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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir बाळो (५०६) २. डंडियों से गेहर (खेलने) रमने वाला। बना अंधेरा। १०. भीड़। जमाव । ३. रण-रसिक। समूह । दल । ११. जोश । उमंग । १२. डंडाळो-(वि०) डंडे वाला । डंडाघारी। मरुपा । १३. सुगघ । (वि०) १. गहरा । डंडाहड़-(न०) १. डंडियों की गेहर । २. घना । खूब । २. अश्रु पूर्ण । ३. आच्छाडंडा रास । ३. नगाड़ा। दित । ४. विस्तृत । डंभ-दे० डाम। डंडिया-गेहर-(ना०) खिड़किया या चूचदार पाघ में तुर्रा-कलंगी, जामा सभी प्रकार डंभारण-(ना०) दंभ । पाखंड । डंस-(न०) १. दंश । दाँत । २. डांस । के आभूषण और पांवों में धूघरू प्रादि मच्छर । (ना०) ईर्ष्या । डाह । राजाशाही वेशभूषा में सज्ज होकर समूह रूप से ढोल नौबत आदि वाद्यों के ताल __ डंसपो-दे० डसणो। पर पतली डंडियों (छड़ियों) से खेला जाने । डाइण-(वि०) १. वृद्ध । २. वृद्धा । (ना०) वाला एक वासंतिक (होलिकोत्सव) नृत्य । १.डाकिनी । डायन । २.भूतनी । चुडैल । ३. डरावने रूप वाली स्त्री। ४. जादूरास । रास नृत्य । डंडी-(न०) १. संन्यासी। २. राजा । ३. गर स्त्री। यमराज। ४. द्वारपाल । ५. तराजू की __ डाई-(ना०) १. खेल में हारने वाले के ऊपर आने वाली पारी। (प्रायः बालकों के खेल आडी लकड़ी । ६.कलछी की लंबा सिरा। में) २. धातु का सिक्का, फूलपत्ती इत्यादि ७. छाते की छड़ी। (वि०) जिसे दंड काटने का सांचा। मिला हो । दंडित । सजायाफ्ता । डाईजणो-(क्रि०) १. घोड़ी को कामेच्छा डंडो-(न०) डंडा । सोंटा । दे० डांडो। होना। २. घोड़ी को गर्भ धारण की डंडूळ-(न०) वातचक्र । भयूळो । इच्छा होना । घोड़ी का जाग में आना। डंडाको-(न०) डंडा । सोंटा। डाक-(ना०) १. एक पैड से दूसरे पैंड का डंडोत-(ना०) दंडवत । उलटा सोकर किया। अन्तर । डग। कदम । २. छलांग । किया जाने वाला प्रणाम । साष्टांग कुदान । ३.निरंतर प्राने जाने की क्रिया। प्रणाम । साष्टांग दंडवत । नित्य का प्रावन-जावन । ४. अधिक डंडोळो-(न०) नगाड़ा। संख्या में पावन-जावन । ५. प्राचीन समय डंफर-(ना.) १. आडम्बर । २. धौंस । की ऊंट सवार, घुड़ सवार आदि के द्वारा रोज । ३. तेज हवा । राज्यों की परस्पर चिठ्ठी पत्री या फरमान डंफारण-(ना०) १. लंबी चौड़ी बात । शेखी। प्रादि पहुँचाने की एक व्यवस्था । ६. गप्प । २. दंभ । पाखंड । धूर्तता । ३. चिट्टियों, पारसल आदि के आने-जाने या झूठा रोब । मिलने-भेजने का एक सरकारी प्रबन्ध । डंबर-(न०)१. प्राडंबर । ढोंग । २.प्रकाश । ७. डाकघर के द्वारा भेजी जाने वाली या ३. प्रताप । महिमा । ४. ऐश्वर्य। वैभव । प्राप्त की जाने वाली चिट्ठियाँ इत्यादि । ५. बादल । मेघ-घटा। ६ एक प्रकार ८. डाकगाड़ी। ६. कोई चर्म वाद्य । का बड़ा चदोबा । ७. विस्तार । फैलाव।। १०. युद्ध वाद्य । ११. वाद्य शब्द । ८. गुलाल या धूल से आच्छादित वाता- १२.शब्द । ध्वनि । आवाज । १३. उलूक वरण । ६. आकाश में गर्द छा जाने से शब्द । उल्लू का बोलना । १४. युद्धस्थल For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
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