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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir करवी ( २०७ ) करबो-(न०) एक पेय भोज्य पदार्थ । छाछ करळ-(ना०) १: मुट्ठी । मुष्टिका । २. तर्जनी या दही मिश्रित पीने योग्य एक भोजन। अंगुली और अंगूठा दोनों के सिरों को करंभ । (क्रि०) करना । बनाना। मिलाने से बनने वाली गोलाकार जगह । करभ-(न०)१. हाथी का बच्चा। २. हाथी। २. करल में समा सकने वाली वस्तु । ३. हथेली। ४. ऊंट का बच्चा। ५. ऊँट। (वि०) कराल । भयंकर । करभक-(न०) ऊँट। करळी-(वि०) मुट्ठी में पकड़ा जा सके उतना करम-(न०) १. कर्म । काम । २. धामिक (पुराल) । (ना०) पुराल । पयाल । कृत्य । ३. भाग्य । संचित कर्म । ४. करळो-(न०) हाथ द्वारा कांख में दबा कर मस्तिष्क । माथा । ५. कर्तव्य । ६. नित्य ले जाया जा सके उतने पुराल-घास आदि कर्म । दे० कर्म । का मुट्ठा । बड़ा पूला। करमगत-(ना०) कर्मगति । भाग्य। करलो-(न०) ऊंट । करमचंदियो-(न०) अोछापन और क्रोध करवट-(ना०) १. बाजू (पसवाड़े) से में प्रयुक्त की जाने वाली 'सिर' और लेटने की क्रिया । २. पार्श्व । ‘भाग्य' की संज्ञा । कर्म । भाग्य । करवत-(ना०) प्रारी । करीत । करमठोक-वि०) प्रभागा । भाग्यहीन । कर-वरसणो-(वि०) दानी । हतभाग्य । करवरो-(वि०) १. अद्धं दुष्काल वाला। करमण-(वि०) उद्यमी । कर्मण्य । थोड़ी वर्षा वाला। २. कठिन । मुश्किल । करमरणा-(अव्य०) १. कर्म के द्वारा । कर्म दुरूह । (न०) वह वर्ष जिसमें वर्षा कम से । कर्मणा । २. काम करते हुए। होने के कारण फसल पूरी न हुई हो । करमन्न-दे० करमरण । छोटा दुष्काल । २. सामान्य फसल का करमप्रसाद-(वि०) १. भाग्यशाली । करम वर्ष । साधारण । वर्ष । ३. दुष्काल । प्रसाद । २. उपकारी। अकाल । ४. आफत । बला। करम-रेख-(ना.) १. भाग्य रेखा । २. करवाण-दे० करवाळ । भाग्य का लेख। करवाळ-(ना०) तलवार । करमसी साँखलो-(न०)एक हरिभक्त कवि। करवो-(न०) सकोरा । कसोरा । (यह पृथ्वीराज राठौड़ से भी पहले का करसण-(ना०) १. खेती। कृषि । २. । वेलिकार है।) कृषिकर्म । करम-हीण-(वि०) भाग्यहीन । कर्महीन । करसणी-(न०) कृषक । किसान । __ अभागा । कर्मठोक । करसणो-(क्रि०) खींचना । तानना । कर-माठो-(वि०) कंजूस । कृपण । करसल-(ना.) १. फर्श में लगी पत्थर की करमाँ बाई-(ना०) एक प्रसिद्ध भक्त स्त्री। चौकियाँ । टाइलों वाला फर्श । कर-मूकावणी-(ना०) वर वधु के पाणि- करसाख--(ना०) अंगुली । ग्रहण को छुड़ाते समय दिया जाने वाला करसारण-(न०) किसान । दान, नेग आदि। पाणिग्रहण छोड़ने के करसो-(न०) कृषक । किसान । समय दिये जाने वाले नेग, दक्षिणा, इनाम करहली-(ना०) ऊंटनी । सायड़। . आदि। करहलो-(न०) ऊंट। करमेतीबाई-नाO) एक भक्त स्त्री। करहीरो-(वि0) ऊंटसवार । करभारोही। For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
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