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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पानडलो ( ५४ ) र पाइक पांनडलो-देखो 'पान'। पामरजोग-पु० [सं०पामरयोग] १ बाजीगर भादि के चमत्कारिक पानडी-स्त्री० [सं० पर्णम्] १ चंदा उगाहने की सूची, याद | खेल । २ निकृष्ट मानी जाने वाली योगिक क्रियायें। दाश्त । २ रहट में खट-खट करने वाला उपकरण । पामरी-देखो 'पांमड़ी' । ३ मूग, मोठ आदि के सूखे पत्ते । ४ देखो 'पनड़ी' । पामल, पांमलियौ-१ देखो 'पॉमर' । २ देखो 'पायलो'। पांनड़ो-१ देखो ‘पान' । २ देखो 'पांनो'। पाम्हणो-देखो 'पामणी'। पनिचराई-स्त्री० मवेशी चराने का एक टैक्स, कर । पाय-१ देखो 'पद', 'पांव' । २ देखो ‘पाम' । पानवान-पु० ताम्बूल रखने की डिबिया, पात्र । पायल, पायलियो, पायलो-वि० (स्त्री० पायली) पामारोग से पानवार-पु० सर्प का चित्र खुदा, अर्धमण्डलाकार पत्थर । ग्रसित। पानपखीण-पु० चन्द्रमा । पांव-पु० १ पैर, चरण । २ देखो 'पद' । ३ देखो 'पाम'। पानबीड़ो-पु० ताम्बूल की गिलौरी। पांवड़ो-डो)पु० [सं०पदक]१ कदम, डग, पैड। २ पायंदाज, पगपानस-स्त्री० तिलहन की सूखी पत्तियां । पांवड़ा। पानसी-स्त्री०१चने के पौधे की कच्ची पत्तियां । २ मोठ, मूग | पांवरणी-देखो 'पांमणी'। (स्त्री० पावणी) ___ आदि के पौधों की सूखी पत्तियों का ढेर । ३ देखो 'पनड़ी' ||पवर-देखो पामर'। पनिह, पानही-देखो 'पनही'। पोवळ, पावळियो, पावळी-१ देखो 'पायलो'। २ देखो 'पद' । पनि-देखो 'पाणि'। (स्त्री० पांवळी) पानिप-पु० [सं० पानः] १ नगाड़ा, ढोल । २ शराब पीने पांस-स्त्री० [स० पांशु] १ रज, धूलि । २ देखो फांस' । वाला व्यक्ति । ३ देखो 'पणिय' । ४ देखो 'पाणिप'।। | पांसर-पु० १ डांस, गोमक्खी । २ देखो 'पांसुल'। पांनी-देखो 'पाणी' । पासळि, पासळी-देखो 'पासळी' । पानीपथ-देखो 'पाणीपथ'। पांसु-१ देखो 'पास' । २ देखो 'पांसली'। पांनूस-देखो 'फांनूस'। पांसुखुर-पु० घोड़ों के पैरों का एक रोग । पांनोळी-स्त्री० नए पौधे पर पाने वाली पत्तियां, नवीन पत्ते। पांसुभंग-पु० [सं० पशुका-मंज] छोटी पसली का ऊंट । पांनो, पान्ही-पु० [सं० पान] १ नगाड़ा।२ हिस्सा व अधि- पांसुल-वि० [सं० पांशुल] १ पापी, दुष्ट । २ गंदला किया हुअा, कार । ३ सम्पर्क, व्यवहार । [सं० पणं] ४ कागज, पत्र। . मलिन । ३ भ्रष्ट, पतित । ५ पृष्ठ, पेज । ६ वंश । ७ पत्ता। [फा० पहन] ८ माता | पांमुळी-स्त्री० [सं० पांशुला] १ रजस्वला । २ छिनाल औरत । के स्तनों में पाने वाला दूध । ९ जमीन का भाग, हिस्सा ।। ३ देखो 'पासळो' । १० लंबे कागज की तरह का खेत । ११ शस्त्र आदि की | पांस-देखो 'पांस'। धार। १२ देखो 'पान'। पांसौ-देखो 'पासो'। पापण, पापरिण-स्त्री० पलक । पहि-स्त्री० १ महीनतम रज या धूलि । २ देखो 'पास' । पांमड़ी, पाभरी-स्त्री० [सं० पक्ष्माटिका] १ एक प्रकार का पाहणी-देखो 'पांमणो' । दुशाला, प्रोढ़ने का वस्त्र । २ दुल्हिन को विवाह-मण्डप पहि, पाही-क्रि०वि० पास, निकट । में प्रोढ़ाने का वस्त्र । | पाहुणो-देखो 'पांमणी'। पांम-स्त्री० [सं० पामन] १ रक्त विकार से होने वाला एक | पा'--देखो 'पास'। चर्म रोग । खुजली। २ रोग, बीमारी। ३ व्यर्थ की बला। पा-वि० पीने वाला। -पु० १ पान । २ पक्षी। ३ मत । पांमड़ी-देखो 'पांभड़ी'। -स्त्री० ४ शिवा । ५ रज, धूलि । पामडो-देखो 'पांवडो'। पान-देखो 'पद'। पामणचार, पामणाचार-पु. खातिरदारी, पावभगत । | पामणी (बी)-देखो 'पाणी' (बी)। पांमणी-पु० [सं० प्राघुणक] १ मेहमान, अतिथि। २ जमाता, पारिनौ-देखो 'पायडी'। जमाई। पाराधिय, पापाराधिय-पु० मोट से मारने वाला भील, पामणी (बी)-देखो 'पाणी' (बो)। शिकारी। पामर-वि० [सं० पामर १ नीच कुल या वंश का । २ पापी, | पाइ-देखो 'पद' । नीच । ३ मूर्ख, निर्बुद्धि। | पाइक (क्क)-देखो 'पायक' । For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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