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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir विलोपात विवरि वाला कार्य करना । २ बलात् कोई चीज लेकर भागना, | विल्व, विल्वपत्र-पु० [सं०] एक वृक्ष जिसके पत्तों से शिव की चोरी करना।३ हानि, नुकसान या क्षति करना। ४ उल्लंघन | पूजा की जाती है। करना। ५ हटाना, मिटाना, समाप्त करना। ६ अदृश्य | विवंत-पु. दशा, हालत, स्थिति। या लुप्त होना या करना। ७ गंवाना, खोना।८ विमुख विवत्स-वि० [सं०] जिसके पुत्र या सन्तान न हो । निःसन्तान । होना, पलटना। विवध-१ देखो 'विबुध' । २ देखो 'विविध' । विमोपात-देखो विलाप'। विवधा-देखो 'विविधता'। विलोपी-वि. विलोप करने वाला। विवधि-देखो 'विविध'। विलोम (न)-वि० [सं०] १ लोभ रहित । २ मोहित, माकर्षित, विवनउ-देखो "विवनो। ___लालायित । ३ ललचाने वाला । -पु. १ लालच । लन || विवनणी (बौ)-क्रि० मरना, अवसान होना। विवनौ, विवनौ-वि० (स्त्री० विवनी) १ मरा हुमा, मृत । २ बहकावा, फुसलाहट । ३ प्राकर्षण । ४ गुण कथन ।। २ उदास खिन्न चित्त । ३ विपत्तिग्रस्त, संटकासन्न । विलोम-वि० [सं०] १लोम या बाल रहित । २ विपरीत या विवन्नउ-देखो 'विवनी'। उल्टा। ३ विपरीत क्रम या गति वाला। ४ दुश्मन, विवनणी (बी)-देखो 'विवनणों' (बी)। विरोधी ।-पु. १ श्वान, कुत्ता । २ सर्प, सांप । ३ वरुण विवन्नौ-देखो 'विवनो। का एक नामान्तर । ४ रहट । ५ संगीत में अवरोह । ६ सितार मादि का मीड़। विवर-पु० [सं०] १ सर्प, चूहों व चींटियों मादि के रहने का बिल, छेद । २ कन्दरा, गुफा । ३ छेद, गड्ढा । ४ गते । विलोमसोमायन-पु. एक प्रकार का व्रत । ५ दरार, खाई । ६ पाताल । ७ त्रुटि, गलती। ८ किसी विलोळ, विलोल-वि० [सं० विलोल] १ हिलने-डुलने या लहराने ठोस पदार्थ में होने वाला खोखला स्थान । ९ घाव । वाला। २ चंचल, सुन्दर । ३ ढीला, शिथिल । ४ प्रस्त १० मूर्ख, नासमझ, विवेकहीन व्यक्ति। ११ भू-गर्भ गृह, व्यस्त. बिखरा हुमा ।-पु. ऐश-पाराम। तहखाना। १२ समुद्र, सागर । १३ व्योरा, हाल, वृत्तान्त । विलोळणी (बी)-क्रि. १ ऐश-भाराम करना। २ हिलाना १४ कपटी व्यक्ति । १५ दूर सन्देश वाहक । १६ नो की डुलाना । ३ हवा करना। संख्या । विलोवणउ-देखो 'विलोवो'। विलोवणी, विलोवणी-स्त्री. १ दही मथने का मिट्टी का पात्र । विवरजत (जित, जिति)-वि० [सं० विजित] १ वजित, २ दही मथने वाली स्त्री। निषिद्ध । २ उपेक्षित, वंचित । ३ रहित, बिना। ४ रुका हुमा । ५ वर्णन किया हुअा, कहा हुमा । विलोवरण (जौ)-पु. १ वही मथने का मिट्टी का बड़ा पात्र । विवरजितदे (देह)-पु० [सं० विजित-देह] निराकार, ईश्वर, २ दही मथने का कार्य। परमेश्वर। विलोवणी (बी), विलोवणी (बो)-देखो "विलोड़णी' (बी)। विवरण-पु० [स० विवरणं] १ प्रकट करना क्रिया, प्रकटन । विलोहणौ-देखो 'विलोवणू'। . २ विस्तृत विवरण, विवेचन, भाषा, टीका । ३ छेदने की विलोहित-पु० [सं०] १ तीन सिर, पर व हाथों वाला एक | क्रिया, छेदन । ४ मन्तव्य, स्पष्टीकरण। [सं० विवर्ण] राक्षस । २ कश्यप के पुत्रों में से एक । ५ जातिच्युत, जाति बहिष्कृत । ६ साहित्य में नायक, विलो-पु० १ वर्षा ऋतु में हरे घास या पानी में होने वाला नायिका संबंधी एक भाव ।-वि० [सं० विवर्ण:] १ नीच, एक कीड़ा । २ घास या पानी के साथ उक्त कीड़ा खा | कमीना, निम्न जाति या कुनाति का। २ बुरे या बेमेल जाने से पशु के होने वाला रोग। रंग का । बदरंग। ३ कांति या चमक रहित शोमा रहित । विल्या-देखो 'वेळा'। ४ मूर्ख, नासमझ । ५ अनेक रंगों का, रंग-विरंगा । विल्यो-देखो "बिल्यो। विवरत-पु० [सं० विवतं] १ चक्कर, फेरा, घुमाव । २ प्रत्याविल्लगणी (बी), विल्लगणी (बी)-देखो "विलगणो' (बी)। वर्तन, लौटना क्रिया । ३ भ्रम, भ्रांति । ४ नृत्य, नाच । विल्लभ, विल्लम-देखो 'वल्लभ'। ५ परिवर्तन । ६ समुदाय, समूह । -कलप, कल्प-पृ० जैन विल्लल-पु. एक देश का नाम । मतानुसार एक लोक । विल्लायत-देखो 'विलायत'।। विवराणी (बो)-क्रि० उच्चारित कराना। विल्लो-देखो 'बिल्लौ'। विवरि (री)-पु० सन्देश वाहक, दूत ।-वि० वर्णन करने वाला। For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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