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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra विसाहणी www. kobatirth.org ( ६३९ ) विसिसथल, विसिस्थल - पु० [सं० विशिस्थल ] कटिस्थल । विसिक्ख विसिख पु० [सं० विशिखः] १ बाण तीर २ पक्षिराज गरुड़ का एक पुत्र । · विसिखा-पु० [सं० विशिखा ] १ फावड़ा २ कुधा ३ बाण, । । तीर । ४ सुई, पिन । ५ राज मार्ग, ग्राम रास्ता । बिसाही (ब)- क्रि० १ स्वीकार करना। २ ग्रहण करना, विसुद्धि स्त्री० [सं० विशुद्धि] शुद्ध या स्वच्छ होने की अवस्था पकड़ना [३] देखो 'विसाखी' (बो) । या भाव, शुद्धता । विसिखि विसिख देखो !दिसिख' । विसिन ( नि, नी) - १ देखो 'विस्णु' । २ देखो 'व्यसन' । ३ देखो 'व्यसनी' । विसिमि पु० [सं०] १ प्रतिस्पर्द्धा, ईर्ष्या, होड़ । २ गर्व, श्रहंकार । विसिया १ देखी 'दिसिया' २ देखो 'विषय' । विसियारस - पु० [सं० विषय रस] १ कामवासना, कामेच्छा । २ भोगविलासमैथुन विसिरस्क पु० [सं० विशिरस्क] सुने पर्वत के पास का एक पर्वत । विसरा स्त्री० [० विशिर]] स्कंद की धनुचरी एक मातृका । विसिस्ट पु० [सं० विशिष्ट ] वस्तु या प्राणी जिसमें विशेष गुण हो, साधारण से विशेष हो । वि० १ प्रसिद्ध मशहूर कीर्तिवान । २ शिष्ट, सभ्य । ३ देखो 'वसिस्ठ' । विसिस्टो, विसिस्ठी, विसोठ- पु० [सं० विशिष्टी ] १ संदेशवाहक । खबर नवीस, दूत । स्त्री० २ शंकराचार्य की माता का नाम । ३ देखो 'वसीठ' । - गारी - स्त्री० दूत का कार्यं । प्रपशब्द, गाली । विसीसमूरति पु० [सं० विशीषमूर्ति ] कामदेव का नामान्तर विसुंडी - पु० [सं० विशु' डो] कश्यप ऋषि का पुत्र एक नाग । विसुंबरी-देखो 'विसूदरों' विसुंधरा- देखो 'वसुंधरा' । । । विसु१ देखो 'सु' २ देखो 'विस' विसुप्रावोस देखो 'विसवावीस' । - Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir विबुध- १ देखो 'विसुद्ध' । २ देखो 'बेसुध' । बिसुनपुर (पुरी पुरी) देखो 'विस्णुपुरी'। विसरण (सौ) - देखो 'बिरलों'। -. विसेरियो विसुरो (बी), विसुरली (बी) देखो 'बसूरणी' (ब)। विसुव० [सं० विधुव] दित धौर रात बराबर होने का समय जब सूर्य विषुवत् रेखा पर पहुंचता है । विवामित (मितर, मिति, मित्र) - देखो 'विस्वामित्र' । विरिण (सी) देखो 'विस्रांति'। विसू दरौ पु० (स्त्री० विसू ंदरी) छिपकली, विषैला जन्तु विशेष | विसू - देखो 'वसु' | विसूइया - देखो 'विसूचिका' । विकली (बी), वियुगली (बी) कि० १ रसहीन होना, सूचना, शुष्क होना। २ नष्ट होना। ३ सुन्न होना । ४ दुर्बल या कमजोर होना । ५ दूधारू पशु का दूध सूखना । विसूचिका - स्त्री० [सं०] हैजा नामक रोग | विसूची स्त्री० [सं० विषूची ] १ विरजू नामक राक्षस की पत्नी । २ देखो 'विसूचिका' । विसूलि (भी) देखो 'वस्त्रांति' । बिसूर पु० रुदन करने या सुबकने की क्रिया या भाव विसरण ( णो ) - पु० [सं० विसूरणं] १ दुःख, शोक, रंज, पश्चाताप । २ चिन्ता । ३ रुदन। ४ मरसिया, शोक काव्य । विसूरणी (बो)- पु० [सं० विसूरणं] १ सुबकना, रोना । २ दुःख, शोक, पश्चाताप करना । ३ चिन्ता करना । ४ विल होना । विसेक ( ख ) - स्त्री० यश, कीर्ति, प्रसिद्धि । वि० १ भयंकर, भयावह २ दुःखी, विन चित्त ३ पीड़ित ४ देखो 'विधि' ५ देखो 'विसेस' विसेखच्छेद्य पु० ६४ कलानों में से एक । " वणी (ब) ० १ देखना करना। २वलोकन करना । ३ समझना, विचार करना। ४ कहना, पुकारना । ७ गौर से देखना, निरखना । विसुक पु० [सं० विशुष] भण्डासुर नामक एक राक्षस विसुखी - देखो 'विस्रांति' । विसुद्ध - वि० [सं० विशुद्ध] १ बिलकुल खरा, शुद्ध २ बिना पाप का पाप रहित ३ कलंक रहित, पाप रहित । [४] सच्चा ठीक ५ पवित्र :-० योग या वंशानुसार शरीरस्थ प्राठ चक्रों में से पांचवां । चारी- वि० शुद्ध चरित्र या विशुद्ध आचरण करने वाला । विसुद्धता स्त्री० शुद्धता, स्वच्छता विसुद्धात्मा पु० परम निर्मल प्रात्म स्वरूप भगवान - वि० शद्ध विसेरियो पु० १ अनुशासन एवं स्वामिभक्ति में रहने वाला भावना वाला व्यक्ति । २ देखो 'बसीरो' । 3 विसेखापुद्गल पु० [सं० विशेषापुद्गल ] वे पुदगल जिनका श्रात्म संबंध नहीं हुआ हो । विसेति पृ० १ कारण २ देखो 'विखेख' ३ देखो 'विसेस' बिसेखियो, विसेखी, विसेखी-१ देखो 'विसेख' । २ देखो 'विसेस' 1 विसे विसेठ-देखो 'बसीठ' | For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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