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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पाठर-देखो 'पाठा'। पाडूई, पाडूउ-देखो ‘पाडुइ'। पाठवणी (3)-देखो 'पाणी' (बौ)। पाडोस-देखो 'पाड़ोस,। पाठसाळा-स्त्री० [सं० पाठ-शाला] विद्यालय, स्कूल । पाडोसी-देखो 'पाड़ोसी'। पाठांण, पाठांन-देखो 'पठाण' । पाडौ-पु० [सं० पटह] १ भैसा, महिष । २ घोषणा, ढिढ़ोरा । पाठांतर-देखो 'पाठभेद'। ३ आक वृक्ष का फल । ४ देखो 'पाड़ो'। पाठा-स्त्री० [सं०] एक लता विशेष । पाढ़-पु. १ वंश, कुल । २ देखो 'पाठ' । पाठाफेर-पु० किसी कवि या लेखक की रचना में किया जाने पाढ़गत, पाढ़गति-देखो 'पाडगत' । वाला आंशिक परिवर्तन । पादि-१ देखो 'पाट' । २ देखो पाढ़' । पाठिक-देखो 'पाठक'। पाढ़ीक-देखो 'पाठक'। पाठी-वि० पाठ करने वाला, पढ़ने वाला। -स्त्री० जवान एवं | पाढ़ी-पु. १ योग संस्कार । २ देखो 'पाट' । ३ देखो 'पाढ़' । हृष्ट-पुष्ट स्त्री। पारणी (बो)-क्रि० [सं० प्रापण, पा.] १ पान कराना, पिलाना। पाठीक-देखो 'पाठक'। २ प्राप्त करना, पाना, उपलब्ध करना। ३ भोगना, पाठीन-स्त्री० [सं०] १ एक प्रकार की मछली । २ देखो 'पाठी'। अनुभव करना। ४ भोजन करना, खाना । ५ समझना। पाठेड़ी-स्त्री० जवान बकरी। ६ देखना, साक्षात्कार करना। ७ किसी के बराबर पाठेपड़ी-देखो 'पाटेपड़ी। पहुंचना । ८ समर्थ होना । ९ धूम्रपान करना । १० मिलना पाठौ-पु० [सं० पुष्ट] (स्त्री० पाठी) १ हृष्ट-पुष्ट या मोटा प्राप्त होना। ताजा व्यक्ति । २ ऊंट के चारजामे में लगने वाला डंडा । | पातंग-देखो 'पतंग'। ३ एक प्रकार का हिरण। ४ लिखने का बड़ा कागज । पातजळ, पातंजळि-देखो 'पतंजळि' । ५ जांघ पर गांठ होने का एक रोग । ६ जवान हाथी। | पात-पु० [सं० पात्रम्] १ कवि । २ याचक । ३ हल की 'चऊ' । पाड, पाउ-१ देखो 'प-ह' । २ देखो 'पट्ट' । ३ देखो पा'ड' । ४ प्रहार, चोट । ५ प्राभूषणों प्रादि पर चढ़ाने की सोने ४ देखो 'पहाड़। आदि की पतली पत्ती। ६ स्त्रियों के शिर का प्राभूषण पाडकी-देखो 'पाडी'। विशेष । ७ पत्ता, पल्लव । ८पाई की बुनावट में बान की पाङगत, पाडगती-पु. १ राजस्थानी में 'सुपंख' गीत जिसमें लड़ियों का समूह। ९ पतन, गिरावट। १० गुड़ की हल्की नृत्य के बोल पाते हैं। २ एक गीत या छन्द विशेष । . चासनी । ११ देखो 'पत' । पारड़ी-देखो 'पाडी'। पातक (कु)-पु० [सं०] १ कुकर्म, पाप, अघ । २ गुनाह, दोष । पाडण-स्त्री० एक प्रकार की मछली। पातकि, पातकी-वि० [सं० पातकिन्] १ पापी, कुकर्मी, पाडणी (चौ-देखो 'पाडणो' (बो)। अधर्मी । २ गुनाहगार। पाडर-देखो 'पाटल'। पातग-देखो 'पातक'। पाडळ-स्त्री० १ एक रंग विशेष की गाय । २ पीले रंग की पातड़ी-स्त्री०१ ऊंट की नाक पर चोट से होने वाली ग्रंधि। हिरणी। ३ एक प्रकार का पीपल, पारस पीपल । २ देखो 'पतड़ी'। ३ देखो 'पातड़ो। ४ देखो 'पात'। ४ देखो 'पाटल'। ५ देखो 'पातौ' । पाडलिया-देखो 'पाटलीपूत्र' । पाडसूत्र-पु० [सं० पट्ट-सूत्र] रेशमी धागों का कार्य करने वाली पातड़ो-पु०१ रूझ का वृक्ष व फल । २ बबूल वृक्ष की फली। जाति। | पातन-पु० [सं०] पारे के पाठ संस्कारों में से पांचवां । पाखुरो-पु० मैंसे के समान क्षुरों वाला सूअर । पातर-स्त्री० [सं० पात्र] १ हिन्दू वेश्याओं की एक जाति । २ देखो 'पातळ' । ३ देखो 'पात्र' । ४ देखो 'पातरौ' । पाडाजीमी-स्त्री० भैसे की जिह्वा के आकार की कटार । पाडियो-देखो 'पाडो'। | पातरउ-देखो पातरौ'। पाडिहार, पाडिहारु, पाडिहारू-देखो 'प्रतिहार'। | पातरवाडौ-पु० [सं० पात्र-पाटक] वेश्याओं का मुहल्ला । पाडी-स्त्री. मैंस की छोटी बछिया। पातरु-१ देखो 'पातरौ' । २ देखो 'पातर'। पाइ, पाडया-वि० [सं० पातुक] हल्का, स्वराब, अशुभ । (जैन) पातरौ-पु० [सं० पात्र] १. साधु, विशेष कर जैन साधु का पाडू-स्त्री० लूट । काष्ठ-पात्र । २ देखो 'पात्र' । ३ देखो 'पातड़ी। For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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