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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सुपीत ।। ८१५ ) सुबाह सुपीत-पु० [सं०] १ ज्योतिष में पांचव मुहूर्त का नाम । | सुप्रसिद्ध-वि० [सं०] बहुत प्रसिद्ध या विख्यात । २ पीला वस्त्र, पीताम्बर । -वि० बिल्कुल पीला, पीत। सप्री-स्त्री० [सं० सुप्रिया] १ श्रेष्ठ व उत्तम स्त्री, सुन्दर सुपीहरी-वि. जिसके पीहर सम्पन्न एवं प्रतिष्ठित हो । स्त्री। २ प्रेयसी, प्रेमिका, प्रिया । सुपुष्ण-पु० [सं० सुपण्य] शुभ कार्य, पुनीत कर्म, दान। सुफर-देखो 'सफरी'। सुपुत्र-पु० [सं०] (स्त्री० सुपुत्री) योग्य, सुशील, सुन्दर एवं सुफळ, सुफल-पु० [सं० सुपलम्] १ ऐसा अस्त्र-शस्त्र या कार्य गुणवान पुत्र । जिसका फल प्रच्छा हो। २ अच्छा परिणाम या इच्छासुपुर-पु० सुन्दर नगर । नुसार नतीजा। [सं० सुफल] ३ अनार का वृक्ष । ४ बेरी सुपुरस (सुपुरस)-पु० [सं० सु-पुरुष] भला, सज्जन एवं साधु का पेड़ । ५ मूग। -वि० १ बहुत फलने वामा । २ बहुत पुरुष । मच्छे गुणों वाला व्यक्ति । उपजाऊ । ३ देखो 'सफळ' । सुपुरि-देखो 'सपुर'। सुफला-स्त्री० [सं०] १ मुनक्कादास, दाक्षा। २ तलवार सुपुहुप-पु० [सं० सुपुष्प] १ सुन्दर, पुष्प । २ लवंग, लौंग। जिसका फल सुन्दर हो। ३ स्त्रियों का रज। सुफाळो-पु० तीर का अवयव विशेष । सुपूत देखो ‘सपूत'। सुफोल-पु. [सं० सुपोल] श्रेष्ठ एवं बड़ा हाथी। सुपूती-देखो 'सपूतो'। सुफेर-वि० १ बुद्धिमान, समझदार । २ सुशील, सज्जन । सुपेखरगो (बो)-क्रि० देखना । सफ्फी स्त्री० छोटी कोठड़ी। सुपेत (द)-देखो 'सफेद'। सुबत्त-देखो 'सोबत'। सुपेती-देखो 'सफेदी'। सुबध-देखो 'सुबुद्धि'। सुपेस-स्त्री० सुन्दर भेंट। सुबधी-पु० १ कवि । २ देखो 'सुबुद्धि' । सुपेहा-स्त्री० राठौड़ों की एक उपशाखा । सुबनजर-देखो 'सभनजर'। सुध्यार (री)-१ देखो 'सुपियार'। २ देखो 'सुपियारी'। सबर-स्त्री०१ गर्भवती घोड़ी। २ गर्भवती ऊंटनी । । देखो सुप्रग्य-वि० [सं० सुप्रज्ञ] १ बुद्धिमान, चतुर। २ पंडित, 'सुवर'। विद्वान । | सुबरण (न)-देखो 'सुवरण'। सुप्रतिस्ठ-वि० [सं० सुप्रतिष्ठित] जिसकी प्रतिष्ठा हो, सुबरणरासि (रासी)-पु० सोने का ढेर, स्वर्ण राशि । सुविख्यात, मशहूर। | सुबह-पु० [अ० सबूब] १ प्रातःकाल, सवेरा। २ ईश्वर का सुप्रतिस्ठा-स्त्री० [सं० सप्रतिष्ठा] १ कीति, यश, तारीफ। एक नाम । -वि० अत्यन्त पाक, पवित्र । -क्रि०वि० प्रातः, २ स्कन्द को एक मातृका का नाम । ३ किसी प्रतिमा, सवेरे। मन्दिर, मकान मादि का स्थापना समारोह, उत्सव। सुबहान-पु० [अ० सुबह पान] १ उषा वेला, प्रातःकालीन ४ एक वर्ण वृत्त विशेष । समय, सवेरा। २ ईश्वर-भजन का समय । ३ ईश्वर, सुप्रतीक-वि० [सं०] सुन्दर, मनोहर । -पु. १ ईशान कोण | परमात्मा। -वि. १ पवित्र, पाक, शुद्ध। २ महान्, का दिग्गज । २ इक्ष्वाकुवंशीय एक राजा। ३ कामदेव श्रेष्ठ। -क्रि.वि. वाह-वाह, धन्य-धन्य । का नाम । ४ शिव, महादेव । सुबह-स्त्री० [सं० स-वधू] १ सुन्दर व शुभ लक्षणों वाली सुप्रभ-वि. मामा, कान्ति या प्रभा से युक्त। -पु. शाल्मली | वधू । २ देखो 'सुबह' । द्वीप के अन्तर्गत एक वर्ष । सुखांण, सुर्वाणी-देखो 'सुवाणी' । सुप्रभा-स्त्री० [सं०] १ अग्नि को सात जिह्वानों में से एक । सुबायत-पु. सूबेदार । २ स्कंद की एक मातृका । ३ सात सरस्वतियों में से एक । | सुबाळ, सुबाल-स्त्री. १ सुन्दर बाला, युवती। -पु० २ सन्दर ४प्राभा चमक, कान्ति । बालक। सुप्रभात-पु० [सं०] १ शुभ या मंगलमय प्रभात । २ बड़ा | सुवास, सुबासना-देखो 'सुवास' । सवेरा, तरका। सुबाह, सुबाहु-पु० [सं० सुबाहु] १ ताड़का का पुत्र व मारीच सुप्रवीण-वि० [सं०] बहुत ही चतुर या दक्ष । का भाई एक राक्षस । २ श्रीकृष्ण का एक पुत्र । ३ राम सुप्रवीत-वि० अत्यन्त पवित्र एवं शुद्ध। की सेना का एक वानर । ४ जैनियों के एक तीर्थ कर । सुप्रसरण, सुप्रसन, सुप्रसन्न-वि० [सं० सुप्रसन्न] बहुत खुश, ५ कश्यप की पुत्री एक अप्सरा । -वि० १ सुन्दर एवं ढ़ माह लादित । -पु० गड़, खगराज । बाहों वाला। २ प्राजानबाहु । For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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