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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir माणो कराणो ( ६६ ) पाताळो प्राणो कराणो-(मुहा०) १. नव विवा- आतमदेव-(न०) प्राण । __हिता पुत्री को प्रथम बार ससुराल आतमबळ-(न०) अपना और अपनी भेजना । २. पुत्री को ससुराल भेजना। आत्मा का बल । प्रात्मबल । अपना३. वधु को पीहर भेजना। बल । प्रारणो-टारणो-(न0) १. पर्व । उत्सव । प्रातमराम-(न०) १. परमात्मा । ब्रह्म । २. जीव । २. विवाहादि मांगलिक अवसर । प्राणो-मुकळावो-(न०) द्विरागमन । प्रातमसुख-(न0) एक प्रकार का रूईदार मंगरखा। गोना। प्राणो लाणो-(मुहा०) पत्नी को पीहर आतमहत्या-(ना०) प्रात्म-हत्या । आत्म घात । से अपने घर लाना। वर का वधु को पातमा--(ना०) १. अन्तःकरण के व्याउसके पीहर से ससुराल में लाना। पारों का ज्ञान कराने वाली सत्ता । आतताई-(न०) धन-माल लूटने, स्त्रियों प्रात्मा। २. जीवात्मा । ३. मन । को हरण करने और घरों में आग लगाने ४. हृदय। इत्यादि दुष्कर्म करने वाला व्यक्ति । ग्रातमाराम-दे० प्रातमराम । प्राततायी। पातळ -(क्रि० वि०) जबरदस्ती से । पातप-(न०) १. सूर्य प्रकाश । धूप । ग्रातस- (ना०) १. अग्नि । पातश । २. सूर्य के प्रकाश की गरमी । उष्णता। २. गरमी। ३. क्रोध । ४. जोश। गरमी । आतपत्र-- (न0) छाता। छत्री । छतरड़ो। ५. काम पीड़ा । ६. एक रोग । उपदंश । पातशक । प्रातपवारण-दे० प्रातपत्र । पातसबाजी-(ना) बारूद के खिलौनों प्रातम-(न०) १. प्रात्मा । २. पर को जलाने का दृश्य या क्रिया। पातशमात्मा । ब्रह्म । ३. जीव । (वि०) बाजी। निजी । स्वकीय । (अव्य) निज । प्रातस-भाळ-(ना०) १. अग्नि ज्वाला । स्वयम् । २. कामाग्नि । काम ज्वाला। प्रातमग्यान-दे० प्रात्मज्ञान । आतसपीड़---(ना०) १. काम पीड़ा । पातमायानी-(न०) आत्मा तथा परमात्मा २. गरमी से होने वाली पीड़ा। के संबंध में जानकारी रखने वाला । प्रातस-पीड़-(वि०) काम पीड़ित । आत्मज्ञानी। प्रातस-पीड़ो- दे० प्रातसपीड़ । आतमघात-(ना०) आत्मघात । प्रात्म आतसाँ-(न००व०) बादशाही जमाने में हत्या। मनाया जाने वाला एक बादशाही प्रातमज-(न०) प्रात्मज । पुत्र । जलसा । दे० प्रातम। आतमजा-(ना०) प्रात्मजा । पुत्री। आतंक-(न०) १. रोब । दब दबा । प्रातमजोरणी-(न०) १. आत्मयोनि । २. प्रताप । तेज। ३. भय । ४. शंका । ब्रह्मा । २. शिव । ३. विष्णु । ४. काम- ५. उपद्रव । देव । आताळ-(न०) १. संकट । दुख । २. तेज आतमज्ञान - (न०) आत्मा और परमात्मा गति । के संबंध की जानकारी । ब्रह्म का साक्षा- आताळो-(वि०) १. उतवाला । स्कार । प्रात्मज्ञान । २. प्रातुर। For Private and Personal Use Only
SR No.020590
Book TitleRajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
PublisherPanchshil Prakashan
Publication Year1993
Total Pages723
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size12 MB
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