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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra (अनु० ) (श्रव्य ० ) (श्रा० क्रि०) (3270) (उप० ) ( ए०व०) (10) (f550) ( क्रि०भ०) ( क्रि०भ० का ० ) ( क्रि०भू ० ) ( क्रि०भू० का ० ) ( क्रि०वि०) ( जैन ० ) ( जैस ० जैसल०) ( ज्यो ० ) ( तू०पु० ) (दे०) (द्वि०पु० ) (70) ( न०ब०व०) ((770) (ना०ब०व०) (प्र० या प्रत्य०) ( प्र०पु० ) ( ब०६०) ( ब० वा० ) (भ० क्रि०) (भू० ) (भू० क ० ) (भू० क्रि०) ( वव्य ० ) (वि०) www.kobatirth.org संकेत अनुकर रख श्रव्यय Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir आज्ञासूचक क्रिया उदाहरण उपसर्ग एक वचन काव्य क्रिया क्रिया भविष्यत् काल क्रिया भविष्यत् काल क्रिया भूतकाल क्रिया भूतकाल क्रियाविशेषण जैन धर्म सम्बन्धी जैसलमेरी ज्योतिष शास्त्र तृतीय पुरुष देखिये द्वितीय पुरुष नर जाति संज्ञा नर जाति बहुवचन नारी जाति संज्ञा नारी जाति बहुवचन 'प्रत्यय प्रथम पुरुष बहुवचन बहुवाची प्रयोग भविष्यत् क्रिया भूतकाल भूतकाल कृदन्त भूतकाल क्रिया वर्ण व्यतिक्रम विशेषण For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
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