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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra संद्राब संद्राय पु० [सं०] युद्ध से भागने की क्रिया या भाव। संघ-०१ दूरी २ घलगाव पृथकता ४ देखो 'संघा'। www.kobatirth.org ( ६०९ ) ३ देखो 'सिंधु'। संधा - स्त्री० [सं०] १ प्रतिज्ञा, प्ररण । २ सीमा, हद, मर्यादा । ३ घनिष्ठ संबंध । ४ दृढ़ता, मजबूती । ५ स्वीकार; अंगीकार । ६ देखो 'संधि' । संधिक १० [सं०] एक प्रकार का वात रोग । संघियोर (चौर)-पु० सेंध लगाकर चोरी करने वाला पोर संधिणी - स्त्री० वह गाय या भैंस जिसका दूध न निकाला गया हो । संधिणी-देखो 'गंदीरणी' । संधिपास देखो 'संध्या' । संधिरेहु (रेही) पु० संक्षिपत्र लिखने वाला। संधिला - स्त्री० [सं०] १ शराब, मदिरा २ दीवार में लगाई गई संघ ३ नदी ४ सुरंग संधक- पु० [सं० संध्यक] पुष्प, फूल । संघणी (बी) - क्रि० १ जुड़ना, बंधना । २ संयुक्त होना, मिलना । ३ धारण करना, साधना । ४ ठानना तय करना ५ करना । ६ देखो 'सांधणी' (बो) । संघ (बी) - वि० संबंध रखने वाला संबंधी । १०१ भाई-बंधु संधी देखो 'संधि' । संधु-देखो 'सिंध' । संघेसरा- पु० एक प्रकार का वृक्ष । संधोळी - स्त्री० [सं०] संधितूलिका ] कपड़ा बुनने का एक उपकरण रिश्तेदार । २ देखो 'सिंधु' । ३ देखो 'संधव' | संधारण (, न ) - पु० [सं० संघानं ] १ धनुष पर बाण चढाने को क्रिया । २ लक्ष्य साधन । ३ शरीर के जोड़, संधिस्थल । ४ चिकित्सा उपचार। ५ अन्वेषण, खोज । ६ सीमा, हद । ७ संधि मैत्री एकाग्रता । ९ समर्थन । १० शराब यादि मादक वस्तु ११ कोई व्यंजन विशेष १२ मुख्या बनाने की विधि। १३ गांठ, ग्रंथि १५ जोड़ संधिस्थल संघांणी-देखो 'संदीणों' | " Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संधिवात (वाय) - पु० [सं० संधिवात ] शरीर का ग्रंथि रोग, गठियावात । संन्यासी विशेष | संधी - देखो 'सांधी' । संधिविग्रह (विग्रहिक, विग्रही) - पु० प्राचीन भारत में राज्य का एक जो वृद्ध या संधि संबंधी कार्य करता था। संध्या - स्त्री० [सं०] १ दिन व रात का संधिकाल सायंकाल, शाम २ प्रातः का समय । ३ तड़का, भोर। ४ शाम की लालिमा, श्राभा । ५ प्रातः, मध्याह्न व अपराह्न में की जाने वाली उपासना, त्रिकाल सध्या । ६ एक नदी । ७ एक वर्षीय बालिका ८ मेल, जोड़, संधि । ९ संध्या रूपिणी देवी । १० युग संधि । ११ ब्राह्मणी । १२ सीमा, हृद । १३ ध्यान, विचार। १४ इकरार ।-वि० लाल, रक्त । - उपासना - स्त्री० त्रिकाल संध्या । पत, पति, पती-पु० शिव, महादेव एक देव जाति । राग स्त्री० की लालिमा घढ पु० शिव, महादेव सामकल्याण राग । शाम संधारण (at) - क्रि० [सं० संधानम् ] १ धनुष पर बाण चढ़ाना । २ निशाना या लक्ष्य साधना ३ जोड़ना, संयुक्त करना । ४ चिकित्सा या उपचार करना । ५ संयुक्त करना, मिलाना । ६ प्रतिज्ञा या प्ररण करना । ७ जोड़ना, बनाना ८ संधि करना । ९ धारण करना । १० नमी लाना, श्रार्द्रा करना । संधाता पु० [सं] भगवान विष्णु संधारण - वि० [सं०] १ धारण करने वाला २ पार लगाने वाला । ३ सुधार करने वाला । - पु०१ धाचरण । २ उपयोग । ३ किसी चीज को नियमित तैयार करते रहना किया। संधि [स्त्री० [सं०] [१] जोड़, मिलाप, संयोग मेल २ मिलने संधी पु० [सं०] संयंत्र ] १ सय मि २ पति खाविंद संनबंध - देखो 'संबंध' । संनाह (हु)-देखो 'सग्नाह' । संनिचय- पु० [सं०] संग्रह । संनिधांन क्रि० वि० पास, निकट, नजदीक । - संनिपात पु०सन्निपातज्वर - । का स्थान जोड़जोड़ का स्थान ४ गांठ-जोड़ संनिवेस ० [सं०] सन्निवेशः] निवास स्थान रहने का स्थान । । ५ शरीर के संधिस्थल ६ वयसंधि, संक्रमण की प्रवपि । ७ देशों राज्यों व्यक्तियों, संस्थाओं के बीच होने वाला करार, सुलहनामा समझौता ८ दोस्ती । ६ दिन व देखो ११ | रात का मिलन काल । १० युगान्तकाल । 'संधि' १२ देवो'संघ' संसड़ी-देखो 'संदेह' । संनेसी देवो 'संदेह' । संनेह देखो 'सनेह' । संनेही- देखो 'सनेही' । संन्नांन - देखो 'स्नांन' | For Private And Personal Use Only संन्नाही - पु० वीर, योद्धा । संन्यास - पु० [सं०] १ प्रार्य संस्कृति के अनुसार मानव जीवन का चौथा प्राश्रम । २ वैराग्य, विरक्ति, त्याग । ३ मूर्च्छा रोग का एक भेद ४ शरीर त्याग, मृत्यु । ५ जटामासी । ६ धरोहर, थाती । संन्यासी पु० [सं०] १ 'संभ्यासधारी' साधु या व्यक्ति
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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