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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir वरवाचतुरयो । ५६७ ) बरवती ३ यशस्वी । ४ वीर । ५ वरदान या सिद्धि । ६ वरदान से | बरनोळी (लो), वरनोळो-देखो 'बंदोळो' । उत्पन्न । ७ अनुकूल, लाभप्रद । वरनो, वरनौ-देखो 'वरणो'। वरदाचतुरथी, वरदाचौथ-स्त्री० [सं० वरदाचतुर्थी] माघ शुक्ला | वरन-देखो 'वरण' । . चतुर्थी । वरनी-देखो 'वरणी'। वरदात-वि० [सं० वरदात] वर देने वाला, वरदाता ।-स्त्री० | वरनौ-देखो 'वरणी'। [सं० वरदात्री सरस्वती, पार्वती, गिरिजा। वरपूर-देखो 'भरपुर। .. वरदाता, बरवाता-वि० [सं० वरदातृवर देने वाला, वरदायक। वरम-पू० [सं० वमन्] १ कवच, बख्तर। २ घर, मकान । -पु० १ ब्रह्मा, विष्णु, महेश । २ कोई देव । ३ छाल, गूदा । ४ पित्त पापड़ा। [फा० वरम] ५ सूजन, वरदाय, वरदायक, वरदायक, वरदायक-वि० १ वर देने वाला, शोथ । ६ धाव । ७ देखो 'ब्रह्म'। वरदाता । २ सिद्धि देने वाला । ३ श्रेष्ठ। ४ यशस्वी वरमा,-स्त्री० [सं० वर्मन्] १ उपनाम । २ कुछ जातियों कीतिवान । ५ वीर । ६ सिद्धि प्राप्त । ७ वरदान प्राप्त । के लोगों के नाम के पीछे लगने वाली उपाधि । ३ देखो ८ फलदायक। 'ब्रह्मा'। वरदायण, वरदायणि वरवायणी, वरदायिणी, वरदायिणी | वरमाळ, वरमाल-देखो 'वरमाळा' ।। -स्त्री० [सं० वर-दायिनी] सरस्वती।-वि० १ सिद्धि व | वरमाळपो (बी), वरमाळरणी (बी)-क्रि० १ दुल्हे-दुल्हिन द्वारा सफलता देने वाली । २ वर देने वाली। परस्पर माला पहनाना, डालना। २ जयमाला डालना । बरदायी-देखो 'वरदाई'। ३ विवाह, शादी या वरण करना । ४ स्वीकार या अंगीकार . वरदाळ (को)-देखो 'विरुदाळो' । करना। वरवी-स्त्री० [अ० वर्दी] किसी विभाग या संस्था के कर्मचारियों | वरमाळा (ला), वरमाला-पु० [सं० वर+माला] १ दुल्हिन की निर्धारित पोशाक । द्वारा दूल्हे के गले में पहनाई जाने वाली माला, हार, वरदेत, वरवैत-देखो 'वरदाता' । पुष्पहार । २ जयमाला। वरखक-वि० [सं० वद्ध'क] १ वृद्धि करने वाला, बढाने वाला। | वरम्म-देखो 'वरम' । [सं० वर्धक] २ काटने वाला। ३ विभाजित करने वाला। वरम्मा-देखो 'ब्रह्मा' । वरखन-पु० [सं० बर्द्धन] १ वृद्धि, बढ़ोतरी। २ उन्नति । वरम्माळ, वरम्माळा(ला),वरम्माल,वरम्माळा-देखो 'बरमाळा । ३ बढ़ने की स्थिति। वरय-देखो 'वरद'। वरद्धमाण, वरखमांन-वि० [सं० वर्द्धमान] १ जो बढ़ रहा हो, वरयता-पु० [सं० वरियता] "स्त्री का पति, भर्ता, स्वामी । बढ़ने योग्य । २ बढने की प्रवृत्ति वाला। ३ उन्नति के -वि० वरण करने वाला। लिये उन्मुख ।-पु० १ जैनियों के चौबीसवें तीर्थकर, महावीर वरयात्रा-स्त्री० [सं०] १ विवाह के लिये दूल्हे का बारात सहित स्वामी। २ एक वर्णवृत्त। ३ वार-नक्षत्रों संबंधी एक गमन, प्रस्थान । २ बारात । योग। ४ जैन मतानुसार एक ग्रह । वररमा, वररमा-पु० [सं० रमा-वर] विष्णु; श्रीराम । वरद्धमांनतप-पु. एक व्रत विशेष । (जैन) वररुचि-पु० [सं०] १ सुविख्यात प्राकृत व्याकरणकार । वरधक, वरधक-पु० [सं० वधंक] १ बढई, तक्षक । २ देखो २ नाट्य शास्त्र के प्रणेता विशेष । 'वरद्धक'। वरळ, वरळक-पु० [सं० वरलः] १ सूर्य, सूरज । २ हंस । बरधका-स्त्री० [सं० वृद्धा] १ गाथा छंद का एक भेद। २ देखो ३ बरया। ४ प्रकाश, उजाला, रोशनी। 'प्रद्धा' । वरलच्छि-पु० [सं० लक्ष्मी-वर] विष्णु। वरधापन-देखो 'वृद्धापन'। वरळणी (बी)-देखो 'विरळणी' (बी)। वरन्-अव्य० [सं०] १ बल्कि । २ ऐसा नहीं। वरला-स्त्री० [सं०] हंसनी, मादा हंस । वरन-देखो 'वरण'। वरळु (लु)-देखो 'विरळो'। (स्त्री० वरळी) वरनसन-पु. कवि, पंडित । वरवंछक, वरवंछत-वि० बुरा चाहने वाला। वरना-प्रव्य० [फा० वर्ना] १ भन्यथा; नहीं तो। २ ऐसा न | वरवड़ी-स्त्री० चारण वंशोत्पन्न एक देवी। हमा तो। .वरवती, वरवती-वि० १ सौभाग्यवती, सुहागन। २ जिसे वरवरनोळी (ली), वरनोळी-देखो 'बंदोळी'। दान प्राप्त हो ।-स्त्री० सुहागन स्त्री। For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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