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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir चिपटणो ( ३७६ ) चिळक चिपटणो-दे० चिपकणो। चिरत-(न०) पाखंड । ढोंग । चरित । चिपटी-(वि०) चपटी । दबी हुई । (ना.) ढूग। १. चुटकी । २. चंगुल । दे० चिबटी। चिरताळी-(वि०) १. धूर्ता। ठगिनी । २. चिपटो-(वि०) जिसकी सतह उभरी हुई न पाखंड करने वाली । चरित करने वाली। हो। चिपटा । दुराचारिणी । व्यभिचारिणी। चिपड़ी-(ना०) शुद्ध की हुई लाख की चिरताळो-(वि०) १. अनेक प्रकार के चिपटी टिकिया या परत । चरित करने वाला । दूंगी । २. कपटी । चिपड़ो-दे० चपड़ो। छली । ३. पाखंडी। धूर्त । ठग । चिपणो-(क्रि०) चिपकना। चिरनिद्रा-(ना०) मृत्यु । मौत । चिबटी-(ना०) १. मध्यम अंगुली और चिरमटी-दे० चिरमी। अंगूठे को चटकाने से उत्पन्न शब्द । २. चिरमी-(ना०) गुजा । घुघची । चिरमी । पांचों अंगुलियों के अगले पोरों को मिलाने चिरमेही-(न०) गदहा । गधो। से बनने वाला संपुट । पाँचों अंगुलियों चिरळी-(ना०)चिल्लाहट । चीख। चीत्कार। को इक्कठा करने में जितना समा सके चिर शांति-(ना०) १. मृत्यु । २. मोक्ष । वह माप । चुटकी । चुंगल । ३. पाँचों चिर समाधि--(ना०) मृत्यु । मौत । मिरतू । अंगुलियों को इक्कठा करने से बनने वाला चिरंजी-(वि०) चिरंजीव । चिरायु । संपुट । चुटकी। ४. इस सम्पुट में समा दीर्घायु । (न०) आशीर्वाद का शब्द । सकने वाला पदार्थ। (अव्य०) चिरजीव रहो । दीर्घायु हो। चिमगादड़-दे० चमगादड़। चिरंजीव-दे० चिरंजी। चिमटी-(ना०) १. किसी वस्तु आदि को चिराक-(न०) चिराग । दीपक । दोवो । पकड़ने का दो अंगुलियों का एक संपुट । चिराग-दे० चिराक । २. छोटी वस्तु को पकड़ने के लिये चिमटे चिराड़-(ना०) १. दरार । शिगाफ । २. के जैसा एक छोटा औजार । चिमोटी चीरो । ३. चिल्लाहट । चिमतड़ी। सवाणी। चिराडो-(न०) १. शिगाफ । बड़ी दरार । चिमटो-(न०) चिमटा । चीपियो। २. चीरो। ३. चिल्लाहट । चिमनी-(ना०) १. मिट्टी के तेल से जलने चिरायतो-(न0) एक कड़वी वानस्पतिक वाला कुप्पी जैसा एक दीपक । २. कार औषधि । खानों का वह लंबा भूगल जिसमें होकर चिरायु-(वि०) बड़ी उमर वाला। (ना०) धुआं निकलता है । ३. रसोई घर की बड़ी आयु । छत पर बना धुआँकश। चिराळ-दे० चिराड़। चिमंतर-(वि०)सत्तर और चार । चौहत्तर । चिरावणो-(क्रि०) १. चिरवाना । चीरने (न०) चौहत्तर की संख्या । ७४ चिरकुटो-दे० चीथगे। का काम करवाना। २. हाथीदांत, नरेली चिरजीवी-दे० चिरंजीवी। ___आदि की चूड़ी खराद पर उतरवाना। चिरड़ियो-(वि०) चिड़चिड़े स्वभाव वाला। चिरूं-(वि०) 'चिरंजीव' का संक्षिप्त । चिरणाट-(न०) नाश । चिरूंजी-(ना०) एक मेवा । चिरौंजी । चिरणाटियो-दे० चिरणाट । चिळक-दे० चिळको। पर For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
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