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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir समझरिणयो ( ७२५ ) समरपरिण समझरिणयौ, सममणी-वि० १ समझने वाला, मानने वाला, समद-देखो 'समुद्र'। जानने वाला। २ बुद्धिमान । ३ दाना,सयाना । ४ शरीफ, समदकप (कफ)-पु. समुद्र फेन । सज्जन। समदम-पु० [सं० शमदम | ऋषि । सममणी (बो)-क्रि० १ जानना। २ ध्यान में लाना, ध्यान | समदर-देखो 'समुद्र' । करना । ३ सीखना। समदरसुत (सुतन)-पु० [सं० समुद्र सुत] १ चन्द्रमा, चांद । सममाण-स्त्री. १ जानकारी। २ सकेत, इशारा । -वि० २ मद्य, शराब। बुद्धिमान । समदरियो-पु० १ स्त्रियों के पोढ़ने का वस्त्र विशेष । २ पुरुषों समझाइस-देखो 'समझायस' । के शिर की पगडी विशेष । ३ देखो 'समुद्र'। ४ नैऋत्य समझारणी (बो)-क्रि० १ शिक्षा, देना, उपदेश देना। कोण से पाने वाली हवा ।। २ सिखाना, बताना। ३ बोध कराना, ज्ञान कराना। | समवसुत (सुतन)-देखो 'समदरसुत'। ४ किसी के मन में कोई बात बैठाना। समवाभवर-पु० एक प्रकार का घोड़ा। समझायत, समझायस-स्त्री.। बुद्धि। २ समझाने की क्रिया समदाव-पु० समृद्धि, वैभवता। या भाव। समविस्टि, समद्रसटो, समद्रस्टी-वि० [सं० समदृष्टिन] सब पर समझावरणी (बो)-देखो 'समझाणो' (बौ)। समान दृष्टि रखने वाला, सम भाव से देखने वाला ।-स्त्री. समझास-देखो 'समझायस' । सब के प्रति एकसा भाव । सममि-देखो 'समझ'। समद्द, समद्र-देखो 'समुद्र'। समझीयांण, सममू-वि० १ बुद्धिमान । २ समझदार । समध-देखो 'संबंध'। समझोतरी-स्त्री. १ इशारा, संकेत । २ बुद्धि, समझ । समधरणी (बो)-देखो 'समझणी' (बो)। समझोतो-पु. १ राजीनामा, सुलह । २ संधि । समधरणी (बो)-क्रि० १ मानना। २ धारण करना, स्मरण समझ-देखो 'समझ'। करना। समटणी (बो)-१ देखो सिमटणो' (बो)। २ देखो | समधी-स्त्री० [सं० समिध] १ जलाने की लकड़ी, ईधन । 'समेटणी' (बी)। २ लड़के-लड़की के ससुराल वाले, सगे-संबंधी । समटाणी, समटावरणी-देखो 'समठावरणी'। समधो-वि० १ साधारण, मामूलो। २ सरल, प्रासान । समठाणी, समठावरणी. समठुणी, समठूणी-स्त्री० [सं० समु समन-पु. [सं० शमन] १ शांति । २ दमन, शमन । ३ काल, स्थानम] दहेज, दहेज मादि विदाई का सामान । मृत्यु। ४ यमराज। ५ दाम, कीमत। ६ चमेली का फूल। ७ यज्ञ में पशु बलि। ८ सुमन । -वि० शान्त, समडी-स्त्री. शमी वृक्ष ।। जितेन्द्रिय। समरण-पु० [सं० श्रमण] १ जोश, उमंग, उत्साह । २ श्रद्धा- | समनौ-वि० १ उत्साह वाला, जोशोला। २ अनुकूल, पक्षधर । भक्ति सहित दान। ३ स्वप्न । -वि० [सं० सहमन] समपण (ण), समप्पण-पु० दान। -वि० १ दानी, उदार । १ समान, बराबर । २ देखो 'सुमन' । २ देने वाला समर्पित करने वाला । समणडउ, समउ, समरणो-देखो 'सपनो' । समपरणो (बौ), समप्पणौ (बो)-क्रि० १ देना, प्रदान करना । समत-स्त्री० [सं० सम्मति] राय, सलाह, सम्मति । -वि० | २ अपित करना । ३ सौंपना। ४ दान देना । [सं० सम्मत समथित, प्रमाणित, अनुकूल । देखो 'सवत' || मरती ममबती मममी. समतळ-वि० [सं० ममतल] जिसका तल या सतह बराबर हो। धर्मराज। समतसर-देखो 'संवत्सर'। समय-पु० [सं०] १ वक्त, काल, सम्य । २ अवसर मौका । समता-स्त्री० [सं०] १ समानता, बराबरी, तुल्यता । २ एक ३ फुर्सत । ४ गवं, मान, अभिमान । ५ हृदयाकाश में रूपता । ३ निष्पक्षता । ४ मनःस्थिरता। ५ साधारणत्व । चक्रों का ध्यान । समति-स्त्री० [सं० समिति] १ सभा। २ देखो 'सम्मति'। | समयति, समयती-वि० [सं०] सुन्दर, मनमोहक । -स्त्री. समतूळ-वि० [स० समतुल्य] समकक्ष, समान, बराबर । सदृश । साध्वी स्त्री। समस्य-१ देखो 'समरथ'। २ देखो 'समस्त' । समयानंद-पु० [सं०] भैरव को एक मुति । समत्सर-देखो 'संवत्सर'। समयो-१ देखो 'समय'। २ देखो 'समो' । समथ, समस्य-१ देखो 'समरथ' । २ देखो 'समस्त' । | समरंगण, समरंगरिण-देखो 'समरांगण'। For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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