SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 616
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir वितीत ( ६१० ) विदवेसणी बितीत (ति, ती)-देखो 'व्यतीत' । विथक-वि० थका हुमा। वितीपात-देखो 'व्यतिपात'। विथकणी (बो)-क्रि० थकना, थकावट महसूस करना । वितीपाती-देखो 'व्यतिपाती'। वियत-देखो 'वितथ'। वितुड-देखो "वितंड'।-वाव: "वितंडावाद। विधरणी (बी)-देखो "विस्तरणो' (बौ)।। वितु-वि० [सं० वतुल] १ गोलाकार, वतुंलाकार । ३ देखो| विथराणो (बो)-देखो 'विस्तारणो' (बी)। 'वित'। विथा-देखो 'गथा'। वितोड़णो (बी)-क्रि. तोड़ना । वियार-देखो 'विस्तार'। वितोल-वि० [सं० वितुल्य मतुल्य बलशाली। विधारण-वि. विस्तार करने या फैलाने वाला। वित्त-पु० [सं०] १ धन, सम्पत्ति, द्रव्य । २ एक प्राचार्य । | विचारणी (बो)-देखो "विस्तारणों' (बी)। ३ एक देव । ४ देखी 'वित'। वियित-देखो 'व्यथित'। वित्तगोप्ता-पु० [सं०] कुबेर के भण्डारी का नाम । वियुरणौ (बो)-देखो "विस्तरणो' (बी)। वित्तग्यांन-पु० [सं० वित्त-ज्ञान] ७२ कलाभों में से एक । विथ्य-पु० [सं० वीथि] पथ, मार्ग, रास्ता । वितरणौ (बो)-देखो 'बीतणी' (बी)। विवंड-पु० [सं०] द्रोपदी के स्वयंबर में उपस्थित एक राजा। वित्तदा-स्त्री० [सं०] एक स्कन्द मात्रिका विशेष। विव-वि० [सं०] १ जानकार, ज्ञाता। २ पंडित, कवि । वित्तनाप-पु० [सं० वित्त-नाथं] । कुबेर २ कोषाधिकारी।। -पु० १ एक प्राचीन ऋषि । २ देखो "विध' । वित्तप (पत, पति, पती)-पु० [सं० वित्तप, वित्तपति) १ धन | विदकरणों (बो), विक्करणो (बौ)-क्रि० चौंकना, चमकना । पति, कुबेर । २ कोषाध्यक्ष । विदकाउ-देखो 'विदको'। वित्तपाळ (ल)-पु० कुबेर का एक नाम । विदग-देखो 'वीदग'। वित्तपुर (पुरी)-स्त्री० कुबेर की अलकापुरी। विदर-१ देखो 'विदरी'। २ देखो 'विदुर'। वित्तरणी (बी)-१ देखो "विस्तरणो' (बी) । २ देखो "वितरणी' | विवरण-देखो 'विदीरण' । (बो)। विदरणी (बी)-देखो 'विदीरणो' (बी)। वित्तहीण (न)-वि० [सं० वित्त-हीन] १ धन के प्रभाव वाला। विदरम-पु० [सं० विदर्भ] १ नौखण्डाधिपति ऋषभदेव के नौ पुत्रों में से एक । २ माधुनिक बरार प्रदेश का प्राचीन नाम । २ गरीब निर्धन । ३ दरिद्र । ३ एक यदुवंशी राजा । ४ एक ऋषि । वित्ति-देखो 'बीति'। विवरमजा-स्त्री० [सं. विदर्भजा] १ अगस्त्य ऋषि की वित्तिकरु (रू)-वि० [सं०] वृत्तिकर्ता। पल्ली लोपामुद्रा का एक नाम । २ राजा नल की पत्नी वित्तेस-पु. [सं. वित्त-ईश] धनपति कुबेर । वित्तेसर (सुर, स्वर)-पु० [सं० वित्त-ईश्वर] धनपति कुबेर। दमयन्ती का एक नाम । ३ श्रीकृष्ण की रानी रुक्मिणी वित्ती-सर्व० उतना। ___ का एक नाम । वित्थर (रि, री)-देलो 'विस्तार'। विदरभा-स्त्री० [सं० विदर्भा] विदर्भ देश की राजधानी । वित्थरणो (बी)-देखो "विस्तरणो' (बी)। विदरभि-स्त्री० [सं० विभि] एक प्राचीन ऋषि का नाम । वित्यार-देखो "विस्तार'। विदरांणी-स्त्री० दासी, सेविका । वित्यारणो (ग)-देखो "विस्तारणों' (बो)। विदरी-स्त्री०१ हुक्का । २ देखो 'विदुर'। वित्युरो (बी)-देखो 'विस्तरणों' (बो)। विदळ (ल)-पु० [सं० वि-दल] १ हीजड़ा, जनखा। २ शत्रु वित्रप्त-वि० [सं० वितृप्त] १ जो तृप्त न हो, पतृप्त । | सेना । ३ एक राक्षस । ४ लाल रंग का सोना । २ असंतुष्ट । विदळणी (बी)-क्रि० दलित करना, नष्ट करना। वित्रभव-स्त्री० पूर्व व ईशान दिशा के मध्य की दिशा, कोण। विदल्ल-पु. ध्र व संधि नामक राजा का मंत्री। वित्रस-वि० [सं० वितृष] तृषा रहित, संतुष्ट । विदवान-देखो 'विद्वान' । चित्रण-वि० [सं० वितृष्ण] तृष्णा रहित. निस्पह. उदासीन। विदवीं-वि० सुन्दर, मनोहर । वित्रहोत (होत्र)-देखो 'वीतिहोत्र'। विदवेस-देखो ' विस'। वित्रा, वित्रासुर-देखो त्रासुर'। विदवेसक-देखो 'विद्व सक'। विष-देखो 'व्यथा'। विदवेसणी, विदवेसिणी-देखो "विद्व सिणी'। वित्रप्त-का) देखो विस्तारको (क)। For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy