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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra सज्जरण सज्जनौ पु० किसी नायक या सरदार के चढ़ने का हाथी । सजळ-१० १ हाथी हस्ती २ देखो''। , सज्जा-१ देखो 'सय्या' । २ देखो 'सजा' www. kobatirth.org सज्जरण, सज्जनियो- पु० [सं० सज्जन] १ भला व सरीफ मनुष्य, सज्जन पुरुष, सभ्य । २ कुलीन व्यक्ति । ३ स्वजन, बंधु । । ४ पति प्रियतम ५ मित्र, दोस्त, प्रेमी । ६ शुभ चिंतक । ७ देखो 'सजग' । सज्जरगो (बी) - १ देखो 'सजणी' (बो)। २ देखो' साजणी' (बो) । सज्जन - देखो 'सज्जरण' । सम्यास पु० विश्वास, भरोसा । सज्यासेसू - पु० २ विष्णु । सझंड- पु० झुंड, समूह | सझ - वि० सज्जिभूत, कटिबद्ध । ( सज्जादो, सज्जादी-पु० [प्र० सज्जादः ] १ नमाज पढ़ते समय बिछाने का वस्त्र, मुसल्ला । २किसो पीर या फकीर की बड़ी सज्जित पु० युद्ध के लिये सजा हाथी वि० १ सुशोभित २ श्रावश्यक वस्तुद्मों या उपकरणों से युक्त । ३ प्रलंकृत । ४ तैयार । ५ कटिबद्ध । सज्जीखार पु० एक प्रकार का क्षार, सज्जी । सज्जीभूत - वि० [सं०] १ कटिबद्ध, तैयार । २ शस्त्र सज्जित | समो(बी)- १ देखो 'सी' (बी) २ देखो साजणी' (बी) सज्य - वि० सह्य, सहनीय | सज्या १ देखो 'सय्या' । २ देखो 'सजा' ।. [सं० शेष- शय्या ] १ ईश्वर, परमात्मा 1909) सझावट देखो 'सजावट' । झरपू स्त्री० [सं०] [ज] सेना को तैयार करने की क्रिया । सणी (ब)- १ देखो 'सजणी' (बी) । २ देखो 'साजणी' (बो) । सता देखो 'सजा' । सझाड़ी - पु० वह स्थान जहां घने वृक्ष हों । - वि० घना गहरा, अधिकं । सझावार, सवार - देखो 'सजावार' । समोळी वि० बहुत अधिक सझड़ा-देखो 'सह' । सध्या १ देखो 'सजा' । २ देखो 'सय्या' । सहाणी (बी) देखो 'मजाणी' (बी) सशास्त्री० [सं० स्वाध्याय] १. स्वाध्याय पठन-पाठन अध्ययन । २ वेद व शास्त्रों का अध्ययन । ३ शास्त्र या धार्मिक पुस्तक का नियमित पाठ । सट पु० [सं०] १ साधु की जटा २ सिंह की गर्दन के बाल, प्रयाल । ३ शूकर के बाल । [सं० शट ] ४ खटाई । ५ तेजाब | [सं० षट् ] ६ छः की संख्या । ७ एक राग Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सटवटियो का खनदार पात्र । [सं० शठ] २ मुखं । विशेष [ श्रं० शट ] ८ खाना डालने - वि [सं० शट] १ खट्टा प्रम्ल [सं० पट ] ३ छः । - क्रि०वि० ४ शीघ्र जल्दो तुरंत । ५ देखो 'मटा' सटक-स्त्री० [सं० पटक ] १ छ: की संख्या । २ छ: वस्तुपों का समूह । ३ मटकने की क्रिया या भाव। ४ पतली छड़ी, कोड़ा - क्रि० वि० शीघ्र, तुरन्त । सटको बन जाना चंपत होता हटना । २ कायरता दिखाकर भाग जाना । ३ साथ छोड़ देना । सटकरम- देखो 'खटकरम'। सटकळ- पु० एक प्रकार का छोटा सर्प । सटकळा स्त्री० [सं० पटकला] संगीत में ब्रह्मताल का एक भेद । सटकमपत्ति स्त्री० छः प्रकार के कर्म शम, दम, उपरति, तितिक्षा, श्रद्धा और समाधान । सठकाणी (बो), सरकारी (मी) - कि० १ही या कोई से भट भट प्राघात करना । २ ऐसे भाघात से सट सट ध्वनि होना । सटके (के), सटके (के, क्के) - क्रि० वि० शीघ्र, जल्दी, फटाफट । सटकोण (न) - पु० [सं० षटकोण ] छः कोने वाला कक्ष स्थान, रेखाचित्र या वस्तु । सटी पु० १ इसके की निगाली के स्थान पर लगाई जाने वाली नलिका । २ प्रवसर, मौका ३ चाबियों का गुच्छा । ४ स्त्रियों का एक प्राभूषण विशेष । ५ कमीज श्रादि में लगाने का बटन विशेष । सट - पु० [सं० षट्चक्र ] १ योग के छः चक २ यंत्र । सटवर १०१ भोरा, भ्रमर २ छ: पैरों वाला जीव । सही (बी) १ एक दूसरे का दन्त पास-पास होना, मिलना जुड़ना, सटना। २ चिपकना, लगना । ३ मैथुन करना । ४ लिपटना । ५ मारपीट होना । तिला गिवारस (ग्यारस ), सटतिला एकादस (एकादसी) स्त्री० माघ कृष्णा एकादशी । सटपट - स्वी० १ गुप्त मंत्रणा विचार २ कानाफूसी ३ सहवास, प्रसंग - क्रि० वि० शीघ्र, जल्दी । सटपवप्रिय पु० [सं० षट्पदप्रिय ] १ कमल । २ नाग केसर का पोधा । For Private And Personal Use Only सटमुख - पु० [सं० षटमुख ] कार्तिकेय - वि० छ मुखों वाला । सटरिपु- पु० [सं० षड्रिज ] मन के छः विकार - काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद व मत्सर । सटयटियो - वि० १ निर्लज्ज, बेशर्म । २ कायर डरपोक 1
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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