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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra सुनावण सुहिर - पु० शयनगृह । सुखी - क्रि०वि० १ पर्यन्त तक । २ देखो 'सुनी' । सुखी पु० सुनना का निश्चयार्थक रूप सुणैर- पु० शयनागार, शयन कक्ष । सुतंसर देखो 'स्वतंत्र'। www.kobatirth.org ( ८०९ ) गाना । ९ व्याख्या करना, वर्णन करना । १० प्रार्थना | सुतवावाहण (न) - पु० [सं० सुतपावाहन ] गरुड़, खगराज । या विनती करना । ११ प्रताड़ना देना, कटु शब्द कहना । सुतर पु० [फा० तुर] अंट, उष्ट्र । सुनावण वि० १ सुनाने वाला २ देखो 'सुखांमणी' । सुनावणी (बी) देखो 'सुणाही' (बौ सुतंतरता देखो 'स्वतंत्रता' । सुतंतरी वि० [सं०] स्वतंत्रन्] १ स्वाधीन, मुक्त, जाद २ देखो'तंत्र' यमराज । सुतकासन - पु० [सं० कश्यप सुत] कश्यप ऋषि का पुत्र, सूर्य । सुतकीरति, सुतक्रित्या स्त्री० [सं० श्रुतकीर्ति ] दशरथ सुत शत्रुघ्न की पत्नी, अतकीति । सुतविला स्त्री० [शानिया की मूर्ति । सुत, सुपु० [सं० स्व-तनय) पुत्र बेटा। सुदीप पु० काजल | सुदेवकी १० श्रीकृष्ण। सुतधर :- स्त्री० १० रज, धूलि । सुतन पु० [सं० सुतनु] १ स्वस्थ व सुन्दर तन, हरीर २ देखो 'मृत' । सुतपंड पु० राजा पाण्डु का कोई पुत्र । सुतपवण (न) - पु० [सं० पवन सुत ] २ पाण्डु पुत्र भीमं । सुतंत्र - देखो 'स्वतंत्र' | तंत्र- पु० [सं०] तार वाद्य बजाने में प्रवीण व्यक्ति, वादक । सुत पु० [सं० सुतः ] १ पुत्र बेटा २ राजा, नृप । ३ जन्म कुंडली में लग्न से पांचवां घर (ज्योतिष) ३ देखी 'सुत' । सुतारक पृ० [सं०] धर्क) १२यम सुति-देखो 'भुत'। - सुखनउमा पु० [सं० उमासुत ] पार्वती के पुत्र कार्तिकेय, गजानन, गणेश । सुतनी - वि० सुन्दर शरीर वाली' सुन्दरी । सुतनु- देखो 'सुतन' । सुने पु० [सं०] सुत मेहन ' सतन देखी 'सुतरा, सुतन' । बड़ा । सुतपस्वी पु० [सं० सुतपस्विन्] कोई बड़ा तपस्वी तपधारी सुतपा - पु० [सं० सुतपस् ] १ विष्णु । २ सूर्यं । ३ एक मुनि का नाम । ४ एक सूर्यवंशी राजा । सुपागत० [सं० सुतपाभक्त ] इन्द्र सुतरखानी पु० [फा०] शुदुर-खान:] उष्ट्र शाला । सुतरनाळ (नाळी) - स्त्री० [फा० शुतुर+सं० नाली: ] एक प्रकार की छोटी तोप जो ऊंट पर रखकर चलाई जाती थी । । सुतरमुरग- पु० [फा० शुतुरमुगं] एक बहुत बड़ा पक्षी जिसकी गर्दन ऊंट के समान लम्बी होती है । सुतराकस - पु० [सं० राक्षस सुत] ऊंट । सुतः पु० [सं०] १ प्रत्यन्त सघन एवं सुन्दर बृक्ष । २ श्रेष्ठ एव उत्तम वृक्ष । सुम - पु० [स० ब्रह्मसुत ] कामदेव । सुतळ - पु० [सं० सुतल ] सप्त प्रधो-लोकों में से एक । सुतस्थान - पु० जन्म कुण्डली में लग्न से पांचवां स्थान | सुतां (न) - देखो 'सुतरण' । 1 सुता पु० [सं०] १ पुत्री, बेटी लड़की । २ कुदरत, प्रकृति । ३ देखो 'सत्ता' । ४ देखो 'स्वत:' सुतार देखो 'सुधार' (स्त्री० [सुधारी) Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सुध्याग सुतियाग - देखो 'सुत्यागी । सुतीक्षण - देखो 'सुतीक्ष्ण' । सुतीक्षरण खड़गपु० एक प्रकार की तलबार जिसके नीचे का भाग पैना एवं चन्द्राकार होता है । सुतीकरण - पु० [सं०] प्रगस्त्य ऋषि के शिष्य एक ऋषि । - वि० जो बहुत तीक्ष्ण या पना हो । सुतीरथ पु० [सं० सु-तीर्थ] उत्तम या पावन तीर्थं । सुतुरंग - पु० [सं०] ग्रहों का उच्चांश (ज्योतिष) । सतुरगांव पु० [फा०] जिराफा नामक जतु । सुतेई देखो 'स्वत:' १ पवन पुत्र हनुमान सुप्त-देखो 'सुत' । 1 सुतेज - पु० [सं०] १ तीव्र प्रकाश, अच्छा प्रकाश । २ प्राभा, ३ जैनियों के प्रतीतकालीन दसवें तीर्थंकर का नाम । सुते सुभाव कि०वि० [सं० स्वतः स्वभाव ] १. कुदरतन, संयोग से, स्वयमेव । २ अचानक, अकस्मात् । सुर्त देखो 'स्वतः'। सुसिद्ध-वि० [सं०] स्वतस्-सिद्ध] जो अपने बाप सिद्ध हो, स्वयं सिद्ध । For Private And Personal Use Only H सुतग- पु० [सं० सूत्रक] कटिसूत्र, मेखला । - । सुसर देखो 'सुतर' यानी 'सुतरखानी' सुतराइ स्त्री० सूत्र सुनने की रुचि (जैन) । सुखसंपात्रो० १ सूत्र संपदा (जैन) २ शास्त्रज्ञ (जैन) । सुत्याग - पु० [सं०] बच्छा त्याग, श्रेष्ठ त्याग ।
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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