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________________ www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra पूगरण ( ९१ ) पूंगरण-देखो पंगरण'। पूजळी-देखो 'पूज'। पूगळ-पु० बीकानेर राज्यान्तर्गत एक भू-भाग। पूजवाळ-पु० १ मूज या डाभ का एक बार में, रस्सी बुनने में पूंगी-स्त्री० १ संपेरे का फूक वाद्य । २ सुपारी। जोड़ा जाने वाला भाग। २ रस्सी या पलंग बुनते समय पूमोकळ-पु० [सं० पूगफल] सुपारी। बिखरने वाला मूज का फूस । पूगीधर-पु. संपेरा, गारुड़ी। पूजी-स्त्री० [सं० पुज] १ जोड़ा या जमा किया हुअा धन । पूचरणा-देखो 'पांचणा'। २ व्यापार में लगा या ऋण पर दिया हुमा मूल धन । पूचाळ, पूचाळी-वि० समर्थ, शक्तिशाली। ३ प्राय वाली पूजी या संपत्ति। ४ किसी विषय की योग्यता, पूचियो-देखो 'पुरणचौ'। धन। -वार-पु० अधिक धन या सम्पत्ति वाला व्यक्ति । पूची-पु. १ चोरी का माल लाने वाला, तश्कर । २ इस कार्य -दारी-स्त्री० धनवान होने की अवस्था। -पति-वि० का पारिश्रमिक । ३ बैलगाड़ी के थाटे के नीचे लगने धनवान । -बाद-पु० पूजी या पूजीपतियों के वर्चस्व वाला डडा विशेष । ४ बैलगाड़ी के पिछले भाग में लगाया वाली आर्थिक नीति । सिद्धान्त। -वावी-स्त्री. उक्त जाने वाला लकड़ी का कटहरा । ५ देखो 'पुरणची' । नीति या सिद्धान्त को मानने वाला। पूचौ-देखो 'पुणचौ'। पूठ-देखो 'पीठ'। पूंछ, पूछड़-स्त्री० [सं० पृच्छ] १ पक्षियों या जानवरों आदि पूठगठरी-पु० पीठ पर गठरी लादे घूम-घूम कर सौदा बेचने की दुम । लांगूल । २ किसी वस्तु के पीछे का लंबा भाग। | वाला सौदागर । पूछड़तंग-पु० ऊंट के चारजामे या बैल की झूल का, पूछ के पूठि-क्रि०वि० पीछे, पूठ पीछे । नीचे रहने वाला भाग। पूठियो, पूठोड़ी-पु. वस्त्र विशेष, अंगा, अंगरखा । पूछड़ी, पूछड़ी-देखो 'पूछ' । पूण-वि० [सं० पाद-ऊन] १ तीन चौथाई, पौन, एक में पाव पूछडोलो-पु० एक प्रकार का अशुभ घोड़ा। कम । २ देखो 'पूरण। छणो (बो)-क्रि० [सं० प्रोच्छन] हाथ या वस्त्रादि से कुछ देखो परशियो। टेखो 'परशा' | देखो 'पगा'। पोंछना, साफ करना। पूतरी-पु० छिलका, छाल । पूछपांछ, पूछापांछो-वि० शेष बचा हुआ, अवशिष्ट । पूतार-पु० महावत । -पु. पोंछने की क्रिया या भाव । पुतारणौ (बौ)-क्रि० [सं० पूतान्तरणम्] प्रोत्साहित करना । पूछबुवार-पु०पूछ की जमीन पर घसीटते हुए चलने वाला बैल । जोश दिलाना । पूछरेल-वि० पूछ वाला। द-पु० नितम्ब, चूतड़ । छलतारो-पू० भाप या कुहरे की पूछ वाला एक तारा | Gदियो-प० चरस चलाते समय ला |दियौ-पु० चरस चलाते समय लाव पर रख कर बैठने का विशेष । चमड़ा। पूछवाळ-पु० पूछ के नीचले भाग के बाल। पूदी-वि० कायर, डरपोक । पूछाळ-वि० बड़ी पूछ बाला । पन-१ देखो 'पवन' । २ देखो 'पू'द' । पूछियौ-देखो 'पूची'। पूमड़ो-देखो पूगड़ी'। पूछी-स्त्री० [सं० पुच्छ] चौपायों पर लिया जाने वाला कर पू-वि० पूर्ण । -पु०१ नभ, आकाश । २ पूर्व, प्राची। ३ नगर। विशेष । ४ शरीर, वपु । -स्त्री०५ गंगा । पूछटणी (बी)-क्रि० बैलों के पूछ मरोड़ना। पूनोहर-देखो 'पयोधर' । पूज-पु०१ बाजरी के सिट्रों का ढेर। २ घास का ऊंचा व | पूख-१ देखो 'पुस्य' । २ देखो 'पूख'। सीधा गंज । ३ वेखो 'पुज'। ४ देखो 'पूजवाळ' । पुखण-वि० [सं० पूषणम्] १ पालन-पोषण करने वाला। पूजड़ी-देखो 'पूजी'। २ देखो 'पूसरण'। - पूग-पु० [सं०] १ सुपारी का पेड़ । २ सुपारी। ३ झुण्ड; पूंजण-पु० [सं० परिमार्जनम् ] सफाई करने का उपकरण।। समूह । ४ देखो 'पहुंच' । [सं० परिमाजिका] जैन साधुओं का जमीन | पूगणौ (बौ)-देखो 'पहुंचणी' (बी)। प्रादि बुहारने का चंवर, उपकरण, अोघा पूगफळ-देखो 'पूगीफळ'। पजणी (बी)-क्रि० १ किसी उपकरण से खुजली मिटाना, पुगरण-देखो 'पगरण' । खुजलाना । २ पूजणी द्वारा सफाई करना । पगळ-१ देखो 'पुद्गळ' । २ देखो 'पूगळ' । For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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