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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (१४) .. करवी कड़कनाळ-(ना०) तोप विशेष । बेचने खरीदने के समय तोल में बोरी, कड़को-(न०) १. अंगुलियों को चटखाने से टीन प्रादि (जिसमें वे भरे हुये हों) की होने वाला शब्द । २. शक्ति । ताकत ।। की जाने वाली कटौती । करदा । ३. कड़ाके की आवाज । ३. सोने चांदी के आभूषणों में भरी हुई कड़ख-(ना०) नदी का ऊँचा किनारा । लाख तथा जड़त का सुरमा, नग आदि कड़खरगो-(क्रि०) आक्रमण करना। टूट विजातीय वस्तुएं । ४. कूड़े-करकट के पड़ना। २. क्रोध करना । ३. इकट्ठा कारण मल्य में की जाने वाली कमी। होना। कटौती। ५. माल के क्रय-विक्रय में दी कड़खेत-(वि०) १. कड़खो गाने वाला जाने वाली छूट । ६. कूड़ा-करकट । चारण, भाट, ढाढ़ी आदि । २. योद्धा। करदा। कड़खै-(क्रि०वि०) १. दूर । २. अलग। कड़नाळो-(न०) किंवाड़ को बंध करने की कड़खो-(न०) १. कगार । किनारा । सांकल । कुडा । कोंढा। २. छंद विशेष । ३. ढाढ़ी, भाट या कड़प-कपड़ों में लगाया जाने वाल कलफ । चारणों द्वारा ऊँचे स्वरों में अलापा जाने माँड़ी। वाला विजय गीत । ४. विजय-गीत । कड़पारण-(न०) १. कड़प लगा हुआ । ५. राग-विशेष, जो युद्ध के समय प्रोत्साहन २. मजबूत । ठोस । दृढ़ । देने के लिये गाई जाती है। सिंधु राग। कड़ब-(ना०) ज्वार के सूखे डंठल । कड़वी। कड़छंगो-(क्रि०) १. उमड़ना। बढ़ना। कड़बंध-(न०) १. कंदोरा । करधनी । २. लपकना । उछलना। ३. तैयार २. कमर बंध । ३. तलवार । होना । कमर कस कर तैयार होना। कड़बंधी-(ना०) १. कटारी । २. तलवार । कड़छी-(ना०) लंबी डंडी का बड़ा चम्मच। कड़बी-दे० कड़ब। कलछी। __ कड़मूल-(ना०) १. सेना। फौज । २. कमर कड़छो-(न०) बड़ी कलछी। के नीचे का भाग । ३. चूतड़ । नितंब । कड़ड़-(ना०) १. बिजली की आवाज। टुंगो। २. लकड़ी के टूटने की आवाज । कड़ला-(न०व०व०) स्त्री के पांवों में पहनने कड़तळ-(न०) १. तलवार । २. झाला के सोने चांदी के पोले कड़े। राजपूत । ३. सौराष्ट्र के झाला राजपूतों कड़वाई-(ना०) १. कड़ापन । कड़वास । का एक विरुद । (वि०) वीर। २. कटुता । अप्रियता । कड़तू-(ना०) कमर । कटि। कड़वा जीभो-दे० कड़वाबोलो । कड़तोड़ो-(न०) १. ऊंट। २. करधनी। कड़वाट-दे० कड़वास । कंदोरो। (वि०) १. वह (वस्तु) जिसका कड़वा बोलो-(वि०) कटु बोलने वाला। बीच का भाग टूटा हुआ हो। २. वह अप्रियभाषी। जिसकी कमर टूटी हुई हो। कटि से टूटा कड़वास-(ना०) १. कटुता । अप्रियता । हुआ। ३.कमर तोड़ने वाला। ४. जो सुर- नाराजी । २. कड़ मापन । तीखापन । क्षित नहीं। असुरक्षित । ५. वीर। कड़वाई। कड़दो-(न०) १. तेल घी आदि का कीट कड़वी-(वि०) १. कटु । कड़ ई । २. अप्रिय । (मैल)। २. नाज, घी, तेल आदि को कटु । For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
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