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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir विहड़णो विहारणी विहाणी (बी)-देखो 'विहंडणों' (बो)। खिलखिलाना। २ हर्षित होना, खुश होना। ३ खिलना, विहचणी (बौ)-देखो 'बचणी' (बो)। विकसित होना। ४ फूलना। ५ लहलहाना, लहराना । विहर (डो)-देखो "विहड़' । ६ प्रभात होना। विहा-१ देखो 'बेहद' । २ देखो 'विहा'। विहां-देखो 'विवाह'। विहण-वि० [सं०] १ नाश करने वाला, संहार करने वाला। विहांग, विहांगड़ो-देखो 'विहंग'। . २ देखो 'बहन'। विहांण, विहांणइ-पु० [सं० विभानु] १ प्रातः काल, सवेरा। विहत, विहति-क्रि० वि० [सं० विहीतम्] १ निवारण करने | २ प्रातःकाल गाये जाने वाले लोक गीत । ३ देखो के लिये । २ देखो 'बेहद' 'विधान'। विहत्तर-देखो 'बेहतर'। | विहांणी-वि० १ नष्ट । २ हीन, तुच्छ निम्न । ३ बीती हुई, बिहपी-वि० दो हाथ के बराबर नाप का। गत, विगत । ४ बिना, रहित ।-स्त्री. १ वृद्धावस्था । विहब (ह)-पु. १ ध्वनि, पावाज । २ परमात्मा, ईश्वर। २ विध्वंस, नाश ।३ वार्ता, बात-चीत । ४ देखो "विस्रांति'। ३ एक मात्रिक छन्द विशेष । ४ देखो 'बेहद' । विहांणु (ग)-वि० १ रहित, विहीन, बिना । २ देखो 'विहांण' विहबमानु (नू)-पु० [सं० वृहद्भानु] । अग्नि, पाग । ३ देखो 'विहांणों'। २ देखो 'बेहद' । विहांणी-पव्य०१ कल । २ पाने वाले समय में ।-वि०१बीता विहन-१ देखो 'बहन' । २ देखो 'विहण'। हुमा, विगत। २ बिना, रहित, हीन । ३ नष्ट । ४ देखो बिहबळ-देखो "विह्वल'। 'विहांगण' । ५ देखो बिहाणा'। विहमंड-देखो 'ब्रह्मांड'। विहान-देखो "विहाण' । विहर-पु. १ संहार, नाश। २ घोड़ा, प्रश्व । ३ विचरने की विहा-देखो 'विवाह' । क्रिया । ४ साधुषों को दिया जाने वाला माहार या भिक्षा। विहाइ-देखो 'विहायस'। ५ तरह, भांति, प्रकार ।-वि० । बहुत, अपार । २ बड़ा, विहाइति-पु० [सं० विहापति] दान । विशाल । ३ बड़ा, महान । विहाई-१ देखो 'विहायस' । २ देखो 'वे'माता'। विहरखो-पु. एक प्रकार का अशुभ घोड़ा। विहाईमाता-देखो 'वे'माता'। विहरण-पु० [सं०] १ विहार करने की क्रिया । २ विछोह, विहाग-देखो "बिहाग'। वियोग । ३ विस्तार, फैलाव । बिहाड़ (डो)-वि० भयंकर, भयानक, डरावना । विहरणी (बो)-क्रि० १ विहार करना, घूमना, टहलना । बिहाणी (बी)-क्रि० १ व्यतीत होना, गुजरना । २ बीतना। २ अलग-अलग या जुदा होना। ३ बिखरना, तितर-बितर | ... ३ छोड़ना, त्यागना, गंवाना। ४ रवाना होना। ५ प्रातः होना । ४ भिक्षा देना। ५ गमन करना, जाना । ६ भिक्षा काल या सुबह होना । ६ देखो 'विवाहणो' (बी)। मांगना, भिक्षा लेना । ७ संहार करना, मारना । विहापन-पु० [सं०] दातार, दानी। ८ काटना। ९ टुकड़े करना। १० विच्छेदन करना । विहायस-पु० [सं०] १ माकाश, गगन । २ पक्षी। ११ चीरना, विदीर्ण करना। १२ तोड़ना । १३ इंतजारी विहार-पु० [सं०] १ मथुन, रति-क्रीड़ा । २ रति-क्रीड़ा या करना, प्रतीक्षा करना। १४ युद्ध क्रीड़ा करना । मैथुन करने का स्थान । ३ बौद्धों का मठ । ४ देवालय, विहरमाण (न)-पु० पांचों विदेह क्षेत्रों में विचरण करने वाले | मंदिर । ५ गति, चाल । वेग। ६ प्रस्थान, गमन । ७ जैन तीर्थ कर। साधुनों का भिक्षार्थ गमन । -स्त्री० पंक्ति, कतार । बिहराणी (बो), विहरावणो (बो)-देखो 'बैराणो' (बी)। बिहारजत्र पु० विहार यात्रा।. . विहर-वि० अंतर, दूरो, पृथकता। विहारण-पु० [सं० विहारनम्] १ संहार, नाश । २ घूमने या विहलंघल (ला)-देखो 'विह्वल' । टहलने की क्रिया । ३ प्रस्थान, गमन । -वि० १ संहार विहलो-देखो 'वडिलो'। या नाश करने वाला । २ गमन करने वाला। विहव-देखो 'वैभव'। विहारणी (बौ)-क्रि० । चहल-कदमी करना, घूममा, फिरना विहवल-देखो "विह्वल'। टहलना । २ मंडराना, उड़ना। ३ संहार करना, मारना । विहव्य-पु० [सं०] वितथ्य का पिता एक ऋषि । ४ चीरना, विदीर्ण करना। ५ तहस-नहस करना नष्ट विहसणी (बी), विहसरणी (बी)-क्रि० १ हंसना, प्रसन्न होना, करना। ६ क्रीडा करना, खेल करना। ७ गमन करना, For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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