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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (५७७ ) - बहीलो बहर-देखो 'बेहद'। वहालो-देखों 'बा'लो। वहन-पु० [सं०] १ ग्रहण या धारण करने की क्रिया या | बहाव-देखो 'बहाव' । भाव । २ उत्तरदायित्व या जिम्मेदारी लेने की क्रिया | वहावरणौ (बौ), वहावरणो (बौ)-देखो 'बहाणों' (बी)। या भाव। ३ बोझे को ढोवाई, लदाई। ४ सवारी। | वहिवगो (बो)-देखो 'बैंचरणो' (बो)। ५ नाव या बेड़ा। ६ ध्वजा। ७ खंभे के नौ भागों में से | बहि, वहि-देखो 'बही'। सब से नीचे का भाग। ८ देखो 'बहन'। ९ देखो 'वह्नि'। वहिउ-वि० [सं० व्यूह १ फैला हपा, चौड़ा, प्रशस्त । २ वृद्धि वहनि (नी)-१ देखो 'वहणी' । २ देखो 'वहन्य"। ३ देखो 'बाह्न। को प्राप्त । ३ वृद्ध, बुढा । ४ दृढ़, सशक्त । ५ विवाहित । बहनीसिखा-देखो 'वह्निसिख'। । बहिचरणो (बौ)-देखो 'बैंचरणो' (बी)। वहन, वहनि-१ देखो 'वह्नि'। २ देखो 'बहन'। वहिरण, वहिणि (रणी)-देखो 'बहन' । वहन्य-पु० एक सूर्यवंशी राजा। वहम, बहम-पु. [म.] १ संदेह, माशंका, भय की कल्पना । वहितिक, वहिन, बहित्रक, बहित्रिक-स्त्री० [सं० बहित्रक] २ संदेह, भ्रम । ३ शक-सुबा । ४ गलतफहमी। ५ अंध १ नाव, जहाज । २ बेड़ा, पोत ।। - विश्वास । ६ अविश्वास । बहित्थ-पु० [सं० वाहित्थं] हाथी का मस्तक । बहमी, बहमी-वि० [40] बहम करने वाला, शक करने वहिनी-पु० नगर का चौहटा। वाला। २ किसी पर प्रविश्वास करने वाला। ३ स्वभाव बहिन-१ देखो 'वह्नि' । २ देखो 'बहन'।-मुख- वह्निमुख' । से शक्की । वहिनी-स्त्री० [सं०] १ नाव, नौका । २ बेड़ा, पोत । ३ देखो बहरणो (बी)-देखो 'बैरणो' (बो)। ..'वाहनी'। ४ देखो 'बहन' । ५ देखो 'वह्नि'। वहरांमसद-वि० [फा० बहरामंद] सम्पन्न भाग्यशाली, बहिरंग-देखो 'बहिरंग'। धनाढ्य । वहिरउ-देखो 'बहरो'। वहराइणो (गे), बहराणी (बो), वहरावणो (बो)-देखो वहिरणौ (बो)-देखो 'बरणी' (बो)। ' 'बैराणो' (बो)। वहिरलापिका-स्त्री० [सं० बहि पिका] पहेली, समस्या । वहळ, बहल, बहलि, बहली-१ देखो बहल'। २ देखो 'वेहळ'। वहिराणो (बो)-देखो 'राणी' (बो)। ३ देखो 'बळद' । ... वहिरांमण-पु. महादि क्षेत्र के तीर्थकर । वहलियो-१ देखो 'बळद' । २ देखो 'बहलियो'। वहिरौ-देखो 'बहरो'। वहली-स्त्री० [सं० बहला, बहल] १ बड़ी इलायची। २ ऊख वहिल-१ देखो 'बहल'। २ देखो 'बैल'। विशेष । वरिलउ, वहिल-देखो 'वहिलो' । वहिनी (लो)-क्रि० वि० [सं० वहिल्ल] (स्त्री० वहिली) वहव, वहव-देखो 'बहू'। १ शीघ्र, तुरंत, जल्दी । २ पहले, पूर्व । ३ बिरला। वहवारियो, वहवारिया-देखो 'व्यवहारियो'। बहिरूल-१ देखो 'बैल' । २ देखो बहल'। वहाहरणो (बी), वहाणी (बी), बहारणी (बी)-क्रि० १ कहीं | वहिस-अव्य० १ पच्छे समय पर । २ देखो 'बहिस' । जाने के लिये प्रेरित करना, चलाना, गमन कराना । वहीं-प्रव्य० १ उसी जगह, स्थान या क्षेत्र में। २ उसी समय, २ बहाना, प्रवाहित करना । ३ तिराना, बहाना । ४ भट क्षरण या घटना के साथ । ३ उसी। काना, घुमाना । ५ गतिमान करना, गति देना, चलाना । | वही, वही-प्रव्य व्यक्ति या वस्तु के प्रति संकेत देने वाला सर्व६ घमाना, टहलाना। ७ प्राचरण कराना । ८ अलग नाम । उस ।-स्त्री० [सं० वयस ] । प्रायु उम्र । २ देखो हटाना, दूर कराना।६ प्रहार कराना, पाघात कराना। 'बहो'। १० वध कराना, मरवाना। ११ उछालना। १२ प्रचलित वहीण-देखो "विहीन'। कगना । १३ टपकाना, झरवाना। १४ बोवाई कराना। १५. जिम्मेदारी डालना । १६ लदवाकर लेजाना । वहीणो (बो)-देखो 'वहणो' (बी)। १७ शपथ दिलवाना। वहीर-पु०१ प्रस्थान, गमन, प्रयाण, कृच । २ सदा साथ रहने वहानो-देखो 'बहानौ'। वाला नौकर, अनुचर, परिजन। ३ कुटुम्बी, नातेदार, वहार-देखो 'बहार'। रिश्तेदार । ४ सेना। बहाळो-देखो 'बाळो'। | बहोली -देखो 'बहिलो'। For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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