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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra वाघमो वामिणो (बी) देखो 'बधाणी' (बी) वाधाऊ - देखो 'बधाऊ' । वाधारणो (यो) देखो 'बधारणो' (बी)। बाधारी-देखो 'बधारों' वाधाव (बी) देखो 'बधाणी' (वो । वाधि, वाधी - १ देखो 'बद्धी' | २ देखो 'व्याधि' । ३ देखो 'arat', बाधौ - देखो 'बाधो' । वापक- देखो 'व्यापक' । वाणी - वि० [सं० व्यापनं] १ भीतर-बाहर सर्वत्र व्याप्त होने वाली शक्ति । २ व्यापने वाली । - वापस वि० [फा०] २ मोटा हुधा, फेरा हुधा प्रतिदत्त ४ पुनः, दुबारा । 1 वापसी (बी) - देखो 'व्यापणी' (बो) । यापरी (ब) वापरणी (बौ) - क्रि० [सं० व्यासतरणम् ] १ उपयोग में लाना, काम में लेना । २ खाना । ३ लेकर श्राना, लाना । ४ व्यास होना, फैलना । ५ जाना । ६ उदय होना, पैदा होना । ७ सुख - दुःख का संचार होता ८ शुरू होना प्रारंभ होना । वापार - देखो 'व्यापार' । वापारी- देखो 'व्यापारी' । बाप www.kobatirth.org हुआ, धा " ( ५८७ ) वापसी स्त्री० [फा०] १ लौटने या वापस प्राने की क्रिया या भाव । २ लौटाने या फेरने की क्रिया या भाव । वाफरणी (बी) - देखो 'बाफरणी' (बौ) । वाकतो देखो बाफती' - वापीत्री० [सं० वापी] कृए वा कुनुमा जलाशय जिसमें सीढ़ियां बनी होती हैं । कुण्डमा प्रत्यागत । २ लौटाया छिपा हुआ क्रि०वि० वामराभूत-देखो आभराभूत' वामी, वामी- देखो 'भाभी' । वामीजी, बामीसा, वामीजी, दामोसा देखो 'भाभीजी' यामो, वामीजी, वामी, वामीजी देवी 'भाभोसा' वायंगणनेत्र - पु० एक वस्त्र विशेष । बाय स्त्री० [फा०] वाय] १. मनोकामना, मुराद, इच्छा २ अफीम की खुराक, मात्रा [सं० वाय: ] ३ बुनावट बुनाई । ४ सिलाई। [सं० वायुः ] ५ पश्चिमोत्तर कोण, वायव्य कोरण, [सं० वचन] ६ वाणी, वचन । ७ देखो 'बापी' । ८ देखो 'वायु' । । atus - पु० [सं० वातिः ] १ सूर्य, चन्द्रमा ३ देखो 'वात' । चायक पु० [सं०] बायक] १ जुलाहा २ देर संग्रह दाय । ४ संदेश, खबर, समाचार - वि० [स० बाचक] 1 १ संदेशा लाने वाला, सूचना देने वाला, दूत । २ कहने बाला, वक्ता, व्याख्याता । ३ पढ़ने वाला, पाठक । ४ देखो 'वाक्य' । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir वायकचर - देखो 'वाइकचर' । बायकुड बाय डो पु० [सं०] वात-कुण्ट] १ चन्द्रमा के चारों २ इसी प्रकार सूर्य के श्रोर दिखने वाला एक वृत्त विशेष चारों भोर दिखने वाला घेरा । - बायसूळ बाय बाय बाय बाय बायड़ियों, बावड़ी पु० [सं० वातकारक ] १ पागल कुत्ता । २ उक्त कुत्ते के काटने से उत्त्पन्न रोग । ३ पागल दिवाना । ४ वात विकार से पीड़ित । ५ ज्वर प्रलाप । ६ वात कारक । वारण (रि, पी ) - स्त्री० १ दुर्गा का एक नामांतर, देवी २ गहलोतों की कुल देवी । ३ वाद्य बजाने वाली । वायगो-देखो 'बाजणी' । वायणो (बौ) - १देखो 'बाजणी' (बो) । २ देखो 'बावणी' (बो) । वायदो-देखो 'वादी' । वायनद- पु० [सं०] वायु-नंदन] १ हनुमान । २ भीम । वायपुरी-स्त्री० [सं० वायु-पुरी] पवनदेव की पुरी । गायत्र देखो'वायस्य' । वायर-१ देखो 'बैर' । २ देखो 'वायु' । वा'वर देखो 'बाहर' वायविडंग, वायविड़ स्त्री० [सं०] पौषधि में काम पाने वाली एक प्रकार की झाड़ी जो बहुत तेजी से फैलती है । यह हिमालय में भारत के पहाड़ी भागों में सर्वत्र पाई जाती है। वायरियों, वायरो, वायरियो, वायरी- पु० १ एक लोक गीत विशेष | २ देखो 'बा'यरों' | वायरी-देखो 'बा'यरों' | वाल - स्त्री० १ स्त्रियों के पांवों की पायल २ बारीक सूती वस्त्र । ३ वह खेत जिसमें खेती की जाती है । वायव- देखो 'वायव्य' । वायवी स्त्री० १ एक महाविद्या । २ वायव्य कोण की । ३ देखो 'वायव्य' । वायव्य-पु० उत्तर-पश्चिम के मध्य की दिशा या कोण । - वि० वायु संबंधी। वायस, वायसड़ी- पु० [सं० वायसः ] १ कौवा, काक । २ अगरू का वृक्ष । ३ तारपीन । ४ कौर, निवाला । ५ सूर्य या चंद्र ग्रहण । ६ पकड़, गिरफ्त | For Private And Personal Use Only वायससात्रव - पु० [सं० वायसः शात्रत्र ] जल कोमा, जलकाक । सू० [सं०] वायु-न] १ घोड़ों का रोग विशेष २ बात विकार से उत्पन्न फोड़ा ।
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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