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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पीसणी पुकरमूळ ४ पिसाई का व्यवसाय । ५ पिसाई के लिये रखा पुडरी-वि० [सं० पाण्डरीक श्वेत, सफेद । हुआ अनाज। पुंडरीक-पु० [सं०] १ श्वेत, कमल । २ रघुवंश का एक पीसो (बी)-क्रि० [सं० पेषणं] १ महीन चूर्ण या पाटे के राजा । ३ यवन, मुसलमान । ४ बादशाह । ५ जैनियों के रूप में करना । २ अनाज का आटा बनाना । ३ चटनी के एक गणधर । ६ सिंह । ७ श्वेत वर्ण । ८ श्वेत हाथी। रूप में बांटना। ४ अधिक श्रम कराना । ५ शोषण कराना। ६ श्वेत सर्प । १० एक बाज पक्षी विशेष । ११ एक नाग ६ ताश के खेल में पत्ते बांटने का कार्य करना । का नाम । १२ क्रौंच द्वीप का एक पर्वत । १३ प्राकाश । पोसाई-स्त्री. १ पीसने का कार्य । २ पीसने का पारिश्रमिक । १४ तिलक । १५ हाथी का ज्वर । १६ अग्निकोण के ३ ताश के पत्ते बांटने का कार्य । दिग्गज का नाम । १७ श्वेत कुष्ट । पीसाणो (बी), पीसावरणौ (बो)-क्रि० १ महीन चूर्ण या पाटे | पुडरीकस, पुडरीकाक्ष, पुंडरीकाख, पुंडरीकास-पु० के रूप में कराना । २ अनाज का पाटा बनवाना । ३ चटनी [सं० पुंडरीकाक्ष] कमल नयन, श्रीकृष्ण, ईश्वर, विष्णु । के रूप में बटवाना। ४ अधिक श्रम करना। ५ शोषण | पुंडरीकासण-पु० [सं० पुंडरीकासन] ब्रह्मा । कराना । ६ ताश के पत्ते बंटवाना । पुंड्र-वि० [सं०] श्वेत, सफेद । -पु. १ एक देश का नाम । पीसू-देखो 'पिसू'। २ एक वृक्ष का नाम । ३ बलि के पुत्र का नाम । ४ केसर पीसी-देखो 'पईसौ'। या चंदन का तिलक, टीका । ५ कमल । ६ श्वेत कमल । पीसौधरी-पु० [सं० पिश-धारिन् राक्षस, असुर । पुण-देखो 'पूण'। पीसौर-पु० पेशावर। पुणच, पुणछ-पु० हल और हरीसा के जोड़ पर मजबूती के पोह, पोहर, पीहरड़ी, पीहरि, पीहरौ-देखो 'पी'र'। लिये लगा डंडा। पोहरियो-१ देखो 'पी'रियौ' । २ देखो 'पी'र'। पुतार-पु० हाथी का शिक्षक । पीहू-स्त्री० पपीहे की बोली। पुन्नाग-पु० [सं० पन्नग] १ सर्प, सांप । [सं० पुन्नाग] २ श्वेत, पुख, पुखो-पु० [सं० पुङ्ख] १ तीर की पूछ । २ देखो 'पू'ख' । हाथी । ३ श्वेत कमल । ४ नाग केसर । पुंग-देखो 'पूग'। पुन्यु-देखो 'पूनम'। पुगरण-देखो ‘पंगरण' । पुलिंग-देखो 'पुल्लिग'। पुंगळ-देखो 'पूगळ'। पुस-पु० [सं० पुस्] पुरुष, नर। पुगव-वि० [सं०] कुशल, श्रेष्ठ । पुसचळी-स्त्री० [सं० पुश्चली] १ कुलटा या व्यभिचारिणी पुगी-देखो 'पूगी'। स्त्री। २ वेश्या, गणिका। पुगीफळ-देखो 'पूगीफळ' । पुसत्व-वि० [सं० पुशत्व १ पुरुषार्थ बल । २ सत्य । पुचाळी-देखो 'पूचाळी' । (स्त्री० पूचाळी) पुसरस-पु० [सं०] दूध । पुचिका-देखो 'पुणची' । पुसळी-देखो 'पुसचळी'। पुची-देखो 'पुरणची'। पुसवन-पु० [सं०] गर्भाधान के तीसरे मास में किया जाने पुंचीयो-१ देखो 'पुणचौ' । २ देखो 'पुरणचौ' । वाला एक संस्कार। पुंछ-देखो 'पूछ। पुहंच-देखो 'पहुंच'। पुछाळ, पुछाळी-वि० [सं० पुच्छ+पालुच] १ पूछ वाला । पहचणी (बो)-देखो 'पहुचणौ' (बौ)। २ पिछलग्गू । -पु० घोड़ा, अश्व । पहचौ-देखो 'पुणचौ'। पुज-पु० [सं० पृषो] १ समूह, ढेर, राशि । २ गुच्छा । पुजी-देखो 'पूजी'। पहत-देखो ‘पहुंच'। पहतणौ (बौ)-देखो ‘पहुंचणी' (बौ) । पुंठ-देखो 'पूठ'। . प.हरी-देखो 'पांभरी'। पुंड-पु. [सं० पुण्ड] १ केसर, चंदन आदि का तिलक, टीका । २ सफेद कमल । प.प्राळ-देखो 'पूळो' । पुंडग-पु० बूद। पुरोहर-देखो ‘पयोधर'। पुंडर-१ देखो 'पु'ड्र' । २ देखो 'पांडुर' । पुप्री-पु० [सं० पूप] मीठा बड़ा, गुलगुला, पूवा । पूडरिकरणी-पु० १ श्वेत कमलिनी। २ एक नगर का नाम । | पुकरमूळ-देखो 'पुस्करमूळ' । For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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