की शक्ति। ३. सूझ । ज्ञान । ४. दृष्टि लंबा हो। २. लबा । ३. ऊंचा। का बुरा प्रभाव । नजर । (अव्य०) डीड-(10) १. जल सर्प । पानी का सांप । प्रत्येक । हर एक । प्रति । २. विष रहित सांप । डुडुभ । डीबो-(न०) १. पेट में वायु रुकने का एक डीभू-(न०) भिड़ । ततया । बरं । भमरी। ही रोग। २. पेट में होने वाली वायु की भारी। गांठ । ३. कलेजे में होने वाला एक दर्द। डुक-(न०) घूसा । मुक्का । ४. मनस्ताप । ५. छाती भर जाना। डुक्कर-(न०) शूकर । सुअर । डीर-(न०) १. वृक्ष की टहनियां, फूल, पत्ते ड्रखलियो-(न०) बिना तना हुया टूटा-फूटा आदि । २. बोर । मंजरी। खाट । जीर्ण खटिया । डुखलो। डील-(न०) १. शरीर । देह । २. शरीर का इखलो-दे० ड्रखलियो। विस्तार । कद। ३. कुटुम्बीजन । ४. ड्रगडुगी-(ना०) एक छोटा बाजा । डग्गी । स्त्री का गुप्तांग । योनि । डुग्गी-दे० डुगडुगी। डील करणो-(मुहा०) अवयवों का विकसित डपटी (ना.) १. कंधे पर रखने की एक होना । शरीर का बढ़ना। चादर । दुपट्टी। २. दुपट्टी। चादर । डील-डाणाक-दे० डीलाळो । दोपट्टी वाली चद्दर।। डीलायतो-दे० डीलायतो। ड्रपटो-(न०)१. ओढ़ने की चादर । दुपट्टा। डीलायतो-(वि०) १. बड़े कद वाला। २. जरी के काम वाला स्त्रियों का एक For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
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