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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संमिळरणो ( ६९४ ) संलय 'संमिळणी (बौ)-क्रि० सम्मिलित होना, मिलना। २ मिलाप २ धैर्यवान । ३ जितेन्द्रिय ।-पु० तपस्वी, ऋषि, साधु । होना । ३ सम्मिश्रण होना। संयार, संयारड़ी-स्त्री० बढ़ई के कार्य का एक उपकरण । संमीपत्य-देखो 'सांमीपत्य' । संयु-पु. [स० शंयु] १ बृहस्पति का एक पुत्र । २ एक प्राचार्य । संमुखी-पु० [सं० सम्मुखिन्] शीशा, दर्पण । संयुक्त-वि० [सं०] १ सहित । २ बराबर । ३ सम्मिलित, संमुखीन-वि० [सं० सम्मुखीन] १ सामने का, सम्मुख का। शामिल । ४ जुड़ा हुअा, सलग्न । ५ जिसका विघटन न २ मामने-सामने। -क्रि०वि० सामने, सम्मुख । हुमा हो । ६ मिलकर काम करने वाला। संमुद्राव-पु० [सं०] युद्ध में भागने की क्रिया। संयुक्ता-स्त्री० [सं०] एक छन्द विशेष । संमुह, संमुहउ-देखो 'समुह । संयुग-पु० [सं०] १ मिलाप, संयोग। २ भिड़न्त, टक्कर । संमुहा-देखो 'समुहा'। ३ युद्ध, लडाई। संमूह-देखो 'समूह'। संयुगत, संयुत-देखो 'संयुक्त' । संमेहळो-देखो 'सामेळो' । 'संयुप-पु० [सं०] सूर राजा का पुत्र एक यादव । संयोग-पु० [सं०] १ मिलन, मेल । २ समागम । ३ वैशेषिक दर्शन संमोय-पु० संयम। का एक गुण। ४ बराबर, समान । ५ समान उद्देश्यों की पूर्ति संमोवरणो (बी)-१ देखो 'संवारणो' (बी) । २ देखो संबंधी संधि । ६ प्रेमी-प्रेमिका का मिलन । ७ व्याकरण 'समोहणो' (बी)। में व्यंजनों का मेल । ८ रति-क्रीड़ा, मैथुन । ६ दो ग्रहों संमोहरण-पु० [स० सम्मोहनः] १ कामदेव के पांच बाणों में का समागम । १० किसी कार्य या घटना का योग, से एक । २ वशीकरण, सम्मोहन । ' इत्तफाक । ११ शिव, महादेव । १२ योग, जोड़ । संमोहरणो (बो)-क्रि० १ भाकर्षित होना, करना । २ मोहित होना, १३ वैवाहिक संबंध। मुग्ध करना । संयोगी-वि० [सं० संयोगिन] .(स्त्री० संयोगण, संयोगणी) संम्य-देखो 'सम'। १ जिसका मिलन या संयोग हुप्रा हो। २ विवाहित । संम्रत-वि० १ स्मरण किया हुआ, याद किया हुमा। २ देखो . ३ सयोग के फलस्वरूप होने वाला। ___'स्म्रति' । ३ देखो 'समरथ' । संयोजन-पु० [सं०] १ मेल-मिलाप । २ सम्मिश्रण। ३ मैथुन, संम्रति (ती), संम्रित-देखो 'स्म्रति' । रतिक्रीड़ा । ४ कार्य-व्यवस्था । संम्रय-देखो 'समरथ'। संयोजित-वि० जिसका संयोजन किया गया हो । संम्हा-स्त्री० [सं० संमहाः] अग्नि ज्वाला । संरंभ-पु० [सं०] १ क्रोध, गुस्सा । २ प्रारंभ, शुरूपात । संयत-वि० [सं०] १ कैद किया हुअा। २ बांधा हुमा, जकड़ा ३ उत्पात, हगामा। ४ गर्व, घमण्ड । ५ उत्साह, उमग। हुपा । ३ रोका हुप्रा । ४ मर्यादित । ५ व्यवस्थित, नियम संरक्षक-वि० [सं०] १ प्राश्रयदाता । २ पालन-पोषण करने बद्ध । ६ हद या सीमा में रखा हुप्रा । ७ वह जिसने पंचें वाला । ३ रक्षक । ४ अभिभावक । द्रिय पर काबू पा लिया हो ।-पु० १ कैद । २ युद्ध, संग्राम। संरक्षण-पु० [सं०] १ देख-रेख, निगरानी । २ हिफाजत । ३ योगी, संन्यासी। ४ शिव, महादेव । ३ सुरक्षा । ४ अधिकार, कब्जा। संयद्वसी-स्त्री० [सं०] सूर्य की सात किरणों में से एक। संरक्षी-वि० [सं० संरक्षिन् ] देख-रेख करने वाला । संयम-पु० [सं० सयमः] १ रोक, दमन । २ मन के विकारों संराधन-पु० [सं०] १ जय-जयकार । २ ध्यान मग्नता । का निरोध, इन्द्रिय निग्रह । ३ धैर्य, शांति । ४ धार्मिक __३ पूजा, पर्चना। व्रत । ५ स्वास्थ्य के लिये किया जाने वाला परहेज । संरूढ़-वि० [स०] १ अच्छी तरह चढ़ा या जमा हुप्रा। ६ अनुचित कामों से बचाव । ७ मन की एकाग्रता, ध्यान, २ साथ-साथ उत्पन्न । ३ धृष्ट । समाधि । ८ व्यवस्थित बंधन । | संरोध-पु० [सं०] १ रोक, रुकावट । २ बाधा, अड़चन । संयमन-पु० १ संयम करने की क्रिया या भाव। २ अनुचित ३ नाका बंधी । ४ घेरा। कार्यों की रोक। ३ प्रात्म-निग्रह । ४ शगार में एक संलग्न-वि० [सं०] १ सटा हमा, जुड़ा हुपा। २ निकटस्थ। पासन। ३ भिड़ा हुमा । ४ लीन, मग्न । संयमनी, संयिमनी-स्त्री० [सं० संयमिनी] यमपुरी। संलपन-पु. १ प्रलाप, बकवाद । २ गपशप, बातचीत । संयमी-वि० [सं० संयमिन] १ संवम-नियम से रहने वाला। संलय-पु० [सं०] १ नींद, निद्रा । २ घुलन, लीनता । For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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